लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने जनपद मुजफ्फरनगर भ्रमण के दौरान स्वामी कल्याण देव जी की 15वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुजफ्फरनगर का सौभाग्य है कि यह जनपद भागवत भूमि के रूप में पहचान रखता है। उन्होंने कहा कि स्वामी कल्याण देव जी ने न केवल धर्म स्थलों का उद्धार किया, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में इस धरा को आलोकित करते हुए सामाजिक क्रांति का उद्घोष भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संतों का जन्म मानव सेवा और लोक कल्याण के लिए ही होता है। उन्होंने कहा कि आज उन्हें इस भागवत भूमि का भ्रमण करने में अपार सुख की अनुभूति हो रही है। शुकतीर्थ में प्राचीन परम्पराएं मौजूद हैं। यहां महाभारत कालीन इतिहास छुपा है। 5 हजार वर्ष पुराना अक्षयवट इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भारतवासियों को अपनी परम्पराओं और धरोहरों पर गर्व होना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने शुकतीर्थ के विकास के लिए 1248.69 लाख रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि आज मुजफ्फरनगर में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग के माध्यम से कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया गया है।
शुकतीर्थ में 468.70 लाख रुपए की लागत से जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया, उनमें आर0सी0सी0 रोड का निर्माण, नाली एवं स्ट्रीट लाइट, 88.06 लाख रुपए से शुकतीर्थ में स्वामी कल्याण देव तिराहे पर प्रवेश द्वार का निर्माण, 118.85 लाख रुपए से शुकतीर्थ में शौचालय का निर्माण एवं डस्टबिन स्थापना, 12.04 लाख रुपए की लागत से शुकतीर्थ में होर्डिंग व साइनेज एवं शिलालेख की स्थापना, 111.95 लाख रुपए से शुकतीर्थ में हाॅर्टिकल्चर, वृक्षारोपण, लैण्डस्केपिंग व पार्क का विकास व निर्माण, 200.40 लाख रुपए से शुकतीर्थ में घाट का निर्माण, 88.62 लाख रुपए विधानसभा क्षेत्र मीरापुर जनपद मुजफ्फरनगर स्थित शुकतीर्थ के पर्यटन विकास कार्य तथा 10.29 लाख रुपए की लागत से जनपद मुजफ्फरनगर स्थित पंचमुखी शिवलिंग मंदिर ग्राम सम्भलहेडा, विकास खण्ड जानसठ के स्थानीय पर्यटन विकास का शिलान्यास शामिल हैं। इस अवसर पर शुकदेव गौशाला के विस्तारीकरण व स्वामी कल्याणदेव भागवत भवन का भी शिलान्यास किया गया। इसके अलावा, 149.78 लाख रुपए से शुकतीर्थ में स्नानघाट के सामने नदी के तल को ऊँचा करना एवं मार्जिनल बांध का सुखदेव सेतु के अपस्ट्रीम में पार्किंग के निर्माण का लोकार्पण भी किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने महर्षि वेद व्यास जी का जिक्र करते कहा कि उन्होंने वेदांे को जनमानस के लिए सुलभ कराया। भागवत कथा श्रवण मुक्ति प्राप्त करने का महत्वपूर्ण साधन है। इसके वाचन व श्रवण से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसमें सब कुछ निहित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में तीर्थ स्थलों का विकास करते हुए तीर्थ यात्रियांे की सुगमता के लिए कार्य कराए जा रहे हंै। काशी, अयोध्या, मथुरा जैसे तीर्थस्थलों पर विकास कार्य कराए जा रहे हैं। वहां के मूल स्वरूप व प्राचीन परम्परा को बनाये रखते हुए उन्हें आधुनिकता से जोड़ा जा रहा है। काशी में भगवान शिव मंदिर परिक्षेत्र का विकास कार्य चल रहा है। प्रयागराज कुम्भ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इतना भव्य और व्यापक आयोजन उत्तर प्रदेश में सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया, जिसमें 24 करोड़ श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री जी ने जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन का उल्लेख करते हुए कहा कि जल के संरक्षण की व्यवस्था करनी होगी। यदि अभी से पानी की बचत की आदत डाल ली जाए, जो भविष्य सुरक्षित रहेगा। हमें आने वाली पीढ़ी को पीने योग्य जल संचित करना होगा। यह तभी सम्भव होगा, जब हम अभी से पानी की बचत व उसका संरक्षण तथा संचयन करंेगे। उन्हांेने कहा कि सभी को जल की महत्ता समझनी होगी, क्योंकि ‘जल है, तो कल है’। