देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गन्ना किसानों से गन्ने की पैदावार बढ़ाने के लिए गन्ना बीज बदलाव पर ध्यान देने, गन्ना बुआई में आधुनिक बीजों एवं तकनीक के उपयोग पर विशेष ध्यान देने की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि देश में हरियाणा के बाद उत्तराखंड दूसरा राज्य है, जिसने पिछले 2 वर्षों के गन्ना मूल्य का भुगतान किसानो को कर दिया है। हमारा लक्ष्य आगामी 2 वर्षों में प्रदेश की चीनी मिलों का आधुनिकीकरण करने का है ताकि हमारे यहां उत्पादित चीनी देश ही नहीं विदेशों में भी आयात हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 60 प्रतिशत किसानों को सोयल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं जबकि देश में यह आंकडा 35 प्रतिशत ही है।
मंगलवार को डोईवाला में आयोजित गन्ना किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारा प्रयास 2017 तक सभी किसानों को चार प्रकार के कार्ड उपलब्ध कराने का है जिसमें आधार कार्ड, स्वास्थ्य कार्ड, स्वायल हेल्थ कार्ड एवं पशु स्वास्थ्य कार्ड शामिल है।
उन्होंने कहा कि जमीन के उपजाउ तत्वों की जानकारी होने तथा पशुओं के स्वास्थ्य कार्ड से पशु पालन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। किसानों के हित में चीनी मिलों की कठिनाई के बाद भी सर्वाधिक गन्ना मूल्य निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया गया है। हमारा प्रयास गन्ना एवं चीनी उत्पादकों को आगे बढ़ाने का है। बाजार में चीनी के दाम ना गिरे इसके लिए उन्होंने चीनी का पूल बनाने पर भी बल दिया। यह दोनों क्षेत्र हतोत्साहित न हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सोच विकास परक है। देश के अंदर हम सर्वाधिक सामाजिक पेंशन देने वाले राज्य है, आज राज्य में ऐसी पेंशन पाने वालों की संख्या 7.25 लाख है, हमारा लक्ष्य इसे 10 लाख तक पहुंचाने का है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी हम अग्रणी राज्यों में हैं। प्रदेश में 23 घंटे बिजली देने वाले देश के 3 राज्यों में हमारा राज्य शामिल है। हम निरंतर विकास की ओर अग्रसर है, 2014 में जहां हमारी कृषि विकास दर 2.50 प्रतिशत थी वह आज 5.50 प्रतिशत हो गई है, औद्योगिकीकरण दर 16.5 प्रतिशत है, सेवा के क्षेत्र में भी 30,000 पदों पर नियुक्ति की जा रही है। हमने 2020 तक का राज्य विकास का रोड मैप तैयार किया है। राज्य में कोई अभाव की जिन्दगी न जिये, प्रत्येक परिवार का सदस्य रोजगार से जुडे इसके लिये निसबड के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाया जा रहा है। जंगली जानवरों से खेती से हो रहे नुकसान को कम करने के लिये हाथी व सूअर रोधी दीवार बनाने के लिये 100 करोड़ की धनराशि से इसकी शुरूआत की गई है। कब्रिस्तान के चाहरदिवारी के लिए 25 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था की गई है। अच्छी शिक्षा के लिए माॅडल स्कूल खोले जा रहे है, आगामी तीन साल में 500 माॅडल स्कूल खोले जायेंगे ताकि ये स्कूल अच्छे निजी स्कूलों के समकक्ष स्कूली शिक्षा प्रदान कर सके। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सहकारी गन्ना विकास समिति के कृषक विश्राम गृह का भी निरीक्षण किया। उन्होने डोईवाला में एक पुल बनाने की भी बात की, इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री रावत ने डोईवाला बाजार का भी भ्रमण किया तथा व्यापारियों व क्षेत्रीय जनता से भेंट कर उनकी समस्याओं से परिचित हुए तथा समास्याओं के त्वरित निराकरण का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर विधायक हीरा सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री श्री रावत का डोईवाला क्षेत्र के विकास के लिये विभिन्न योजनाओं की स्वीकृति के लिये उनका आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक रणजीत सिंह वर्मा, प्रीतम पाल, हरपाल सैनी, के0एस0राणा सहित बड़ी संख्या किसान एवं क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।