लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने यात्री सुविधा एवं सुरक्षा हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग, एक्सप्रेस वे व रात्रिकालीन सेवाओं की लम्बी दूरी की बसों में ‘‘दो चालकों‘‘ की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी। साथ ही सुरक्षित संचालन के लिए डिपो स्तर पर शिविर लगाकर चालको का ‘‘स्वास्थ एवं नेत्र परीक्षण‘‘ अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया गया।
यह जानकारी प्रबंध निदेशक, उ0प्र0परिवहन निगम डा0 राजशेखर ने दी है। उन्होंने बताया कि यात्रियों और बस कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनें के उद्देश्य से सभी चालकों के स्वास्थ्य परीक्षण का रिकार्ड ’’चालक स्वास्थ परीक्षण कार्ड’’ रखने की व्यवस्था की गयी, जो 05 वर्षो के लिये वैध होगा। इसी प्रकार बसों के सुरक्षित संचालन हेतु चालको में नशे के प्रयोग की रोकथाम के लिए समस्त डिपो एवं मार्ग निरीक्षक दल के पास ‘‘ब्रेथ एनेलाइजर‘‘ उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गयी है और नियमित जाॅच/परीक्षण भी कराया जा रहा है।
डा0 शेखर ने बताया कि तकनीकी एवं भौतिक रूप से स्वस्थ बसों के संचालन के लिए लम्बी दूरी के मार्गो पर बस के पूर्व ‘‘13 बिन्दुओं पर तकनीकी निरीक्षण‘‘ की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। यह व्यवस्था निगम एवं अनुबंधित बसों पर समान रूप से लागू की जा रही है। उन्होंने बताया कि निगम और अनुबन्धित बसों की फिटनेस चैकिंग कराई जा चुकी है। समस्त बसों में गति नियन्त्रण हेतु ‘‘स्पीड कन्ट्रोल डिवाइस‘‘ स्थापित किये जा रहे है।