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सचिवालय सभागार में राज्य रोजगार गारन्टी परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए विकास मंत्री प्रीतम सिंह

उत्तराखंड

देहरादून: प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, लघु सिंचाई, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, गृह एवं पिछड़ा क्षेत्र विकास मंत्री प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में राज्य रोजगार गारन्टी परिषद की बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में परिषद अध्यक्ष/ग्राम्य विकास मंत्री प्रीतम सिंह ने निर्देश दिये, कि रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत केन्द्र से लम्बित 62 करोड़ की देनदारी जारी करने के लिए प्रयास किया जाय। उन्होंने रोजगार गारन्टी में शून्य प्रगति वाले ग्राम पंचायतों के सम्बन्ध में चिन्ता व्यक्त करते हुए दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिये। उनका कहना था, कि किन कारणों से ग्राम सभा से प्रस्ताव नहीं संकलित किया जा सका। उन्होंने ऐसी ग्राम सभाऐं चिन्हीकरण करने के निर्देश दिये जहाॅं रोजगार की आवश्यकता नहीं है। कैबिनेट मंत्री ने जाॅब कार्ड सत्यापन की औसत धीमी प्रगति 16.65 प्रतिशत को ना काफी बताते हुए न्यूनतम प्रगति वाले जनपदों यथा चमोली, हरिद्वार तथा रूद्रप्रयाग के सम्बन्ध में विस्तार से विवरण मांगा। उन्होने व्यक्तिगत घरेलू शौचालय योजना पर शून्य प्रगति वाले जनपदों देहरादून, टिहरी तथा ईकाई अंक वाले जनपदों यथा रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, हरिद्वार, चम्पावत, पौड़ी, चमोली में लक्ष्य के सापेक्ष्य न्यूनतम प्रगति को गम्भीरता से लेते हुए तथा योजना में सत्यापन के कार्य में तेजी लाकर भारत सरकार से अवशेष धनराशि शीघ्र जारी कराने के निर्देश दिये। सचिव पेयजल अरविन्द सिंह ह्यांकी ने बताया कि व्यक्तिगत घरेलू शौचालय योजना (आई0एच0एच0एल0)में सत्यापन 50 से 60 प्रतिशत केन्द्र को भेजने पर ही किश्त रिलीज होगी जबकि वर्तमान में सत्यापन का प्रतिशत न्यून औसत 13.30 है। उन्होंने समस्त मुख्य विकास अधिकारियों से योजना में सत्यापन की गति बढ़ाने के निर्देश दिये।
प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास द्वारा अवगत कराया गया, कि आपदा प्रभावित जिलों में आई0एच0एच0एल0 योजना के अन्तर्गत मांग लगभग 62 करोड़ की थी। मुख्यमंत्री की पहल से मुख्यमंत्री राहत कोष से 40 करोड़ का प्राविधान आपदा ग्रस्त 5 जिलों के लिए, हुआ है, तथा प्रदेश के अन्य छूट गये 8 जिलों में योजना के अन्तर्गत धन की मांग के लिए वित्त में प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। ग्राम्य विकास मंत्री ने योजना का लक्ष्य हासिल करने के लिए मनरेगा के धन के भी अधिक उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया।
फार्म पांन्ड योजना में पानी के स्रोत को बढ़ाने के लिए वर्ष 2016-17 में स्वीकृत 3 हजार 330 स्वीकृत तालाबों की समीक्षा पर ग्राम्य विकास मंत्री द्वारा योजना के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया गया। उनका कहना था, कि यह योजना गांव के विकास हेतु उपयोगी है किन्तु योजना की जानकारी गाॅव वालों को न होने के कारण योजना में स्वीकृति संख्या कम है। उन्होंने योजना का लाभ बताते हुए इसमें अधिक-अधिक पंचायत प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। बैठक में ‘‘मेरा गाॅव, मेरी सड़क’’योजना की समीक्षा की गई तथा मनरेगा के अन्तर्गत संचालित योजनाओं का आम जन में प्रसार-प्रसार के लिए योजनाओं से सम्बन्धित वेबसाइट जल्द से जल्द लोकार्पण करने के निर्देश दिये गये।

बैठक में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव पेयजल अरविन्द सिंह ह्यांकी, आयुक्त ग्राम्य विकास युगल किशोर पन्त, अपर सचिव वित्त अर्जुन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी देहरादून बंसीधर तिवारी, मुख्यविकास अधिकारी हरिद्वार मेहरवान सिंह सहित समस्त जिलों के मुख्य विकास अधिकारी तथा सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे।

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