लखनऊः इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आज आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न सत्रों में देशभर से आये अधिकारियों एवं शैक्षिक संस्थानों के विशेषज्ञों ने स्मार्ट सिटी तथा जल संचयन एवं जल संरक्षण के लिए विभिन्न शहरों में अपनायी गयी आधुनिक रणनीति तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए उ0प्र0 में भी इसको अपनाने पर विचार करने का सुझाव दिया।
तमिलनाडु सरकार के अपर मुख्य सचिव एवं मिशन निदेशक, स्मार्ट सिटी श्री थिरू शिवदास मीना ने अमृत-2 कार्यक्रम के तहत संचालित परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के लिए अमृत-2 के तहत संचालित किये जा रहे कार्यक्रमों में ऐसे बदलाव किये जाने चाहिए जिससे शहरी जीवन को स्वस्थ एवं सुविधाजनक बनाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने पर बल दिया जाय।
इसके अतिरिक्त मरकरी हाल में आयोजित पैनल डिस्कशन में श्री दुर्गाशंकर मिश्र, सचिव आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने एसबीएम-2 के अन्तर्गत अग्रदृष्टि परामर्शीय कार्यशाला से जुड़े हुए विभिन्न बिन्दुओं पर सकारात्मक विचार रखते हुए कहा कि आज के दौर में शहरों के समक्ष जनजीवन से सम्बंधित जो समस्याएं उभर कर आ रही हैं, उनके समाधान के लिए समय-समय पर विशेषज्ञों की कार्यशाला आयोजित करके नवीन जानकारियों प्राप्त की जा सकती है। इसके साथ ही उनके द्वारा दिये गये सुझावों पर कारगर रणनीति अपनाकर भविष्य में आने वाली समस्याओं का समाधान ढूढ़ा जा सकता है।
आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे अमृत महोत्वस के अंतर्गत अन्य सत्र में ‘‘न्यू अरबन इण्डिया’’ कार्यक्रम में शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 75 घण्टे के अंदर सार्वजिनक स्थानों को सदुपयोग कर नये रूप में ढालने पर सत्र का आयोजन किया। इसमें उदयपुर स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री निलाभ सक्सेना, नागपुर स्मार्ट सिटी की सीईओ सुश्री भुवनेश्वरी, कोयम्बटूर स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री एन. राजकुमार, श्रीनगर स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री अतहर आमिर खान, जम्मू स्मार्ट सिटी के श्री अवनी लवासा तथा कोहिमा स्मार्ट की ज्वाइंट सीईओ अवेलू रूहो ने हिस्सा लिया।
पैनल डिस्कशन के दौरान सभी ने अपने-अपने शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने संबंधित विशेष गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। पैनेल डिस्कशन के दौरान शहर के खाली सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों, कम्यूनिटी संेटर, रोड, पार्किंग, सार्वजनिक पार्कों आदि को नये स्वरूप में तैयार करने पर चर्चा की गयी।