लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में विशेष संचारी रोग नियंत्रण तथा 18 जनपदों में दिमागी बुखार से लड़ने के लिये दस्तक अभियान शुरू किया जा रहा है। जिसके सम्बन्ध में आज यहां होटल गोल्डन ट्यूलिप में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण/मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री पकंज कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की अगुवाई में चलाये जा रहे संचारी रोग नियंत्रण तथा दस्तक अभियान विभिन्न विभागों का संयुक्त प्रयास है। इनमें ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग, नगरीय विकास विभाग, शिक्षा विभाग, समेकित बाल विकास परियोजना, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग और सामाज कल्याण विभाग भागीदारी कर रहे हैं।
श्री पंकज कुमार ने बताया कि दिमागी बुखार को नियंत्रित करने में सबसे बड़ी समस्या इलाज में देरी है। दस्तक अभियान दिमागी बुखार से बचाव एवं नियत्रंण के लिए व्यवहार परिवर्तन संचार अभियान है। इसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर 1-15 वर्ष के आयु के बच्चों के माता-पिता को बीमारी से बचाव उपचार की जानकारी देगे। उन्हे बताया जाएगा कि कोई भी बुखार दिमागी बुखार हो सकता है और ऐसी स्थिति में इलाज में देरी न करें।
उन्होंने बताया कि विगत वर्ष दस्तक अभियान प्रदेश के गोरखपुर एवं बस्ती मंडल के सात जिलों (गोरखपुर, देवरिया महराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, सतंकबीर नगर और बस्ती) में चलाया गया था। इस वर्ष यह अभियान पिछले वर्ष चयनित जनपदों के साथ लखनऊ एवं देवीपाटन मण्डल के 10 जनपदों (लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर उन्नाव, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर ) एवं बाराबंकी जनपद में चलाया जाएगा।
निदेशक संचारी रोग डाॅ0 मिथिलेश चतुर्वेदी ने कहा कि दस्तक अभियान के अन्र्तगत प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर दस्तक देगें औरा दिमागी बुखार से बचाव और उपचार के तरीके बताएंगे। वह लोगों को बताएंगे कि बुखार आते ही मरीज को नजदीक सरकारी अस्पताल ले जाएं। अपने घरों में और आस-पास सफाई रखें, जल भराव न होनें दें, मच्छरों तथा चूहे-छछून्दरों से बचाव करें, स्वच्छ पेय जल का उपयोग करें और पशु-बाड़ों में सफाई रखें। ये छोटे-छोटें उपाय बीमारियों के प्रकोप तथा इन से होन वाली क्षति को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
डा0 चतुर्वेदी ने बताया कि इस अभियान में 1-31 जुलाई के बीच जिला, ब्लाक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर कई जन जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, इसके साथ एल0ई0डी0 वैन व नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। अभियान के दौरान जानकारी के साथ दिमागी बुखार पर चैतरफा वार भी होगा। जिसमें नियमित टीकाकरण के अंतर्गत जे0ई0 टीकाकरण, मच्छरों से बचाव के लिए फाॅगिंग बुखार ग्रस्त, बच्चों की पहचान और उनका स्वास्थ्य केंद्र में इलाज, स्वच्छता, चूहों से बचाव, झाड़ियों की कटाई, नालियों की सफाई, हैंडपंप की मरम्मत शौचालय निर्माण आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि भाई शैली कम्युनिकेशन फार डेवलपमेंट स्पेशलिस्ट यूनिसेफ उ0प्र0 सरकार द्वारा चलाये जा रहे दस्तक अभियान में पूरी तरह सहयोग करता है। प्रत्येक बच्चा अनमोल है और सही जानकारी एवं सही समय पर दिया गया इलाज उनकी जान बचा सकता है। उन्होंने बताया कि एक्यूटइन्सेफलाइटिस सिंड्रोम या दिमागी बुखार बहुत ही गंभीर बीमारी है। जिसके कारण मृत्यु या अपंगता भी हो सकती है कोई भी बुखार दिमागी बुखार हो सकता है, इसलिए बुखार को नजरंदाज नही करना चाहिए और तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। जागरूकताा से ही इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि दस्तक अभियान में यूनिसेफ, पाथ, डब्ल्यूएचओं, टाटा ट्रस्ट्स आदि संस्थाएं सहयोग कर रही है।
कार्यशाला में लखनऊ, उन्नाव, हरादोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, रायबरेली व बाराबंकी के सहायक निदेशक सूचना/जिला सूचना अधिकारी सहित सम्बन्धित जनपदों के जनपद स्तरीय समस्त स्थानीय प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।