देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रामलीला मैदान कालसी में यमुना शरदोत्सव के अन्तर्गत क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक समिति कालसी द्वारा आयोजित खेल प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने कालसी शरदोत्सव को राजकीय मेला घोषित करने के साथ ही मेले के आयोजन के लिए 05 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कालसी में उपयुक्त भूमि तलाश कर खेल मैदान बनाये जाने की भी बात कही। उन्होंने क्षेत्र की सड़को के निर्माण व मरम्मत के लिए भी आवश्यकता के अनुरूप धनराशि प्रदान करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने युवाओं से अंध विश्वास छोड़कर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढने को कहा। प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए प्रभावी पहल की जा रही है। बागवानी के विकास तथा इस क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए 700 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था की गई है। 2 प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। 42 वर्षो से लम्बित तथा 7 राज्यों के मध्य उलझी 40000 करोड़ की लखवाड़ व्यासी परियोजना भी आरम्भ होने वाली है। 300 मेगा वाट की इस बहुउद्देश्यी परियोजना को केंद्र सरकार से अगले माह तक स्वीकृत प्राप्त हो जायेगी। इसके अतिरिक्त किसाऊ व रेणुका परियोजना भी शीघ्र धरातल पर दिखयी देगी। त्यूणी पलासी जल विद्युत परियोजना पर भी सहमति बनी है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से करोड़ो का इन्वेस्टमेंट इस क्षेत्र में आयेगा तथा यहा के युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होगें।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उन्हें जौनसार के साथ ही पूरे प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों की भौगोलिक समझ है। उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण ही राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के विकास के लिये हुआ है। इसके लिये दूरस्थ क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए योजनायें बनायी जा रही है। चाहे इस क्षेत्र का आराकोट बलाण किनवा गांव हो या पिथौरागढ का पीपलकोट अथवा चमोली का अन्तिम सीमान्त गांव घेस इन्हे ध्यान में रखते हुए विकास की मुख्य धारा से जोडा जा रहा है। घेस में कुटकी जडी बूटी का सेन्टर बनाया गया है, मटर की खेती का यह क्षेत्र केन्द्र बना है। टेलीमेडिशन की यहां व्यवस्था की गई है। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों की शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन क्षेत्रों में एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। इससे कई लोगों के जीवन की रक्षा की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर खर्चा चाहे कितना हो लोगों का जीवन बचाना हमारा मकसद है।
उन्होंने कहा कि 25 दिसम्बर को उत्तराखण्ड के जन्मदाता एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी बाजपेयी के जन्म दिन के अवसर पर प्रदेश में अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना की शुरूआत की जा रही है। यह दुनिया की सबसे बडी स्वास्थ्य योजना है। इससे 5.37 लाख परिवारों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि 2012 के परिवार रजिस्टर के अनुसार राज्य के हर परिवार को इस योजना से जोडा जायेगा। इससे 05 लाख तक का इलाज चिन्हित अस्पतालों में हो सकेगा। इससे हमारे प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में निजी अस्पताल भी खुल सकेंगे तथा आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकारी नौकरी सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है। अतः युवाओं को स्वरोजगार के प्रति ध्यान देना होगा। प्रदेश में बहुतायत में होने वाले चीड़ के व्यवसायिक उपयोग की दिशा में भी पहल की जा रही है इसका बेहतर उपयोग इंडोनेशिया में हुआ है। प्रदेश के विशेषज्ञों को वहां भेज कर तकनीकि की जानकारी प्राप्त प्राप्त की जायेगी। चीड़ के उपयोग के लिये बागेश्वर में प्लान्ट लगाया गया है, बेरोजगारी दूर करने तथा आर्थिकी को मजबूत करने में यह भविष्य में कारगर सिद्ध होगा। लीसा के विपणन की भी व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पशुपालन फार्म कालसी को और अधिक विकसित किया जायेगा। यह रेड सिन्धी गाय की देश में एकमात्र डेयरी है। रेड सिन्धी गाय की नश्ल को बढाने के भी प्रयास किये जायेंगे। दुग्ध उत्पादन हमारी आर्थिकी से जुडा विषय है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय भाषा में तैयार किये गये लोकगीत की सीडी ‘‘मुलुक की शान’’ का भी विमोचन किया। तथा क्षेत्र की दो छात्राओं कुमारी सोनाक्षी पंवार को जुडो कराटे, कुमारी नेन्सी बिष्ट को राष्ट्रीय खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने एवं सीनियर कबड्डी में सिल्वर मेडल प्राप्त करने वाले अमित चैहान को सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक श्री मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र जमीन से जुडे कर्मठ, इमानदार एवं राजनीतिक शुचिता की मिशाल हैै। वित्तीय अनुशासन कायम रखते हुए वे प्रदेश के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दे रहे हैं। जौनसार क्षेत्र की उन्हें गहरी समझ है। उन्होंने इस क्षेत्र में 05 बार आकर इस मिथक को तोडा है कि जौनसार में उतरने वाले की कुर्सी चली जाती है। उन्होंने इस क्षेत्र की समस्याओं को समझाा तथा उनके समाधान का मार्ग भी प्रशस्त किया। जौनसार के दूरस्थ गांवों को सडकों से जोडने का कार्य त्वरित गति से हो रहा है। इसमें खटवा गांव, बनियाना गांव, ढमकधार का क्षेत्र ही नही कालसी के हनोल, लाखामण्डल के लिये सडकों की मंजूरी की है। कोटी-कनासर सडक के लिये 22 घंटे में 22 करोड की स्वीकृति के साथ ही हर्रबटपुर-बारावाला फोर लैन सडक हाइवे को हनोल मोरी राष्ट्रीय मार्ग में सम्मिलित किया गया हैै। इससे हनोल आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को सुविधा होगी तथा आवागमन बढेगा। चकराता लाखामण्डल सडक के लिये 43 करोड रूपये स्वीकृति किये है। यही नही 13 नये जिले 13 नये पर्यटन डेस्टिनेशन के अन्तर्गत लाखमण्डल सहित अन्य अनेक क्षेत्रों को पर्यटन से जोडा जा रहा है। रामायण व महाभारत सर्किट में कालसी को भी सम्मिलित किया गया है। चकराता में जीएमवीएन का टी आर एच स्थापित किया गया है।
विकासनगर में 70 करोड की लागत से यमुना पर पुल की स्वीकृति प्रदान की गई। क्षेत्र में 17 करोड की पेयजल योजना को भी मंजूरी दी गई है। उन्होंनें कहा कि मुख्यमंत्री की पहल से आज त्यूनी में तीन डाॅक्टर तैनात है। जिनमें महिला चिकित्सक भी शामिल है। पीएचसी चकराता में 06 डाॅक्टर, सहिया में 04 डाॅक्टर तैनात है। पीएचसी कालसी में आईसीयू की व्यवस्था के साथ पूरे प्रदेश में मेटरनिटीकेयर के लिये इस अस्पताल को एवार्ड भी मिला है। इस प्राकर मुख्यमंत्री ने जौनसार की पटरी से उतरी स्वास्थ्य सुविधाओं को वापस पटरी पर लाकर क्षेत्र के लोगों की जीवन रक्षा करने में मदद की है।