नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस वर्ष केरल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून-2016 के प्रारंभ होने में कुछ विलंब होने की भविष्यवाणी की है। मॉनसून की शुरूआत की भविष्यवाणी के लिए आईएमडी द्वारा प्रयुक्त सांख्यिकीय पद्धति से संकेत मिलता है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के केरल में 7 जून तक पहुंचने के आसार हैं, जिसमें 4 दिनों का ज्यादा या कम का अंतर हो सकता है।
पृष्ठभूमि
केरल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का पहुंचना भारतीय उपमहाद्वीप में मॉनसून के आगमन का संकेत देता है और इस क्षेत्र में वर्षा के मौसम की शुरूआत का प्रतिनिधित्व करता है। केरल में मॉनसून के पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। 2005 से ही भारतीय मौसम विभाग स्वदेशी रूप से विकसित सांख्यिकीय पद्धति का उपयोग कर केरल में मॉनसून के आगमन की तारीख के लिए संचालनगत भविष्यवाणी जारी करता रहा है, जिसमें 4 दिनों का ज्यादा या कम का अंतर शामिल है। यह पद्धति भविष्यवाणी के लिए निम्नलिखित 6 कारकों का उपयोग करती रही है।
- i) उत्तर-पश्चिम भारत के ऊपर न्यूनतम तापमान
- ii) दक्षिण प्रायद्वीप के ऊपर मानसून पूर्व बारिश की शीर्ष स्थिति
iii) दक्षिण चीन महासागर के ऊपर निर्गामी लम्बी धारा विकिरण (ओएलआर)
- iv) दक्षिण-पूर्वी भारतीय महासागर के ऊपर निम्न क्षोभ मंडलीय क्षेत्रीय वायु
- v) पूर्वी विषवतरेखीय हिन्द महासागर के ऊपर ऊपरी क्षोभ मंडलीय क्षेत्रीय वायु एवं
- vi) दक्षिण-पश्चिम प्रशांत क्षेत्र के ऊपर निर्गामी लम्बी धारा विकिरण
2015 के अपवाद को छोड़कर पिछले 11 वर्षों (2005 से 2015) के दौरान मॉनसून के आगमन के लिए जारी भविष्यवाणी सटीक साबित हुई है। पिछले पांच वर्षों के लिए भविष्यवाणी का प्रमाणीकरण नीचे दिया गया है-
साल | वास्तविक आगमन तारीख | भविष्यवाणी की गई आगमन तारीख |
2011 | 29 मई | 31 मई |
2012 | 5 जून | 1 जून |
2013 | 1 जून | 3 जून |
2014 | 6 जून | 5 जून |
2015 | 5 जून | 30 मई |
अंडमान सागर के ऊपर मॉनसून के आगे बढ़ने से संबंधित कुछ मुद्दे
अंडमान सागर के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य रूप से 20 मई के आसपास आगे बढ़ता है, जिसमें लगभग एक सप्ताह का मानक परिवर्तन हो सकता है। पिछले कई दिनों से विषवतरेखीय हिन्द महासागर के ऊपर मजबूत संवहनी गतिविधि देखी जा रही है। भारतीय हिन्द महासागर के ऊपर एक मजबूती से चिन्हित निम्न दबाव क्षेत्र का निर्माण हुआ है, जो एक संक्षोभ में परिणत हो जाएगा और उत्तर-पश्चिम की दिशा में आगे बढ़ेगा। इसके परिणामस्वरूप निकोबार द्विपसमूह, दक्षिण अंडमान सागर और दक्षिण बंगाल की खाड़ी के हिस्सों में 17 मई के आसपास दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून के आगमन के लिए और इसकी सामान्य तारीख के ईर्द-गिर्द पूरे अंडमान सागर के ऊपर आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं। पिछले आंकड़े प्रदर्शित करते हैं कि अंडमान सागर के ऊपर मॉनसून के आगे बढ़ने की तारीख का न तो केरल में मॉनसून के आगमन की तारीख और न ही देशभर में मॉसमी मानसून की बारिश के साथ कोई संबंध है।