देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सरकारें कोरोना को काबू में करने के लिए पूरी कोशिश करने में लगी है। वहीं कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन का तीसरा चरण 4 मई यानी आज से शुरू हो गया है। लॉकडाउन के बीच लंबे समय से प्रवासी मजदूर और छात्र फंसे हुए हैं। अब एक महीने बाद सरकार ने मजदूरों की घर वापसी को लेकर मंजूरी दी है।
केंद्र सरकार ने रेल किराये का सारा खर्च मजूरों से वसूलने का फैसला लिया है। इसको लेकर राजनीति गरमा गई है। लॉकडाउन के बीच प्रवासियों से रेल किराया वसूलने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बड़ा फैसला लिया है। अब सभी जरूरतमंद मजदूरों के रेल टिकट का खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई प्रवासी मजूरों की घर लौटने की रेल यात्रा के टिकट का खर्च उठाएगी। साथ ही जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
सोनिया गांधी ने कहा कि जब विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को बिना किसी खर्च के वापस ला सकते हैं, गुजरात में एक कार्यक्रम में 100 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं, रेल मंत्रालय पीएम राहत कोष में 151 करोड़ रुपये दे सकता है तो फिर फंसे हुए मंजदूरों के किराये का खर्च क्यों नहीं वहन कर सकते हैं। बता दें कि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालु और पर्यटकों को उनके गृह राज्य जाने की इजाजत दी गई है। इस बार लॉकडाउन के बीच सरकरा ने कई रियायतें दी है। लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए देश को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांट दिया है। Source समाचार नामा