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श्री राजनाथ सिंह ने बीएसएफ के 15वें अलंकरण समारोह में पुरस्कार प्रदान किए

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने बीएसएफ के 15वें अलंकरण समारोह और रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान के आयोजन अवसर पर बीएसएफ के अधिकारियों को वीरता और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस मेडल प्रदान किए। इस वर्ष बीएसएफ के 29 अधिकारियों को पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। भारत सरकार राष्ट्र की सेवा में वीरता और बलिदानपूर्ण कृत्यों को मान्यता देने के लिए बीएसएफ के बहादुर अधिकारियों और जवानों को सम्मानि करती है। कार्यक्रम के दौरान छठी एशियन साइकल चैंपियनशिप 2017 में कांस्य पदक विजेता बीएसएफ के हवलदार हरिन्दर सिंह को भी पुरस्कृत किया गया।

इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले बलों और जवानों पर देश को गर्व है। उन्होंने कहा कि जब कोई बीएसएफ, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल अथवा सेना में शामिल होने का निर्णय लेता है, तो उसके मस्तिष्क में राष्ट्र की सेवा करने का जुनून अवश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत आत्मसम्मान के साथ-साथ राष्ट्रीय आत्मसम्मान भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब कोई विदेशी शक्ति भारत की सीमाओं पर शांति को भंग करने का प्रयास करती है ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय आत्मसम्मान से किसी भी हाल में समझौता नहीं किया जा सकता।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वह बीएसएफ को एक सामान्य संगठन के तौर पर नहीं देखते, बल्कि वह इसे “रक्षा की पहली दीवार” मानते हैं। उन्होंने देश की सीमाओं पर तस्करी और जाली करंसी नोटों को रोकने में बीएसएफ की अतुलनीय भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा के लिए व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली अति आवश्यक है। श्री सिंह ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सीमा पर घुसपैठ की घटनाओं में व्यापक स्तर पर कमी आई है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया आजकल अफवाहों को फैलाने का एक उपकरण बन गया है। उन्होंने अधिकारियों और जवानों से अपील करते हुए कहा कि जो सोशल मीडिया संदेश प्रमाणित नहीं हैं, एवं राष्ट्र हित के खिलाफ हैं, उन्हें आगे अन्य लोगों तक न पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि देश की एकता एवं अखंडता को बनाए रखना हमारा दायित्व है। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा बलों को ड्रेस कोड आदि अनुशासन संबंधी बातों पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए।

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने “सिविक एक्शन प्रोग्राम” के लिए भी बीएसएफ की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि करीब 35,000 जवानों को हवलदार के पद पर पदोन्नत किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सीएपीएफ कर्मियों की शिकायतों के निवारण के लिए हाल ही में एक वेब पोर्टल भी शुरू किया गया है। वह व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक माह कम से कम एक बार इस पोर्टल पर सुरक्षा बलों की शिकायतों के निपटान आदि की निगरानी करते हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में “भारत के वीर” नाम से एक वेबसाइट और मोबाइल एप शुरू की गई है। इसका उद्देश्य देश की रक्षा के दौरान अपना बलिदान देने वाले शहीदों के परिवारों की मदद करने के इच्छुक दाताओं को एक मंच उपलब्ध कराकर उन्हें इस कार्य में योगदान देने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि शहीद के परिवार को कम से कम एक करोड़ रुपये की सहायता मिलनी चाहिए और यदि इस धनराशि को पूरा करने में कुछ कमी रहती है, तो सरकार उसे पूरा करेगी।

बीएसएफ की महानिदेशक श्री के. के. शर्मा ने कहा कि बीएसएफ के जवान देश की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एयर विंग, वाटर विंग, आर्टिलरी विंग, कैमल विंग और डॉग स्क्वॉयड बीएसएफ में अहम समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ अपने सामाजिक दायित्व को भी बेहतर तरीके से निभा रहा है।

बीएसएफ का अलंकरण समारोह सुप्रसिद्ध भारतीय पुलिस अधिकारी बीएसएफ के पहले महानिदेशक और संस्थापक श्री एफ. के. रुस्तमजी की स्मृति में आयोजित किया जाता है। उनके प्रयासों और दृढ़ संकल्पी दृष्टिकोण की वजह से ही बीएसएफ आज अत्यंत पेशेवर और कुशल बल के रूप में खड़ा है।

अपनी 186 बटालियनों का संचालन करने वाले 2.5 लाख कर्मियों की ताकत के साथ, बीएसएफ सीमाओं की सुरक्षा करने वाली दुनिया का सबसे विशाल सुरक्षा बल है। बीएसएफ भारत की रक्षा के पहले घेरे के रूप में सीमारेखा की रक्षा करने में एक अहम भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त, ये बल आंतरिक सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय शांति और सीमा प्रबंधन सहित कई कार्यों को सफलतापूर्वक कर रहा है।

आईबी के निदेशक श्री राजीव जैन, बीएसएफ और गृह मंत्रालय के पूर्व महानिदेशक एवं वरिष्ठ अधिकारीगण भी इस अवसर पर मौजूद थे।

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