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जनकपुर में नागरिक अभिनंदन के दौरान संबोधन

Parliamentarians bid farewell to Prez Mukherjee
देश-विदेश

नई दिल्ली: जनकपुर की इस प्राचीन नगरी के लोगों ने जिस गर्मजोशी से मेरा स्वागत और सत्कार किया है, उससे मैं अभिभूत हूं। जनकपुर की इस धरती पर आकर मुझे प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। देवी सीता की इस नगरी जनकपुर है, जो भारत और नेपाल दोनों में समान रूप से आदरणीय है, आकर मैं प्रसन्न हूं।

जनकपुर हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत के सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक है। प्राचीन काल से ही ज्ञान का केंद्र रहे जनकपुर ने दुनिया के कोने-कोने वे विद्वानों को आकृष्ट किया है। यह सभी धर्मों के बुद्धिजीवियों और विद्वानों का उर्वर संगम स्थल रहा है।

इस प्रसिद्ध नगरी के शासक और देवी सीता के पिता राजा जनक को इस बात का श्रेय जाता है कि उन्होंने इस नगरी के निवासियों के बीच बौद्धिकता और ज्ञान का वातावरण विकसित किया।

इस नगरी के आसपास पुरातात्विक खुदाई से प्राप्त प्राचीन ग्रंथों, पांडुलिपियों, सिक्कों और मूर्तियों से ज्ञान के एक केंद्र के रूप में जनकपुर की प्रसिद्धि का स्पष्ट पता चलता है। मुझे पता चला है कि ऋग्वेद के प्रथम मंडल की सबसे प्राचीन पांडुलिपि को जनकपुर के पास खोजा गया है।

प्राचीन काल से ही यह नगरी विविध संस्कृतियों और धर्मों का समागम स्थल रही है। हमारे लोक-साहित्य में अनेक ऐसी कहानियों का संदर्भ आता है जिनमें भगवान बुद्ध और महावीर द्वारा अपनी आध्यात्मिक यात्राओं के दौरान जनकपुर में आने का उल्लेख मिलता है।

हिंदुत्व के अलावा, बुद्ध, जैन और इस्लाम की भी जड़ें जनकपुर में मिली हैं। यह एक ऐसा शहर है जिसकी स्थापना विद्ववत्ता, सत्कार और समन्वय की नींव पर हुई है।

दोस्तो,

भारत-नेपाल संबंधों को इन प्राचीन संबंधों और परंपराओं से मजबूती मिलती है। जनकपुर और अयोध्या के संबंध आदिकाल से रहे हैं। इस महान नगरी के निवासी उन पारिवारिक संबंधों के उत्तराधिकारी हैं जो राजा जनक और राजा दशरथ के बीच स्थापित हुए थे। भारत के लोगों की नजर में इस अनोखे संबंध, साझा परंपराओं और समृद्ध विरासत का बहुत ऊंचा स्थान है।

दोस्तो, नेपाल के साथ विभिनन क्षेत्रों में अपनी भागीदारी को भारत द्वारा बहुत ज्यादा महत्त्व दिया जाता है। एक घनिष्ठ और मित्रतापूर्ण पड़ोसी के रूप में भारत की हमेशा यही इच्छा रही है कि नेपाल में शांति, स्थायित्व और सम्पन्नता हो।

मैं लोगों के प्रयास और नेपाल सरकार की सराहना करता हूं कि आपने समावेशी आर्थिक विकास को प्राप्त किया है और अपने लोगों के लिए एक शांतिपूर्ण और खुशहाल जीवन सुनिश्चित किया है।

नेपाल के साथ विकास की भागीदारी में अपने घनिष्ठ संबंध और नेपाल की मैत्रीपूर्ण जनता की उपलब्धियों पर भारत को गर्व है।

भारत की जनता और भारत सरकार नेपाल के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को एक दूसरे के हित में तथा परस्पर विश्वास के आधार पर और भी गहराई तथा विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

