नई दिल्ली: स्टेनलेस स्टील उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) ऑर्डर के क्रियान्वयन के लिए दो माह का समय विस्तार दिया गया है। पूर्ववर्ती समय विस्तार की अवधि 6 दिसम्बर, 2016 को पूरी हो गई और वर्तमान समय विस्तार इसलिए आवश्यक हो गया है क्योंकि बीआईएस की लाइसेंसिंग प्रक्रिया में अभी कुछ और समय लगेगा। अन्य बातों के अलावा इस ऑर्डर में बीआईएस के मानक चिन्ह एवं प्रमाणन की बाध्यता के बगैर निर्माण, आयात, भंडारण, बिक्री, वितरण इत्यादि से संबंधित पाबंदी का उल्लेख किया गया है।
इस्पात मंत्री श्री बीरेन्द्र सिंह ने इस्पात क्षेत्र में एक व्यापक गुणवत्ता व्यवस्था सृजित करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय इस्पात उत्पादों की स्वीकार्यता एवं पहचान सुनिश्चित करने के मद्देनजर यह अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह जानकारी दी कि समग्र कवरेज की खातिर आने वाले समय में ज्यादा-से-ज्यादा उत्पादों को गुणवत्ता नियंत्रण ऑर्डर के दायरे में लाया जायेगा। मंत्री महोदय ने कहा कि भारत को बेहतर क्षमता उपयोग हेतु अपने इस्पात उत्पादों के लिए नये बाजारों को ढूढ़ने की जरूरत है और निर्यात उन्मुखीकरण के लिए गुणवत्ता पहली आवश्यकता है। यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि इस्पात उत्पाद ही बुनियादी ढांचा, निर्माण, घरेलू सामान, इंजीनियरिंग वस्तुओं एवं अन्य क्षेत्रों की रीढ़ माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण के जरिये मानकीकरण स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करने वाले आम उपभोक्ता की सेहत के लिहाज से लाभप्रद साबित होगा। इसी तरह मकानों की मजबूती एवं लम्बी टिकाऊ अवधि उनमें इस्तेमाल किये जाने वाले इस्पात की गुणवत्ता पर निर्भर करती है।
श्री सिंह ने सभी हितधारकों से अनुरोध किया कि वे इस प्रक्रिया से जुड़े अपने हिस्से के कार्य में तेजी लाएं, ताकि बेहतर गुणवत्ता वाला इस्पात मुहैया कराने का मुख्य लक्ष्य हासिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि समय विस्तार का सिलसिला लम्बे समय तक कतई संभव नहीं है और उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्धक एवं सुरक्षित उत्पाद मुहैया कराने के लिए सभी लोगों को अवश्य ही प्रतिबद्ध होना चाहिए। श्री सिंह ने कहा, ‘भारत को विश्व का विनिर्माण केन्द्र बनाना हमारे प्रधानमंत्री का सपना है, यही कारण है कि उन्होंने मेक इन इंडिया विजन का उल्लेख किया है। अत: अगर हममें से प्रत्येक व्यक्ति हर क्षेत्र में उच्चतम गुणवत्ता मानकों पर अमल करने की दिशा में अपनी ओर से भरसक कोशिश नहीं करेगा, तो हम पीछे रह जायेंगे। जैसा कि कहा जाता है कोई भी सपना एक ऐसा लक्ष्य होता है, जिसकी समय सीमा निर्धारित होती है। अत: हम सभी को समय सीमा का पालन करना चाहिए और इसे अटल मानना चाहिए।’