लखनऊ: उत्तर प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरीश चन्द्र यादव ने कहा कि खेल संस्कृति को एक विधा के रूप में विकसित करने हेतु आवश्यक है कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक खेल को पहुंचाया जाये। बचपन से ही प्रत्येक आयु के बालक/बालिकाओं में खेलों के प्रति अभिरूचि पैदा करते हुए उत्कृष्टा की ओर कदम बढ़ाये जाये। इसके लिए ग्राम, नगर, ब्लाक, तहसील, जनपद, मण्डल से राज्य स्तर तक खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करायी जायें।
श्री यादव ने यह विचार खेल गतिविधियों को बढ़ाने तथा नियमित रूप से खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन कराये जाने हेतु अर्न्तविभागीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। विधान भवन के सभागार में आयोजित बैठक में 19 विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। श्री यादव ने निर्देश दिए कि खेलो इण्डिया एप का वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार कराया जाय। खेल प्रशिक्षकों, खिलाड़ियों, व्यायाम प्रशिक्षकों, योग शिक्षकों एवं अवस्थापनाओं का पंजीकरण “खेलो इण्डिया एप” पर कराया जाये। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा अपने अधीन संचालित स्कूल, कालेजों तथा छात्रावासों में खेल उपकरणों की सुविधा उपलब्ध कराई जाय। इनमें मेडिसिन बॉल, फुटबाल, वालीबाल, टी0टी0 आदि प्राथमिकता पर बच्चों को उपलब्ध कराया जाये।
खेल मंत्री ने कहा कि विभागों द्वारा संचालित किये जाने वाले स्कूल, कालेजों एवं छात्रावासों में खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में याद कोई तकनीकी सहायता अथवा प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण तथा खेल हेतु निर्धारित मानकों का की आवश्यकता है, तो खेल विभाग द्वारा अपेक्षित सहयोग प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया जाये कि खेल विभाग के क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी से समन्वय स्थापित कर अपने-अपने स्तर पर खेलों के संचालन हेतु आवश्यक कदम उठायें। साथ ही तहसील, जनपद एवं मण्डल स्तरीय खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति में प्रभावी भागीदार सुनिश्चित करते हुए खेल प्रतियोगिताओं का कैलेण्डर तैयार किया जाये। प्रतिभावान खिलाड़ियों की पहचान करते हुए खेल प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जाय। ग्राम स्तर से लेकर मण्डलीय स्तर तक नियमित रूप से खेल प्रतियोगिताओं का संचालन कराया जाये।
अपर मुख्य सचिव, खेल श्री नवनीत सहगल ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के संकल्प पत्र में मेजर ध्यानचंद स्पोर्टस इन्फ्रास्टक्चर मिशन के तहत ग्राम स्तर तक खेल अवस्थापनाओं को स्थापित किया जाना है। ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध खेल अवस्थापनाओं एवं संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर प्रतिभावन खिलाड़ियों की खोज कर उन्हें प्रदेश, राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय खेलों में भाग लेने हेतु तैयार करना है। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने यहां खेल की सुविधाओं को बढ़ायें। अपने-अपने विभागों में खेल कैलेंण्डर जारी करें। अभियान चलाकर खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित सभी जानकारियों उपलब्ध करायें। गांव से लेकर शहर तक खेल प्रतियोगिताआं का आयोजन कराया जायेगा। खेलों के माध्यम से एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जायेगा। प्रदेश में नेशनल यूनीवर्सिटी गेम्स कराये जाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खेलों के विकास हेतु समन्वित प्रयास किये जाये और प्रतिभाओं की पहचान की जाय।
बैठक में निदेशक खेल श्री आर0पी0 सिंह सहित पर्यटन, सिंचाई, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास, बाल विकास, युवा कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, गृह विभाग सहित 19 विभागों के अधिकारी मौजूद थे।