नई दिल्ली: राज्यों के श्रम मंत्रियों और दक्षिणी राज्यों अर्थात् आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, लक्षद्वीप एवं पुडुचेरी के श्रम विभाग के प्रधान सचिवों/सचिवों का क्षेत्रीय सम्मेलन आज चेन्नई में भारत सरकार के माननीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्तात्रेय जी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि केंद्र सरकार समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति, चाहे वह युवा, महिला, अल्पसंख्यक पिछड़ा वर्ग अथवा ग्रामीण गरीब ही क्यों न हो, को एक हितधारक और भागीदार बनाया जाना चाहिए।
मंत्री महोदय ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’, ‘कौशल भारत’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के शुभारंभ के बाद समूची दुनिया का नजरिया भारत के प्रति बड़ा ही सकारात्मक हो गया है। भारतीय श्रम बाजार अब और ज्यादा जीवंत होता जा रहा है तथा पूरी दुनिया में यहां के कामगारों की अच्छी मांग देखी जा रही है। इन संसाधनों का दोहन करते वक्त यह सरकार रोजगार सृजन के साथ-साथ यहां की श्रम शक्ति का दर्जा बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध है, ताकि उन्हें और ज्यादा सम्मानित, मूल्यवान एवं वित्तीय दृष्टि से और अधिक सक्षम बनाया जा सके। यही नहीं, भारतीय श्रम बल की सुरक्षा भी एक प्राथमिकता है।
उन्होंने अपनी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों और लागू किए गए सुधारों के बारे में विस्तार से बताया, जिनमें प्रौद्योगिकी आधारित पहल जैसे कि श्रम सुविधा पोर्टल, एनसीएस और यूएएन भी शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि दक्षिण राज्य इन पहलों से जुड़ने की इच्छा जता रहे हैं।
श्री दत्तात्रेय ने सरकार द्वारा हाल ही में उठाए गए विभिन्न कदमों/शुरू की गई योजनाओं पर रोशनी डाली जिनमें पीएमआरपीवाई और पारिश्रमिक के भुगतान के लिए जारी किया गया अध्यादेश भी शामिल हैं। कामगारों के वित्तीय समावेश के लिए राज्यों और बैंकों के साथ गठबंधन करके श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहल भी इन कदमों में शामिल हैं।
दिन भर चले इस सम्मेलन के दौरान चार तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। ये तकनीकी सत्र मंत्रालय की विभिन्न विधायी, प्रशासनिक और प्रौद्योगिकी आधारित पहलों पर आयोजित किए गए। राज्यों ने श्रम कानून संबंधी सुधारों एवं तकनीकी कदमों के साथ-साथ कामगारों की सामाजिक सुरक्षा से जुड़े प्रोत्साहनों की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा की गई पहलों का स्वागत किया।
श्री दत्तात्रेय ने अपने समापन संबोधन में विशेष जोर देते हुए कहा कि सहकारी संघवाद एक महत्वपूर्ण साधन है जिसकी बदौलत भारत में तेज विकास हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सशक्त राज्य ही एक मजबूत भारत की नींव हैं। उन्होंने राज्यों के कल्याणकारी उपायों के लिए उन्हें बधाई दी और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।