दोस्तो,

पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा जनकपुर के आर्थिक विकास की कुंजी है। अभी हाल ही में जनकपुर और अयोध्या ने अपने प्राचीन संबंधों को जुड़वां शहर समझौते (Twin City Agreement) द्वारा फिर से मजबूत किया है।

लाखों तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाओं के साथ रामायण पर्यटन क्षेत्र (Ramayana Tourism Circuit) के विकास से न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे बल्कि हमारी साझा विरासत की कहानी को भी मजबूती प्रदान करेंगे।

जनकपुर के चारों ओर परिक्रमा पथ पर दो धर्मशालाओं के निर्माण की घोषणा करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। मुझे आशा है कि ये दोनों धर्मशालाएं नेपाल और भारत दोनों देशों के ततीर्थ यात्रियों के लिए लाभदायक होंगी।

जनकपुर आध्यात्मिक और भौगोलिक दोनों दृष्टियों से भारत के नजदीक है।

यह अति आवश्यक है कि लोगों के आवागमन को आसान बनाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं और सम्पर्क मार्ग के विकास पर पर्याप्त ध्यान दिया जाए।

आजकल, नेपाल के लोगों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए दोनों सरकारें संपर्क मार्ग के विकास और तराई की सड़कों, सीमा के आर-पार रेल संपर्कों, समेकित जांच चौकियों (Integrated Check Posts) विद्युत वितरण लाइनों (Power Transmission Lines) के कार्यान्वयन पर विशेष ध्यान दे रही हैं।

ये परियोजनाएं न केवल नेपाल के सामाजिक-आर्थिक और आधारभूत सुविधाओं के रूपांतरण के लिए महत्त्वपूर्ण हैं बल्कि व्यापार, निवेश और लोगों क आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए हमारे सहयोगपूर्ण प्रयासों को भी दर्शाती हैं।

भारत सरकार द्वारा भारत-नेपाल सीमा पर प्रवेश मार्ग पर चार समेकित जांच चौकियों (Integrated Check Posts) के निर्माण में सहयोग किया जा रहा है। बीरगंज और बिराटनगर में समेकित जांच चौकियों से जनकपुर और इसके आसपास के लोगों को काफी सहूलियत होगी।

मुझे पता चला है कि बीरगंज की समेकित जांच चौकी जल्द ही प्रारंभ हो जाएगी। अपनी आधुनिक सुविधाओं के साथ ये समेकित जांच चौकियां व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने और सीमा के आर-पार लोगों के सुविधाजनक आवागमन के लिए महत्त्वपूर्ण सिद्ध होंगी।

मैं नेपाल के उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री श्री बिमलेन्द्र निधि को आज यहां उपस्थित होने के लिए धन्यवाद देता हूं।

उनके पिता स्वर्गीय श्री महेन्द्र नारायण निधि न केवल एक महान नेपाली नेता थे बल्कि अपने जीवन और राजनैतिक दर्शन में निष्ठावान गांधीवादी भी थे। इस अवसर पर मैं गांधीवाद और गांधी दर्शन के प्रचार में उनके अमूल्य योगदान को याद करते हुए उनकी स्मृति को सादर नमन करता हूं।

हम सभी भारत और नेपाल के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजदूत हैं। हम अपने सम्मिलित प्रयासों से हम पूरी दुनिया को भगवान राम और देवी सीता से प्राप्त शांति और प्रेम का संदेश दे सकते हैं। ये हम सब की जिम्मेदारी है कि हम अपने पूवजों की विरासत को आगे बढ़ाएं। यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आइए, उनके आशीर्वाद के साथ हम सभी इस दिशा में काम करें।

हमारे दोनों महान देशों के लोगों के बीच सद्भाव और आपसी भाईचारा दीर्घकाल तक रहे।

नेपाल भारत मैत्री रहोस (नेपाल भारत मैत्री अमर रहे) ।

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