देहरादून: ’’पराविधिक कार्यकर्ताओं को समाज के कमजोर एवं निर्बल वर्गो को उनके अधिकारो एवं कानून की जानकारी मुहैया कराना तथा समाज के असहाय एवं निर्बल वर्गो को सशक्त बनाना, परााविधिक कार्यकर्ताओं का मूल उद्देश्य होना चाहिए व सेवाभाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए’’ यह बात स्थानीय जिला न्यायालय परिसर में गढवाल मण्डलीय पराविधिक कार्यकर्ता कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायामूर्ति/ कार्यपालक अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री वी.के बिष्ट ने कहीं।उन्होने कहा कि पराविधिक कार्यकर्ताओं को उन्हे दिये गये दायित्वों को प्रभावी ढंग से निर्वहन करना होगा, जिसे लेकर गढवाल मण्डल के जनपदों की कार्यशाला आयोजित की गयी है और शीघ्र ही कुमाऊॅ जनपद के प्राविधिक कार्यकर्ताओं की कार्यशाला आयोजित की जायेगी। न्यायामूर्ति श्री वी.के बिष्ट ने कहा कि सचिव जिला विधिक प्राधिकरण कार्यकर्ताओं को जागरूकता शिविर आयोजित करने में सक्रिय सहयोग दें तथा आयोजन स्थल की तैयारियों के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश भी दें। उन्होने कहा कि वे शीघ्र ही जनपद स्तर पर रोटेशनवार इस प्रकार की कार्यशाला आयोजित करेगें जो सम्बन्धित जनपद के दूरस्थ विकासखण्ड में आयोजित की जायेगी, ताकि अधिकारियों को सम्बन्घित क्षेत्र की समस्याओं से सीधा रूबरू कराया जा सके। उन्होने पराविधिकि कार्यकर्ताओं से प्राचीन संस्कृति के तहत त्याग भावना श्रमदान से कार्य करने का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले लोग स्वंय आपस में मिलजुलकर श्रमदान द्वारा गावं में सुविधाएं जुटाते थे। किन्तु अब सेवाभाव की कमी दिखाई देती है। उन्होने कहा कि पराविधिक कार्यकर्ताओं के आगे कार्य करने में अनेक कठिनाइयां आती होगी किन्तु उनका गरीब वर्गो के उत्थान के लिए किया जाने वाला कार्य एक पुनीत कार्य है, जो त्याग एवं बलिदान से ही प्रभावी होगा।
जिला न्यायाधीश/सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैतीताल प्रशांत जोशी ने कहा कि पी.एल.बी योजना में कार्यपालक अध्यक्ष बहुत ही संवेदनशील है, इसलिए उन्होने कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद स्थापित करने के लिए कार्यशाला आयोजन की रणनीति के तहत जागरूकता कार्यक्रम की शुरूआत की है, जिसके आलोक में गढवाल मण्डल के कार्यकर्ताओं की कार्यशाला देहरादून में की गयी है। उन्होने कहा कि कानून बनाने की प्रक्रिया निरन्तर जारी है लेकिन पात्रों को कानून की जानकारी न होने के कारण संविधान में समता का अधिकार गरीब वर्ग को दिलाये जाने का उल्लेख होने के बाद भी पात्र व्यक्ति उसको मिलने वाली सुविधाओं से वंचित है, जिसको देखते हुए 1987 में लीगल आथोरिटी सर्विस एक्ट लाया गया, जिसके तहत राज्य, जिला तथा तहसील स्तर पर सेवा प्राधिकरणों का गठन किया गया। उन्होने कहा कि प्राविधिक कार्यकर्ताओं से अपेक्षा है कि इस कमी को वे पूरा कर समाज के गरीब वर्ग को उनका हक दिलायें। उन्होने कहा कि कानून की पाठ्यक्रम को स्कूल कोर्स में रखे जाने की आवश्यकता है, जिसके लिए कार्यपालक अध्यक्ष प्रयासरत है। उन्होने कहा कि गरीब वर्ग को न्याय दिलानें में किसी प्रकार की समस्या आती है तो स्वयं सेवक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से सीधा सम्पर्क कर सकतें है। उन्होने कहा कि कार्यकर्ताओं को राज्य एवं केन्द्र की कल्याणकारी योजनाओं को पात्र लोगों तक पंहुचाने में सक्रिय योगदान देना आवश्यक है तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के आयोजित शिविर में भाग लेकर समाज के कमजोर वर्ग लाभ पंहुचाये।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में पराविधिक कार्यकर्ताओं एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अनुभवों एवं प्रगति को न्यायामूर्ति वी.के बिष्ट ने सुना तथा उसमें अपना सुझाव भी दिये, साथ ही पराविधिक कार्यकर्ताओं की समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर जिला न्यायाधीश आर.डी पालीवाल ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य गढवाल मण्डल के पराविधिक कार्यकर्ताओं को इस कार्यशाला के माध्यम से उनके द्वारा किये गये कार्यों की समीक्षा एवं दिये गये सुझावों तथा इस कार्य में आ रही समस्या से रूबरू होना है तथा भविष्य में की जाने वाली तैयारियों एवं समस्याओं से किस तरह निपटा जाये उसकी तैयारियों एवं कार्ययोजना तथा उनकी भूमिका निर्वहन किस तरह से इसके बारे में सभी को जानकारी दी गयी है, तथा विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा दूरस्थ क्षेत्र में निवास रहे लोगों को पराविधिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से जानकारी मिल सके ताकि लोगों को कानून व अपने अधिकारों के प्रति जानकारी प्राप्त हो सके।
इस अवसर पर सभी जनपदों के सिविल जल/ विधिक प्राधिकरण सचिवों द्वारा अपने जनपद में किये गये कार्यो एवं आ रही समस्याओं तथा अपने अनुभवों को कार्यशाला में साझा किया गया।
कार्यक्रम का संचालन सिविल जज(स.डी)/विशेष कार्यधिकारी मिथिलेश ने किया।
इस अवसर पर मा0 न्यायामूर्ति/ कार्यपालक अध्यक्ष वी.के बिष्ट ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले पराविधिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया जिसमें दिनेश भट्ट, सीमा चैधरी, रूद्र सिंह भण्डारी, अजय पाल सिंह तथा नरेश कश्यप को सम्मानित किया गया।
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