नई दिल्ली: आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों और उनकी उपलब्धता पर विचार विमर्श के लिए अंतर मंत्रालय समिति की दूसरी बैठक आज यहां आयोजित की गई। समिति ने आयातित दालों और प्याज की आमद की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। दालों पर, एमएमटीसी के आकलन अनुसार, आयातित अरहर की 2500 मीट्रिक टन की खेप तीन चरणों में चेन्नई बंदरगाह पर आ जाएगी
जबकि समान मात्रा में अरहर की लगभग 2500 मीट्रिक टन की खेप चार चरणों में 23 सितंबर, 2015 से जेएनपीटी पर आनी शुरू हो जाएगी। 5000 मीट्रिक टन अरहर की पूरी खेप 20 अक्टूबर, 2015 तक दोनों बंदरगाहों पर पहुंच जाएगी। दाल की उपलब्धता बढाने के लिए अरहर के 5000 मीट्रिक टन के अतिरिक्त आयात की भी मंजूरी दी गई है। एमएमटीसी ने पहले से ही 11 सितम्बर 2015 को अरहर की खरीद के लिए निविदा जारी कर रखी है और इसकी बोली 21 सितंबर 2015 को लगायी जाएगी।
उड़द पर एमएमटीसी ने इस बात के भी संकेत दिये कि म्यांमार से उड़द की 5000 मीट्रिक टन की खेप चेन्नई और जेएनपीटी बंदरगाहों पर उतरेगी। 20 अक्टूबर 2015 तक दोनों बंदरगाहों में से प्रत्येक पर करीब 2500 मीट्रिक टन के आसपास खेप भेजी जाएगी।
राज्यों द्वारा आयातित दालों को अग्रगमन करने में अपनी असमर्थता जताने के बाद एमएमटीसी को आयातित दालों यानी अरहर और उड़द के दलन के लिए निविदा जारी करने की सलाह दी गयी थी। इससे राज्यों द्वारा इनकें उद्ग्रहण और फिर उपभोक्ता को इसका वितरण तीव्र गति से सुनिश्चित हो सकेगा।
एमएमटीसी ने जानकारी दी है कि अक्टूबर, 2015 के प्रथम सप्ताह में 1000 मीट्रिक टन प्याज के आयात के साथ ही प्याज की 1000 मीट्रिक टन की एक और खेप के जेएनपीटी, मुंबई बंदरगाह पर अक्टूबर 2015 के दूसरे और तीसरें सप्ताह तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। 10 सितंबर 2015 को आयोजित समीक्षा बैठक में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों और सार्वजनिक वितरण मंत्री द्वारा दिए निर्देश के अनुसार, एमएमटीसी ने 11 सितम्बर 2015 को 1000 मीट्रिक टन प्याज के आयात के लिए निविदा जारी की है और इसकी बोली 18 सितंबर 2015 को लगायी जाएगी।