नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज एशिया प्रशांत रिमोट सेंसिंग संगोष्ठी का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि विभिन्न अंतरिक्ष अभियानों और इससे मिले लाभ के विश्व स्तर पर अनुप्रयोग हैं और दुनियाभर के प्रमुख अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के एक साथ आने से न सिर्फ संपूर्ण विश्व को लाभ मिलेगा बल्कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संसाधनों और जानकारी का बेहतर इस्तेमाल कर तेजी से प्रगति की जा सकेगी। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि नासा और इसरो आपसी सहयोग में कार्य कर रहे हैं और न सिर्फ दोनों देशों के बीच समय-समय पर वैज्ञानिकों का आदान-प्रदान हो रहा है बल्कि भारतीय मूल के कई वैज्ञानिकों जैसे सुनीता विलियम्स ने नासा में अहम योगदान दिया है। उन्होंने इसके साथ ही फ्रांस, जापान और चीन के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की भागीदारी की सराहना भी की।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि गत 2 वर्ष में मोदी सरकार के कार्यकाल में अंतरिक्ष विभाग और इसरो ने श्रीहरिकोटा स्थित प्रेक्षपण केंद्रों से विदेशी उपग्रहों को नियमित रूप से प्रेक्षपित किया है और इसके साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा व्यक्तिगत रूप से रूचि लेने के कारण इस क्षेत्र में कई देशों के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये हैं। इस संगोष्ठी में 100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि और लगभग 300 देशभर से भागीदारी कर रहे हैं।