लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अन्य पिछड़े वर्ग की अनुमन्य सूची में एक ही क्रमांक पर अंकित करने के सम्बन्ध में काछी, काछी-कुशवाहा, शाक्य, कोइरी, माली, सैनी, मुराव, मुराई, मुराव, मौर्य आदि को एक ही क्रमांक पर अंकित करने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में अहीर, यादव, यदुवंशीय, ग्वाला के साथ भुर्तिया को जोड़े जाने के सम्बन्ध में राज्य सरकार को संस्तुति प्रेषित की गयी है।
यह जानकारी अध्यक्ष राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग श्री राम आसरे विश्वकर्मा ने दी है। उन्होंने बताया कि आयोग की बैठक में जाति एवं उपजाति को एक साथ सूची में शामिल करने सम्बन्धी प्राप्त प्रत्यावेदन पर विचार कर निर्णय लिया गया है। विश्वकर्मा बढ़ई, बढ़ई-सैफी, पांचाल, रमगढ़िया, जांगिड़, धीमान, लोहार-सैफी तथा केवट, मल्लाह, निषाद, बिन्द जाति को एक क्रमांक पर रखे जाने के लिए आयोग ने राज्य सरकार को संस्तुति प्रेषित की है ताकि इन जातियों को भ्रम की स्थिति न रहे।
उन्होंने बताया कि बरई, चैरसिया, तमोली, नागमण्डल, जयसवाल को अन्य पिछड़े वर्ग से हटाकर अति-पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के प्रत्यावेदन को आयोग ने सर्वसम्मति से इसलिये अस्वीकार कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्गों की सूची में पिछड़ा एवं अति पिछड़ा का विभाजन नहीं है। जोशी, भड्डरी जाति को पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित किये जाने के प्रत्यावेदन को आयोग द्वारा प्रारम्भिक सुनवाई करने का निर्णय लिया गया है। जाट जाति के सम्बन्ध में शासन के पत्र के क्रम में आयोग द्वारा विस्तृत आंकड़े उपलब्ध कराने हेतु सर्वे कराने का निर्णय लिया है।
बैठक में उपाध्यक्ष डा0 दीप सिंह पाल, श्री रामाधार सिंह लोधी, सदस्य श्री बृजराज सैनी, श्रीमती विद्या यादव, श्रीमती कंचन कनौजिया, श्रीमती निर्मला यादव, श्रीमती सुनीता सिंह, श्री राम प्रसाद सविता, श्री रिछपाल सिंह चैधरी, श्रीमती प्रभा यादव, श्रीमती मंजूरानी मौर्या, श्रीमती सोमवती शंखवार, श्रीमती रचना कोरी, श्री विनोद सविता, श्री जवाहर लाल साहू, श्री लालता प्रसाद बियार आदि उपस्थित थे।