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गौ संरक्षण का कार्य वृहद स्तर पर कराया जा रहा है। गौ संरक्षण के लिए सरकार द्वारा धनराशि आंवटित की गयी है।
स्वच्छता पर विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंतरिक शुद्धि के लिए हम मंदिरों में जाते हैं, लेकिन बाहरी शुद्धि के लिए आवश्यक है कि हम स्वच्छता की ओर विशेष ध्यान दें। स्वयं भी स्वच्छ रहें और दूसरों को भी स्वच्छता के लिए प्रेरित करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 17 जुलाई से श्रावण मास प्रारम्भ हो रहा है यह मास भगवान शिव की भक्ति के लिए जाना जाता है। शिव भक्ति में लीन कांवड़ियों द्वारा शिवालयों पर पवित्र गंगा जल का अर्पित किया जाता है। उन्होंने कहा कि कांवड़िये हमारे अतिथि हैं, जैसे हम अतिथियों का स्वागत करते हैं, उसी प्रकार कांवड़ियों का स्वागत व अभिनन्दन किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने प्रयागराज कुम्भ आयोजन का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी प्रशंसा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा को भी साफ-सफाई के साथ, सौहार्दपूर्ण ढंग से सफलतापूर्वक सम्पन्न कराया जाए। उन्होंने कहा कि शुकतीर्थ विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा। सरकार द्वारा इस उद्देश्य से यहां पर विभिन्न विकास के कार्य कराए जा रहे हैं। प्रदेश में तीर्थ स्थलों का वृहद रूप से विकास कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी द्वारा श्रद्धांजलि सभा के उपरान्त कारगिल शहीद स्मारक जाकर शहीदों के सम्मान में श्रद्धांजलि अर्पित की। तत्पश्चात उन्होंने गंगाघाट जाकर पूजा अर्चना की। उन्होंने शुकतीर्थ के हनुमत धाम पहुंचकर हनुमान जी के मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए उन्हें सोने का मुकुट पहनाया। उन्हांेने स्वामी कल्याणदेव जी की समाधि स्थल पहुंचकर श्रद्धांजलि देने के उपरान्त आयोजित यज्ञ में पूर्ण आहूति दी।
मुख्यमंत्री जी द्वारा 5 हजार वर्षाें से पुराने अक्षय वट की परिक्रमा व शुकदेव मंदिर मंे पूजा अर्चना भी की। इसके पश्चात उन्होंने भागवत भवन श्रद्धांजलि सभा में पहंुचकर स्वामी कल्याणदेव जी महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के उपरान्त पुण्यतिथि अंक ‘शुकतीर्थ संदेश’ का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री जी ने शुकतीर्थ पहंुच सर्वप्रथम गौशाला में गायों को चारा, रोटी व गुड़ खिलाया। शुकतीर्थ के जीर्णोधारक, तीन सदी के युगदृष्टा, शिक्षा ऋषि 129 वर्षीय ब्रह्मलीन स्वामी कल्याणदेव जी महाराज की 15वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उन्होंने शुकतीर्थ पहुंच स्वामी कल्याणदेव जी को श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर स्वामी ओमानन्द जी ने मुख्यमंत्री जी को तीन सदी के युगदृष्टा स्वामी कल्याणदेव जी महाराज की पुण्यतिथि पर शुकतीर्थ आने के लिए धन्यवाद दिया। उन्हांेने मुख्यमंत्री जी को पूर्व में शुक्रताल का नाम शुकतीर्थ करने के लिए भी धन्यवाद दिया।