लखनऊ: रबी 2015-16 के सूखाग्रस्त 50 जनपदों में किसानों को विशेष राहत देने के उद्देश्य से प्रमाणित बीजों के वितरण पर अतिरिक्त अनुदान दिए जाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में वर्ष 2014 तथा वर्तमान वर्ष
2015 में कम वर्षा एवं बेमौसम बारिश के कारण फसलों के उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिसके मद्देनजर किसानों की सहायता का फैसला लिया गया है।
प्रदेश में कम वर्षा के कारण किसानों के सामने कठिन परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं, ऐसे में गेहूं, जौ, दलहनी एवं तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए बीजों के लिए अनुदान राशि में वृद्धि की गई है। गौरतलब है कि किसानों के उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 को ‘किसान वर्ष’ घोषित किया गया है।
गेहूं के लिए प्रदेश के सूखाग्रस्त 50 जनपदों में दिए जा रहे अनुदान (केन्द्र द्वारा 1000 रुपए प्रति कुन्तल तथा राज्य द्वारा 400 रुपए प्रति कुन्तल) के अतिरिक्त 600 रुपए प्रति कुन्तल का अनुदान प्रमाणित बीज के प्रमोशनल श्रेणी की प्रजातियों पर, केन्द्र सरकार द्वारा लगाई गई 50 प्रतिशत अनुदान की सीमा को शिथिल करते हुए, राज्य सेक्टर से दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
राज्य के सूखाग्रस्त 50 जनपदों में दलहनी फसलों के तहत चना, मटर एवं मसूर की समस्त प्रमोशनल प्रजातियों पर भारत सरकार से देय अनुदान के अतिरिक्त, राज्य सेक्टर से अनुमन्य अनुदान 800 रुपए प्रति कुन्तल के अतिरिक्त 1700 रुपए प्रति कुन्तल की दर से, भारत सरकार द्वारा लगाई गई 50 प्रतिशत अनुदान की सीमा को शिथिल किया गया है। साथ ही, रबी की तिलहनी फसलों राई/सरसों, तोरिया एवं अलसी के प्रमोशनल बीजों पर भारत सरकार से देय अनुदान के अतिरिक्त राई, सरसों, तोरिया एवं अलसी की समस्त प्रजातियों पर राज्य सेक्टर से 1200 रुपए प्रति कुन्तल की दर से सूखाग्रस्त जनपदों में अतिरिक्त अनुदान, भारत सरकार द्वारा लगाई गई 50 प्रतिशत अनुदान की सीमा को शिथिल करते हुए, राज्य सेक्टर से दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
50 सूखाग्रस्त जनपदों में रबी 2015-16 में डी0बी0टी0 प्रक्रिया से जिन किसानों ने पूर्व में बीज प्राप्त किया है, उन्हें भी अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। इसके लिए अतिरिक्त अनुदान की धनराशि आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से किसानों के खाते में भेजी जाएगी।
वित्तीय वर्ष 2015-16 में योजना के अन्तर्गत राज्य सेक्टर से सूखाग्रस्त जनपदों में प्रमाणित बीजों के वितरण पर अतिरिक्त कुल धनराशि 59.22 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है। प्रस्तावित अतिरिक्त अनुदान सूखाग्रस्त 50 जनपदों के किसानों को घोषित सूखाग्रस्त अवधि तक के लिए ही अनुमन्य किया जाएगा। इसके साथ ही, लाभार्थी कृषकों की सूची कृषि विभाग की वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी।
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