सर्दियां आ चुकी हैं और अगर आपकी ख्वाहिश है सफेद बर्फ पर शांति से विचरण करने की तो केदारकंठा ट्रैक आपके लिए ही है। उत्तरकाशी जिले में 12,500 फीट (3800 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित केदारकंठा ट्रैक पर्यटन और ऐडवेंचर के शौकीनों के लिए एकदम मुफीद है। भव्य पर्वत, चक्राकार ग्लेशियर और गढ़वाल रेंज के हिमालय के दर्शन मंत्रमुग्ध कर देते हैं। और जब आप यहां के बारे में कहानी सुनते हैं कि भगवान शिव भी यहां ध्यान लगाते हैं तो आप जैसे एक ऐसे सूक्ष्म जगत में प्रवेश कर जाते हैं जो संभावनाओं और आध्यात्मिकता से भरपूर है।
सर्दियों के मौसम में पर्यटकों के स्वागत के बारे में उत्तराखंड पर्यटन सचिव दिलीप जावालकर ने कहा, ’’ऐडवेंचर की तलाश में उत्तराखंड आने वाले सैलानियों के बीच केदारकंठा सबसे पसंदीदा स्थल है। सर्दियां आ चुकी हैं और हम केदारकंठा चोटी के आसपास के ट्रैक पर अनुभवी एवं नए ट्रैकरों का स्वागत कर रहे हैं।’’
केदारकंठा कैसे पहुंचें
इस ट्रैक का बेस कैम्प संकरी गांव है। संकरी पहुंचने के लिए देहरादून से लगभग 220 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। सड़कें ठीक हैं और देहरादून से स्थानीय बसों और टैक्सियों के विकल्प उपलब्ध हैं। ट्रैक वहां से संभवतः अगली सुबह शुरु होता है। पहला पड़ाव ’जुडा का तालाब’ है जो 9100 फीट की ऊंचाई पर है। वहां पहुंचने के लिए लगभग 5 घंटे ट्रैकिंग करनी पड़ती है। एक दिन के लिए इस स्थान पर रुका जा सकता है और फिर अगली सुबह केदारकंठा के शिखर के लिए चढ़ाई आरंभ होती है।
केदारकंठा में रूकने की व्यवस्था
ट्रैक शुरु करने से पहले संकरी में मौजूद होमस्टे/होटल या गैस्ट हाउस में आराम से ठहरा जा सकता है। ट्रैकिंग के दौरान विभिन्न बेस कैम्पों पर कैम्पिंग उपलब्ध है। संकरी गांव के बाद टेंट व स्लीपिंग बैग किराए पर लिए जा सकते हैं।
खानपान की व्यवस्था
पर्यटक समुदाय के बीच जिला उत्तरकाशी के विशिष्ट व्यंजन बहुत मशहूर हैं। संकरी गांव में आपको बहुत से असल स्थानीय विकल्प मिलेंगे। जैसे ’कोडा की रोटी’ ’पालक का साग’आदि। भव्य गढ़वाल हिमालय शिखरों की पृष्ठभूमि में यहां पर चित्ताकर्षक परिदृश्य दिखाई देते हैं।
संकरी में एक होमस्टे के मालिक कर्नल अजय कहते हैं, ’’सर्दियों में केवल केदारकंठा ट्रैक ही खुला रहता है इसलिए ट्रैकरों की ओर बहुत पूछताछ आती है जो पहाड़ पर चढ़ना चाहते हैं। यहां अधिकांश सैलानी दिल्ली, गुजरात व मुंबई से आते हैं। वे हम से आग्रह करते हैं कि हम यहां का विशुद्ध स्थानीय भोजन उन्हें परोसें। इसलिए हम उन्हें पास के गांवों में ले जाते हैं और सुस्वादु भोजन खिलाते हैं।’’
ट्रैक के बारे में अधिक जानकारी देते हुए और कोविड-19 के दौर में सुरक्षा के बारे में बताते हुए उत्तरकाशी जिला पर्यटन विकास अधिकारी प्रकाश सिंह खत्री ने कहा, ’’केदारकंठा की यात्रा के लिए नवंबर और दिसंबर सबसे उपयुक्त महीने होते हैं। सरकार द्वारा यात्रा पर से प्रतिबंध हटा लिए जाने के बाद हमने पर्यटकों की अच्छी तादाद दर्ज की है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि दिसंबर में और अधिक पूछताछ आएगी। हमें जो भी दिशानिर्देश दिए गए हैं हम उनका पूरा पालन कर रहे हैं और स्थानीय लोगों को आगाह कर रहे हैं कि ट्रैकिंग कराते या भोजन परोसते वक्त सभी जरूरी सावधानियां बरतें।’’