लखनऊ: प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स मंत्री, श्री मनोज कुमार पाण्डेय ने सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीतियों के अन्तर्गत लखनऊ में स्थापित आईटी सिटी तथा प्रदेश के आगरा, मेरठ, गोरखपुर, कानपुर, बरेली और वाराणसी में आईटी पाक्र्स और यमुना एक्सप्रेसवे में दो एवॅं ग्रेटर नाॅयडा में एक इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर आदि प्रदेश में चल रही और प्रस्तावित परियोजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने आगे कहा कि उद्यमिता प्रोत्साहन की दृष्टि से 3100 से अधिक स्टार्ट-अप इकाइयों की उपस्थिति के साथ भारत विश्व का चैथा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप हब है तथा वर्तमान परिप्रेक्ष्य की आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए वर्ष 2012 में उद्घोषित सूचना प्रौद्योगिकी नीति की समीक्षा कर उसे पुनरीक्षित/संशोधित करते हुए नई ‘‘उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्ट-अप नीति-2016’’ बनाई गई है। इस नीति के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन उपलब्ध कराकर, वृहद सूचना प्रौद्योगिकी/बीपीएम इकाइयों के साथ-साथ स्टार्ट-अप सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। इन्क्यूबेटर्स और स्टार्ट-अप्स को विकास के लिए सरकार द्वारा तीन संस्थानों – कमला नेहरु प्रौद्योगिकी संस्थान, सुल्तानपुर तथा आई.आई.टी. बी.एच.यू. तथा आई.आई.एम. लखनऊ के चयन पर स्वीकृति दे दी गई है। इसी क्रम में ैटण्ब्वण् क्पहपजंस च्संजवितउ च्अजण् स्जकण् और पठन्प्स्क् प्छछव्ट।ज्प्व्छै प्छक्प्। च्टज् स्ज्क् के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किये जा रहे हैं। श्री पाण्डेय आज यहां स्टार्ट-इन कार्यक्रम के लिए प्रदेश सरकार और स्टार्टअप विपेज के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के बाद मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
विभागीय राज्य मंत्री श्री सुधीर कुमार रावत ने अपने सम्बोधन में बताया कि मानव पूॅंजी के विकास के लिए साॅफ्ट स्किल और सूचना प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं सू0प्रौ0 कौशल विकास तथा उसके प्रमाणीकरण पर ध्यान केन्द्रित किए जाने के संकल्प के अन्तर्गत प्रदेश में प्ज् न्च्ट।छ तथा म.ैम्ज्न् प्रशिक्षण एवं इन्क्यूबेशन केन्द्र परिचालनरत हैं। ‘प्लग एण्ड प्ले’ माॅडल पर आधारित 120 सीट की क्षमता वाला एक प्ज् न्च्ट।छ केन्द्र गाजियाबाद में तथा 50 सीट की क्षमता वाला एक अन्य केन्द्र लखनऊ में कार्यरत है।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा समाज के विभिन्न स्तरों पर सूचना प्रौद्योगिकी अलग-अलग स्तर के अन्तर को समाप्त करने के लिए प्रदेश के लगभग 15 लाख छात्र-छात्राओं को लैपटाॅप वितरित किये गये थे तथा इन छात्र-छात्राओं का डिजिटल सूचनाओं से सशक्तीकरण हो रहा है। प्रदेश सरकार पुनः मेघावी छात्र/छात्राओं को लैपटाॅप वितरित कर रही है और 18 वर्ष से 45 वर्ष की आयु वर्ग के जन-सामान्य को स्मार्ट-फोन उपलब्ध कराने जा रही है। प्रदेश के युवा छात्र-छात्रायें उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं का केन्द्र बिन्दु हैं और सरकार का प्रयास है कि वे न केवल अन्य राज्य के युवाओं के साथ प्रतिस्पद्र्धा कर रोजगार प्राप्त कर सकें, अपितु रोजगार सृजक भी बनें।
इसी नीति के अनुसरण में, उत्तर प्रदेश की स्टार्ट-अप इकाइयों को अपने उद्योगों की स्थापना में सहायता के लिए आज लखनऊ में आयोजित एक समारोह में ैटण्ब्वण् क्पहपजंस च्संजवितउ च्अजण् स्जकण् और पठन्प्स्क् प्छछव्ट।ज्प्व्छै प्छक्प्। च्टज् स्ज्क् के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किये गये। इन समझौता ज्ञापनों का उद्देश्य प्रदेश के कालेज जाने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को सफल उद्यमी बनाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और डमदजवतेीपच सुनिश्चित कराया जाना है। ैजंतज प्द ब्वससमहम सिलिकाॅन वैली कार्यक्रम भारत के स्टार्ट-अप समूहों को उनके विचारों का पोषण करने, उद्योग-विशेषज्ञों से सीखने, प्रोटोटाइप के निर्माण तथा छः महीने के भीतर आरम्भिक निवेशकों के समक्ष उसकी प्रस्तुति का अवसर प्रदान करता है। कार्यक्रम का अन्तिम सप्ताह सिलिकाॅन वैली में विश्वस्तरीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के अनुभव तथा फेसबुक जैसी कंपनियों की डेवलपर टीमों के साथ सीधे बातचीत करने के अवसर के रूप में होता है।
