देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि प्रदेश में आर्थिक सामाजिक रूप के पिछडे लोगों के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत अल्पसंख्यक अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को सभी सुविधाएं उपलबध कराने का भी हमारा प्रयास है। एस.सी/एस.टी के बैकलाॅग को पूरा करने के लिए सभी विभागों द्वारा अधियाचन भेजा जा रहा है। इस माह तक इसकी विज्ञप्ति जारी किये जाने के भी निर्देश विभागाध्यक्षो को दिये गये है।
रविवार को न्यू कैन्ट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास सभागार में उत्तराखण्ड शिल्पकार चेतना मंच द्वारा आयोजित उत्तराखण्ड शिल्पकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में मुहीम चलाकर विभागों में रिक्त बैकलाॅग के पदो को भरने की कार्यवाही की जा रही है। इसके लिए विभागीय प्रमुखों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। आरक्षित पदों पर नियमित रूप से नियुक्ति होती रहे इसके लिए एस.सी. वर्ग के व्यक्ति को अधिनस्थ चयन सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाय गया है। अन्य सेवा चयन अयोगो में भी यह व्यवस्था की गई है कि यहां भी कम से कम दो-तीन सदस्य एस.सी/एस.टी वर्ग के हो। आउटसोर्स से होने वाली नियुक्तियों में भी आरक्षण का अनुपालन करने तथा पूर्व में तैनात कार्मिको में कितने पद आरक्षित श्रैणी से भरे गये है, इसके सर्वेक्षण के निर्देश दिए गए है। सामान्य के साथ ही आरक्षित पदों पर भी नियुक्ति प्रक्रिया आरम्भ हो यह सुनिश्चित करने के निर्देश विभागाध्यक्षों को दिये गये है। इस बार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बैकलाॅग को ध्यान में रखते हुए इस वर्ग का पूरा ध्यान रखा गया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि समाज के कमजोर वर्गों को वर्ग 3 व वर्ग 4 की जमीनों एवं अवैध कब्जों का नियमितिकरण किया जा रहा है। इस प्रकार की जमीनों के नियमितिकरण से नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार व देहरादून में ही लगभग 2.25 लाख लोगों को लाभान्वित किया गया है। मलिन बस्तियों की नियमितिकरण प्रक्रिया भी आरम्भ कर दी गई है। राज्य में सामाजिक पेंशन की धनराशि को अगले दो तीन साल में 2 से 3 हजार किया जायेगा। डंगरियों, ढोलवादको, शिल्पियों, ओढ मिस्त्रियों, मंगलगीत गाने वालो को भी सामाजिक पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने शिल्पियों से अपनी परम्परागत शिल्प को बढ़ावा देने तथा इसका अधिक से अधिक उपयोग करने पर बल दिया। गरूडाबाज अल्मोड़ा में हरि प्रसाद टम्टा परम्परागत शिल्प उन्नयन संस्थान की स्थापना की गई है। जिससे शिल्पियों को मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि समाज में बदलाव लाने वालो को सम्मान दिया जा रहा है। शिल्पकार समाज की समस्याओं के समाधान के लिये हमारा प्रयास निरन्तर जारी है।
इस अवसर पर राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा, मंच के अध्यक्ष महेश चन्द्र, महा सचिव प्रेम कुमाउनी, पूर्व आई.ए.एस. आधिकारी चन्द्र सिंह ने भी विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर बडी संख्या में शिल्पकार समाज के लोग उपस्थित थे।