नई दिल्ली: म्यांमा की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की।
भारत के अपने पहले राजकीय दौरे पर आई महामहिम आंग सान सू ची का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और म्यांमा करीबी पड़ोसी है और दोनों का एक-दूसरे के साथ दीर्घकालिक मधुर संबंध रहे है। इसी साल अगस्त में राष्ट्रपति की म्यांमा यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई सार्थक चर्चाएं हुई थी और चार महत्वपूर्ण समझौतों पर भी हस्ताक्षर हुए थे।
राष्ट्रपति ने नवंबर, 2015 में आयोजित आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत के लिए आंग सान सू ची को बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा जिस तरह से म्यांमा के लोगों ने पूरे चुनाव में भागीदारी की, भारत लोगों द्वारा दिखाए गए इस उत्साह की सराहना करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि म्यांमा में लोकतंत्र की प्रक्रिया मजबूत हो रही है। भारत बदलाव के दौर से गुजर रहे म्यांमार के लोकतंत्र को मजबूत करने के क्रम में स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करेगा। उन्होंने म्यांमा में एक मजबूत लोकतंत्र स्थापित करने में सफलता की कामना की। उन्होंने कहा कि म्यांमा में पूर्ण रूप से लोकतंत्र लागू होने के लिए समय लगेगा और इस प्रक्रिया में भारत म्यांमा के साथ खड़ा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत म्यांमा सरकार के अनुरोध पर जल्द ही बोध गया में दो पुराने मंदिरों और किंग मिंडन तथा बे गी डॉ के शिलालेखों का जीर्णोद्धार की शुरूआत करेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य को भारत सरकार की वित्तीय मदद की सहायता से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा किया जाएगा।
आंग सान सू ची ने राष्ट्रपति की भावनाओं का सम्मान करते हुए कहा कि भारत और म्यांमा में काफी समानताएं है। उन्होंने कहा कि बदलाव का दौर आसानी से पूरा नहीं होता और म्यांमा को एक सतर्क तरीके से इस दौर में प्रवेश करना होगा। उन्होंने कहा कि म्यांमा इसके लिए भारत और यहां के लोगों से सहयोग चाहता है ताकि लोगों का जीवन बेहतर हो सके।
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