ैटण्ब्व छात्रों के लिए विश्व का पहला डिजिटल इन्क्यूबेटर है और इसका प्रमुख कार्यक्रम ैजंतज प्द ब्वससमहम है, जिसका उद्देश्य औद्योगिक-उपदेशकों एवं विशेषज्ञों के द्वारा समर्थित शैक्षिक वातावरण ;ेमजनचद्ध में विश्वस्तरीय स्टार्टअप की स्थापना कराया जाना है। ैजंतज प्द ब्वससमहम देश में युवाओं के बीच उद्यमिता संस्कृति उत्पन्न करने का एक वृहद प्रयास है। इसका कार्य-क्षेत्र इंजीनियरिंग कालेजो के छात्रों के लिए एक पूरी तरह से डिजिटल इन्क्यूबेशन ढांचा प्रदान करना और 50 छात्र समूहों तक चुनकर, उन्हें उत्पादों के निर्माण तथा सिलिकाॅन वैली में उसका प्रारम्भ करने में सहायता देना है। इस समझौता ज्ञापन के अन्तर्गत आईटी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग, उ0प्र0 शासन द्वारा ‘‘उ0प्र0 सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्ट-अप नीति-2016’’ के अनुरूप, ैटण्ब्व के छह माह के सिलिकाॅन वैली कार्यक्रम में इन्क्यूबेट होने वाले स्टार्ट-अप्स को जीविका भत्ता के रूप में रू0 15000/- प्रतिमाह प्रति समूह, सहयोग प्रदान किया जायेगा।
समारोह में अतिथियों का स्वागत करते हुए श्री अजय दीप सिंह, प्रबन्ध निदेशक, यूपीडेस्को तथा यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपारेशन लि0 ने प्रदेश सरकार द्वारा प्रख्यापित की गई ‘‘उ0प्र0 सूचना प्रौद्योगिकी एवॅं स्टार्ट-अप नीति-2016‘‘ में उपलब्ध प्रोत्साहनों और उसके लाभों से अवगत कराया गया, जिसमें इन्क्यूबेटर्स के लिए रू 25 लाख की अधिकतम सीमा सहित, आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर सेट-अप के लिए 50 प्रतिशत तक पूॅंजीगत अनुदान, परिचालन व्ययों से होने वाली हानि की पूर्ति हेतु 05 वर्ष की अवधि तक रू 5 लाख प्रतिवर्ष तक की आर्थिक सहायता, परामर्शकों/उपदेशकों हेतु प्रति परामर्शक/ उपदेशक रू 2 लाख वार्षिक मानदेय, स्टार्ट-अप्स को एक वर्ष की अवधि तक रू 15,000/- प्रतिमाह का भरण- पोषण भत्ता, उत्पाद/सेवाओं को बाजार में उतारने के लिए अधिकतम रू 10 लाख तक की विपणन/व्यवसायीकरण सहायता आदि सम्मिलित है।
ैटण्ब्वण् के साथ जुड़ने का फायदा, प्रदेश के भावी उद्यमियों को यह होगा कि उत्तर प्रदेश के किसी भी हिस्से में रहने वाले छात्र जो यह सीखना चाहते हैं कि स्टार्टअप की स्थापना कैसे की जाये, उन्हें डिजिटल इन्क्यूबेटर द्वारा सहायता प्रदान की जायेगी और अब उन्हें इसके लिए बड़े शहरों की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। डध्े पठनपसक के ख्यातिप्राप्त इन्क्यूबेशन केन्द्र देश के महानगरों जैसेकि हैदराबाद, मुम्बई, दिल्ली, बैंगलोर, कोलकाता तथा गुन्टूर में स्थित हैं तथा आईआईटी, एन.आई.टी., आई.आई.आई.टी हैदराबाद, बी.आई.टी.एस. पिलानी से लगभग 150 युवा अल्युमनाईज का सुदृढ़ पूर्णकालिक दल है, जो उत्तर प्रदेश के साथ जुड़ रहे हैं और इसका लाभ निश्चित ही उत्तर प्रदेश के युवाओं को भी मिलेगा।
समझौता ज्ञापन पर अपनी प्रतिक्रिया में स्टार्टअप विलेज के अध्यक्ष श्री संजय विजय कुमार ने कहा कि यह एक महान अवसर है कि हम उत्तर प्रदेश के कालेज छात्रों को स्टार्टअप स्थापना में सहायता करेंगे तथा उ0प्र0 सरकार द्वारा प्रदान की गई सहायता हमें राज्य के अन्दर कुछ महान प्रतिभाओं की तलाश और सृजन में मदद करेगी। हमारा लक्ष्य उद्योग क्षेत्र में सर्वोत्तम संसाधन और विशेषज्ञता लाना है जिससे कि भारत में युवा उद्यमियों को उच्च गुणवत्तायुक्त सीखने कं अनुभव प्राप्त हों तथा वह रोजगार सृजक बनें। फेसबुक इंक, इस कार्यक्रम का आधिकारिक मेजबान सहयोगी है और कार्यक्रम की परिकल्पना के अनुसार चयनित ैजंतजनच समूहों में से प्रत्येक समूह से एक सदस्य के लिये एक सप्ताह की मेनलो सिटी, कैलीफोर्निया की यात्रा प्रस्तावित है, जहाँ वह रहेंगे। च्ंलजउ इस कार्यक्रम का एक अन्य महत्वपूर्ण भागीदार है जो बैच के 30 सर्वोत्तम संस्थापकों को 100 प्रतिशत छात्रवृत्ति प्रदान करता है। सरकार द्वारा इन्क्यूबेटर्स तथा स्टार्ट-अप्स के विकास हेतु विभिन्न प्रोत्साहन दिये जा रहो हैं जिसके फलस्वरूप मा. मुख्यमंत्री जी का राज्य में एक उद्यमिता/ स्टार्ट-अप संस्कृति विकसित किये जाने का स्वप्न साकार हो सकेगा।