चंपावत/देहरादून: देवीधुरा, मां बाराही देवी के प्रांगण में हर वर्ष की भांति रक्षाबन्धन के अवसर आयोजित होने वाले बग्वाल (वर्तमान में फूल एवं फलों का युद्ध) मेला में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल हुए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री श्री रावत ने उत्तराखण्ड के ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहरो के संरक्षण व संर्वधन के साथ-साथ बुर्जुगों का सम्मान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार नौजवानों के लिए रोजगार के नये अवसर ला रही है। विभिन्न सरकारी व गैर संरकारी संस्थाओं में 30 हजार पदो पर शीघ्र नियुक्ति की जायेगी। स्कूलों में गेस्ट टीचरो के माध्यम से रिक्त अध्यापकोें के पदों को भरा जा रहा है। पुलिस बल में 18 सौ महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती सहित 2 हजार पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जायेगी। पीआरडी में 3 हजार महिलाओं की भर्ती की जायेगी। उन्होंने लोगो को खेती पर विषेश ध्यान देते हुए मडुवा, नीबू, संतरा, नांरगी, नाशपाती आदि फलदार तथा अन्य चारा प्रजाति के वृक्ष लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि फलदार पौध से आने वाले समय में आर्थिक स्थिति में सुधार होगा वही चारा प्रजाति के वृक्षों के रोपण से पशु पालन व दुग्ध उत्पादकता में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर क्षेत्रीय जनता के मांगों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने देवीधुरा मैदान के विस्तार करने, इण्टर काॅलेज देवीधुरा में 4 नये कक्षों के निर्माण, 2016 तक पेयजल योजना का पुर्नगठन, खुशीराम आर्य पांडाल के स्थल के सौन्र्दयीकरण एवं विकास के लिए 1 करोड की घोषणा, चेतना केन्द्र से महाविघालय तक सड़क निर्माण की घोषणा की। उन्होंने गांवों में पानी संचय हेतु चाल-खाल निर्माण करने की बता कहते हुए बताया कि सरकार ऐसे गांवों से पानी खरीद करेगी। उन्होंने महिलाओं को रक्षाबन्धन व बग्वाल की बधाई देते हुए उन्हें सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना से जोडने की बात कही। उन्होंने कहा कि बीमा प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने महिलाअें से अधिक पौध रोपण कर 3 वर्ष तक उसकी सुरक्षा करने पर प्रति पेड 3 सौ रूपये सरकार देगी। गंगा गाय योजना के तहत बेसहारा महिलाओं को 500 गाय उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने जनपद को दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान पर लाने के लिए प्रयास करने की बात कही।
बग्वाल के समापन के उपरान्त मुख्यमंत्री ने सेनानायक, आईआरबी अशोक कुमार भटट द्वारा रचित कुमाऊॅनी कविताओं का काव्य संग्रह ‘‘यो पहाडै़ बात भै‘‘ काव्य संग्रह का विमोचन भी किया। मेले में चार-चाॅद लगाने हेतु सुरेश खुशवाह दल लखनऊ, मलहार सांस्कृति दल हरियाणा, सांस्कृतिक दल लोहाघाट एवं स्थानीय दलों द्वारा कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।
रक्षाबन्धन पर आयोजित होने वाला यह मेला आसाड़ी कौतिक के नाम से भी प्रसिद्ध है इस मेले का मुख्य आर्कषण चार खाम सात थोक के बीरो द्वारा खेले जाने वाला बग्वाल है। देश विदेश से लाखों श्रद्धालु मां बाराही के दर्शन कर बग्वाल का आन्नद लेते है। रक्षाबन्धन पर आयोजित यह मेला राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुका है।