नई दिल्ली: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संस्थान नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी), मोहाली के वैज्ञानिकों ने सूडोकैपेसीटर या सुपरकैपेसीटरके लिए एक स्टेबल मैटेरियल विकसित किया है जो इलेक्ट्रॉन चार्ज ट्रांसफर द्वारा विद्युत ऊर्जा को संग्रहित करता है। मैटेरियल, बैटरी के विकल्प के रूप में एक किफायती व प्राप्त करने योग्य ऊर्जा भंडारण समाधान पेश कर सकता है।
आईएनएसटी के डॉ रमेंद्र सुंदर डे और उनकी टीम ने सूडोकैपेसीटर की लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों, उनकी आवर्तन स्थिरता और दर आधारित क्षमता को दूर करने के लिए एक दिलचस्प सिंथेटिक रणनीति तैयार की है। सूडोकैपेसीटरएक प्रकार के सुपरकैपेसिटर हैं जो इलेक्ट्रॉन चार्ज ट्रांसफर द्वारा विद्युत ऊर्जा का भंडारण करसकते हैं।
टीम ने पहली बार सूडोकैपेसीटर मैटेरियल- एक हाइब्रिड जीरोजेलसंरचना (एक जेल जिसे सुखाने पर संकुचन से ठोस बनता है) विकसित की है। एक कार्बनिक अणु, डोपामाइन तथा एक मैट्रिक्स ग्राफीन के एकीकरण से यह हाइब्रिड मैटेरियल तैयार किया गया है। जीरोजेलसंरचना का यह वर्ग, हालांकि पारंपरिक सूडोकैपेसीटर के विकल्प के रूप में साहित्य में बताया गया है, लेकिन उपभोक्ता बाजार में बैटरीके स्थान पर इसके उपयोग के लिए इसमें पर्याप्त आवृति स्थिरता का अभाव है।
शोधकर्ताओं ने सक्रिय मैटेरियल के लंबे समय तक की सेवा के दौरान प्रदर्शन में गिरावट के कारण की जांच की, एक नए सिंथेटिक दृष्टिकोण की पेशकश की और फिर इसे संस्थान के इसी डॉ अबीर डे सरकार द्वारा दिए गए विस्तृत यांत्रिक स्पष्टीकरण और सैद्धांतिक समर्थन के आधार परमैटेरियल के समग्र प्रदर्शन के साथ आपस में जोड़ा।
सूडोकैपेसीटर मैटेरियल – एक कार्बनिक – अकार्बनिक हाइब्रिड जीरोजेल संरचना है जिसमे वाणिज्यिक अनुप्रयोगों के लिए कम लागत और प्राप्त करने योग्य ऊर्जा भंडारण समाधान की क्षमता है। आईएनएसटीटीम ने प्रस्तावित किया कि यह विधि एक सार्वभौमिक दृष्टिकोण और जैविक-अकार्बनिक हाइब्रिड जीरोजेल सूडोकैपेसीटरके लिए एक मॉडल प्रणाली के रूप में काम कर सकती है। परिणाम हाल हीमें जर्नल ऑफ मैटेरियल केमिस्ट्री ए, 2020, डीओआई: 10.1039/d0ta02477e (आई एफ : 10.733) में प्रकाशित हुए हैं।
वैज्ञानिकों ने एक अद्वितीय दो-चरण संश्लेषण प्रक्रिया के माध्यम से सूडोकैपेसीटर मैटेरियल का आविष्कार किया जो हाइब्रिड मैटेरियलके अधिकतम संरचनात्मक लाभ लेने के अनुरूप है। सबसे पहले, उन्होंने कार्बन की सहायता से रिडॉक्स मौएटिटी (आधा भाग) की एंकरिंग के लिए एक हाइड्रोथर्मल सिंथेसिस विधि का पालन किया। दूसरे चरण में उन्होंने एक विद्युत रासायनिक पोलीमराइजेशन दृष्टिकोणपेश किया।इसका उदेश्य विद्युत क्षमता के साथ-साथ आवृति स्थिरता को बढ़ावा देना था। अवधारणा के प्रमाण के रूप में, उन्होंने सक्रिय मैटेरियलसे ऑल-सॉलिड-स्टेट सुपरकैपेसिटर का निर्माण किया। इसका उदेश्य स्व-समर्थित स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक्स के विकास का समर्थन करना था।टीम ने उपकरणों का एक विन्यास बनाया जो 1.7 वोल्टके वाणिज्यिक एलईडी बल्ब की रोशनी के लिए एक शक्ति स्रोत के रूप में काम कर सकती थी।
नया संश्लेषण दृष्टिकोणऔर आणविक स्तर पर रेडॉक्स सुपरकैपेसिटर के तंत्र का अध्ययनसूडोकैपेसीटरके निम्न स्तरीय विद्युत् उत्पादन तथा लंबे समय से स्टेबिलिटी की समस्या को सुधारने के लिए नई अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कार्बनिक सूडोकैपेसीटर के क्षेत्र में भविष्य के अनुसंधान को बढ़ावा दे सकता है और आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य की दिशा में एक प्रभावी रणनीति प्रदान कर सकता है।
[प्रकाशन: जर्नल ऑफ़ मैटेरियल केमिस्ट्री ए, 2020, डी ओ आई : 10.1039 / d0ta02477e (आई एफ : 10.733)।
डॉ रामेंद्र सुंदर डे, ईमेल: rsdey@inst.ac.in – अधिक जानकारी के लिए संपर्क किया जा सकता है]