देहरादून: पत्रकार व राजनेताओं के सोचने व चीजोें को देखने के दृष्टिकोण में कुछ अंतर होता है। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है कि इस अंतर का सम्मान हो। रविवार को लम्बे समय बाद उत्तरांचल प्रेस क्लब के फिर से प्रारम्भ होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पत्रकार अपने लिए जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा योजना का ड्राफ्ट बनाकर ले आएं, सरकार उसे सहर्ष लागू करेगी।
विगत में दिवंगत हुए वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर थपलियाल व मनोज कंडवाल को याद करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पत्रकारों की सामाजिक सुरक्षा का सवाल सर्वोपरि होना चाहिए। यदि पत्रकार सहमत हों तो पत्रकार कल्याण कोष समिति व प्रेस मान्यता समिति में सभी पत्रकार संगठनों के एक-एक सदस्य को नामित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने डीएम रविनाथ रमन को देहरादून में पत्रकारों के गेस्ट हाउस के लिए भूमि तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि उपयुक्त भूमि नहीं भी मिल पाती है तो प्रेस क्लब के प्रांगण में ही भवन बनाने में सरकार मदद करेगी। राज्य सरकार पत्रकारिता के पेशे का सम्मान करती है और ऐसी व्यवस्था बनाना चाहती जिससे प्रदेश में पत्रकारिता प्रभावित होती या दबाव में काम करती न दिखे। परंतु पत्रकारों का भी दायित्व है कि खबरों को बढ़ा-चढा कर पेश करने की प्रवृŸिा से बचा जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद दिन रात के प्रयासों से चारधाम यात्रा सहित प्रदेश मे ंपर्यटन को पटरी पर लाया गया। परंतु बरसात में कुछ मार्गेां के बंद होने की स्थिति के लिए कतिपय मीडिया ने तबाही शब्द का प्रयोग किया। इसके कारण लगभग 32 प्रतिशत बुकिंग केन्सिल हो गई। इससे राज्य के पर्यटन व्यवसायियों को नुकसान हुआ।