लखनऊ: प्रदेश के प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री अरूण कुमार सिन्हा ने बताया कि राज्य की प्रयोगशालाओं से आज प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 2848 मरीज डेंगू से प्रभावित हुए हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने जनपदों में स्थानीय निकायों से समन्वय स्थापित करते हुए कीटनाशक दवाओं के छिड़काव को प्राथमिकता दें। इसके साथ ही अस्पताल में आने वाले डेंगू से ग्रसित रोगियों की जांच प्रमुखता से सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने डेंगू से बचाव एवं उनके उपचार की प्रभावी व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि इस घातक बीमारी से प्रभावित लोगों के उपचार में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए।
प्रमुख सचिव ने बताया कि जापानी इंसेफलाईटिस बुखार के ग्रसित 177 रोगियों की जानकारी प्राप्त हुई है। इस बुखार से अभी तक 28 लोगों की मृत्यु होने की सूचना है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में कालाजार से 76 तथा चिकुनगुनिया से 351 मरीज ग्रसित मिले हंै लेकिन इन बीमारियों से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि एक्यूट इंसेफलाईटिस सिंड्रोम (ए0ई0एस0) से 1897 लोग ग्रसित हुए हंै, जबकि इस बीमारी से 301 लोगों की मृत्यु होने की जानकारी प्राप्त हुई है।
श्री सिन्हा ने यह भी बताया कि जनपद के शासकीय चिकित्सालयों में मरीजों का समुचित उपचार किया जा रहा है। इलाज में किसी भी प्रकार की कमी न हो, इसके लिए अस्पतालों में चिकित्सीय व्यवस्था को और अधिक चाक-चैबंद रखने के निर्देश समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिए जा चुके हैं।