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राज्य सलाहकार समिति (पी.सी.पी.एन.डी.टी) की बैठक लेती: स्वास्थ्य निदेशक कुसुम नरियाल

उत्तराखंड

देहरादून: गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम, के अन्तर्गत राज्य सलाहकार समिति (पी.सी.पी.एन.डी.टी) की 13 वीं बैठक स्वास्थ्य निदेशक कुसुम नरियाल की अध्यक्षता में महानिदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सहस्त्रधारा रोड देहरादून में सम्पन्न हुई।

बैठक में राज्य सलाहकार समिति (पी.सी.पी.एन.डी.टी) ने जनपदों में स्थित अल्ट्रासाउण्ड सेन्टरों की माॅनिटरिंग न होने पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे रूटीन के तहत माॅनिटरिंग करें तथा अपने जनपदों में सलाहकार समिति की बैठक समय-2 पर करना सुनिश्चित करें। बैठक में यह बात प्रकाश में आयी कि राज्य में 488 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र पंजीकृृत है, जिनमें से 144 केन्द्रों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। समिति ने यह भी निर्देश दिये कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ए.एन.एम/एन.एम तथा आशा कार्यत्रियों द्वारा उनके क्षेत्र में हुए प्रसव पंजीकरण की रिपोर्ट भी समय से प्राप्त की जाए तथा ग्रास रूट लेवल पर लिंग भेदभाव को रोकने से सम्बन्धित कांउसिलिंग भी समय-2 पर की जाए। सलाहकार समिति ने यह भी निर्देश दिये कि अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों तथा किसी भी सार्वजनिक स्थान पर लिंग परीक्षण प्रोत्साहन तथा लिंग भेदभाव से सम्बन्धित किसी भी प्रकार का विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार पर रोक का सख्ती से अनुपालन कराना सुनिश्चित करे। उन्होने जनपदीय स्वास्थ्य अधिकारियेां को निर्देश दिये कि आई.वी.एफ (इन विट्रो फर्टिलाईजेशन) और ए.आर.टी (अस्टिेंट रिप्रोडक्टिव ट्रीटमेंट) संचालकों से पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट का पालन करवाने हेतु उनकी एक बैठक अनिवार्य रूप से ली जाए तथा लिंग परीक्षण तथा लिंग भेदभाव पर रोक से सम्बन्धित आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत किये जाए। समिति में इस बात पर भी सहमति बनी कि सनफाउंडेशन द्वारा निर्मित 2 मिनट की ’’बेटी बचाओ’’ डाक्यूमेंन्ट्री फिल्म को जिलाधिकारी के माध्यम से जिला मनोरंजन कर अधिकारी को जनपद में स्थित सिनेमा हाल में निःशुल्क प्रदर्शित कराई जाए। समिति ने सार्वजनिक स्थलों पर ’यूथ फेस्टिवल’ तथा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी समाज में ’बेटी बचाओ’ अभियान के प्रति जागरूकता लाने तथा अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ने का कार्य किया जाए ताकि समाज में बेटियों के जन्म के प्रति नकारात्मक सोच का बदला जा सके।
स्वास्थ्य निदेशक कुसुम नरियाल ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऐजेंडे के अनुसार बैठक में जो निष्कर्ष सामने आये उन पर त्वरित रूप से संज्ञान लिया जाए तथा ऐजेंडे के बिन्दुओं को सम्बन्धित विभागों को एक सप्ताह पूर्व प्रेषित करें जिससे की वे अपनी सम्पूर्ण तेयारी से बैठक में उपस्थित हो सकें।
बैठक में डाॅ अजीत गैराला ने निर्देश दिये कि जिन जनपदों में बाल लिंगानुपात में तेज गिरावट दर्ज की गयी है उनमें पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए तथा जागरूकता कार्यक्रम भी अधिक- से – अधिक संचालित किये जाएं।

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