वर्तमान में देश में मीटू कैंपेन को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही है। महिलाओं के अधिकार पर पीएचडी कर रही टीवी और फिल्म कलाकार निशि गंधा ने बयान दिया। पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने बताया कि अपनी कानून व्यवस्था रि फारमेटिव है। जिसमें संगीन से संगीन जुर्म में भी आरोपी को अपने को सिद्ध करने का मौका दिया जाता है। फिर चाहे निर्भया जैसा कांड हो या फिर कसाब का।
मीटू कैंपेन जो की महिलाओं को प्राथमिकता देता है। यहां 51 लोगों की टीम ने संविधान बनाया था, जिसमें बाबा अंबेडकर जैसे ज्ञानी लोग भी शामिल थे। संविधान में महिलाओं के संरक्षण के लिए कई बातें लिखी है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि हर मर्द गिल्टी नहीं। ऐसा क्यों। जबकि महिलाएं उस स्थिति में पाई जाती है। कहीं कामयाबी पाने के लिए यह आसान तरीका तो नहीं है। इस पर भी विचार होना चाहिए।