लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर न्याय विभाग के कार्याें की समीक्षा की। इस अवसर पर प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करने के उपरान्त उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में सरकारी विभागों के लम्बित मामलों का शीघ्र निस्तारण अति आवश्यक है। इसके दृष्टिगत शासकीय अधिवक्ताओं के अलावा, विशेषज्ञ अधिवक्ताओं का पैनल बनाते हुए न्यायालयों में प्रभावी पैरवी के लिए उन्हें नियुक्त किया जाए। इन विशेषज्ञ अधिवक्ताओं की फीस भी निर्धारित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आमजन की सुविधा के दृष्टिगत न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए 10 जनपदों-महोबा, हाथरस, चंदौली, शामली, अमेठी, हापुड़, औरैया, सोनभद्र, सम्भल तथा चित्रकूट में एकीकृत न्यायालय परिसरों का विकास किया जा रहा है। इनमें से जिन जनपदों में भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है, उनके भवन के निर्माण का कार्य शीघ्र प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि जिन जनपदों में अभी भूमि का अधिग्रहण नहीं हुआ है, वहां भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही में तेजी लायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अधिवक्ता कल्याण निधि के 220 करोड़ रुपये के कॉर्पस फण्ड को बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये किया जाए। यह फण्ड असामयिक मृत्यु की स्थिति में दिवंगत अधिवक्ताओं के परिजनों के लिए आर्थिक सम्बल बनेगा। उन्होंने सभी न्यायालयों में पार्किंग की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि न्यायालयों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। ई-कोर्ट की परिकल्पना को साकार करने के लिए न्यायालयों के डिजिटाइजेशन के कार्य में तेजी लाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सुदृढ़ न्याय व्यवस्था सुशासन का आधार है। इसके दृष्टिगत ग्राम न्यायालयों को प्रोत्साहित करें। आमजन को सस्ता, सरल, सुलभ और त्वरित न्याय तहसील स्तर पर ही मिले, यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। नोटरी अधिवक्ताओं की नियुक्ति एवं उनके प्रमाण पत्रों के नवीनीकरण के लिए इसी वर्ष जनवरी माह में ीजजचरूध्ध्नचदवउेण्नचण्हवअण्पद ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च हुआ था। इसके माध्यम से नोटरी के नवसृजित 2500 पदों के लिए काफी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं। मेरिट को आधार बनाते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ नोटरी अधिवक्ताओं की नियुक्ति की कार्यवाही को तेजी के साथ आगे बढ़ाएं।