लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोविड-19 के उपचार की व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार सभी लोगों को गुणवत्तापरक चिकित्सीय सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री जी आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 01 मई, 2021 से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के कोविड टीकाकरण की व्यवस्था लागू की जा रही है। टीकाकरण का यह नया चरण कोविड-19 से लड़ाई में निर्णायक सिद्ध होगा। उन्होंने निर्देश दिये कि 01 मई से शुरू होने वाले टीकाकरण कार्यक्रम की कार्ययोजना तैयार कर इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कल की तुलना में आज नए कोविड मरीजों की संख्या में कमी आयी है। वहीं दूसरी ओर कोरोना से रिकवर हुए मरीजों की संख्या में कल की अपेक्षा आज वृद्धि हुई है। यह एक आशाजनक संकेतक है। उन्होंने कोरोना के खिलाफ जंग को पूरी मजबूती से जारी रखने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग सभी जनपदों में कोविड बेड की संख्या को दोगुना करने के लिए पूरी तत्परता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोविड अस्पतालों में आई0सी0यू0 तथा आइसोलेशन बेड के जनपदवार डाटा तैयार कर लें, जिससे कोरोना मरीजों को त्वरित उपचार पूरी सहजता से उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि डी0आर0डी0ओ0 के सहयोग से लखनऊ और वाराणसी में कोविड अस्पताल स्थापित किये जा रहे हैं। इसके दृष्टिगत सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने अधिकारियों को कोरोना की नई दवा के सम्बन्ध में आई0सी0एम0आर0 से संवाद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल द्वारा इस दवा को मंजूरी दी गई है। कोविड मरीजों के उपचार में इसका उपयोग आई0सी0एम0आर0 द्वारा अनुमन्य किए जाने के बाद ट्रायल के तौर पर सर्वप्रथम जनपद लखनऊ, वाराणसी व कानपुर नगर में उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करे कि सभी सरकारी और निजी अस्पताल जिनकी क्षमता 100 से अधिक बेड की है, उनके पास स्वयं का ऑक्सीजन प्लाण्ट हो। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कालाबाजारी न होने पाए। ऑक्सीजन टैंकर को जी0पी0एस0 से जोड़ते हुए इनके संचालन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने ऑक्सीजन टैंकरों की संख्या बढ़ाये जाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आई0आई0टी0 कानपुर, आई0आई0टी0 बी0एच0यू0 और आई0आई0एम0 लखनऊ के सहयोग से सभी जनपदों एवं अस्पतालों का ऑक्सीजन ऑडिट कराया जाए। इसी प्रकार लखनऊ के ए0के0टी0यू0, गोरखपुर के एम0एम0यू0टी0, कानपुर के एच0बी0टी0यू0 और प्रयागराज के एम0एन0एन0आई0टी0 से सम्पर्क स्थापित कर ऑक्सीजन ऑडिट कार्य में सहयोग लिया जाए। उन्होंने ऑक्सीजन ऑडिट के मानक तय करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने ऑक्सीजन मांग एवं आपूर्ति की लाइव ट्रैकिंग कराये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति के सम्बन्ध में युद्धस्तर पर कार्य किया गया। परिणामस्वरूप प्रदेश में ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित हो सकी। इस कार्य में तकनीक का भी व्यापक उपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि सरकारी व निजी अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रेमडेसिविर सहित सभी जीवनरक्षक दवाओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए आवश्यक है कि इसकी लगातार माॅनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन तथा जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और एन0एस0ए0 के तहत कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह निर्देश दिए कि निजी चिकित्सालय द्वारा मरीजों से निर्धारित मूल्य से अधिक शुल्क न लिया जाए। अगर ऐसा होता है, तो उस संस्थान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों को समय से मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए। मेडिकल किट में 7 दिन के लिए सभी निर्धारित दवाएं होनी चाहिए। मेडिकल किट वितरण के कार्य में आंगनबाड़ी तथा आशा वर्कर्स की भी सेवाएं प्राप्त की जाएं। इस कार्य के लिए इन्हें इन्सेन्टिव भी दिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना टेस्ट की क्षमता में विस्तार किया जाए। उन्होंने आर0टी0पी0सी0आर0 की वर्तमान क्षमता को दोगुना करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक है कि फोकस टेस्टिंग की जाए। मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग के कार्यक्रम को सतत जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रति व्यापक जागरूकता अत्यन्त आवश्यक है। इसके लिए विभिन्न संचार माध्यमों के साथ-साथ पब्लिक एड्रेस सिस्टम का सार्थक उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग का कार्य युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में फायर विभाग के वाहनों का भी उपयोग किया जाए। कण्टेनमेण्ट जोन के प्राविधानों को सख्ती से लागू किया जाए। निगरानी समितियों से संवाद बनाकर उनसे लगातार फीडबैक प्राप्त किया जाए। अस्पतालों एवं ऑक्सीजन उत्पादन व रीफिलिंग से जुड़ी इकाइयों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो। औद्योगिक इकाइयों में कोविड प्रोटोकाॅल का पालन कराते हुए गतिविधियां संचालित की जाएं। उन्होंने सभी जनपदों में क्वारण्टीन सेण्टर को प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेहतर कोविड प्रबन्धन में इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर की महत्वपूर्ण भूमिका है। लखनऊ सहित सभी जनपदों में इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर के प्रभावी संचालन पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सेण्टर के माध्यम से बेड आवंटन की जानकारी, समय पर एम्बुलेंस की उपलब्धता आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायी जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने रात्रि 8 बजे से सुबह 7 बजे तक प्रदेशव्यापी कोरोना कफ्र्यू को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस दौरान आकस्मिक और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर शेष गतिविधियां प्रतिबन्धित रहेंगी। उन्होंने कहा कि मास्क के अनिवार्य उपयोग के लिए प्रवर्तन की प्रभावी कार्यवाही की जाए। मास्क प्रवर्तन की कार्यवाही में प्राप्त धनराशि का 50 प्रतिशत उपयोग सड़क सुरक्षा तथा शेष 50 प्रतिशत धनराशि का उपयोग गरीब व जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क मास्क देने के साथ-साथ पुलिस बल को मास्क, ग्लव्स व सेनिटाइजर उपलब्ध कराने में किया जाए। मास्क को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से तैयार कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया है कि गेहूं क्रय केन्द्रों का संचालन पूरी क्षमता से किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई दिक्कत न हो। गेहूं खरीद के दौरान कोविड प्रोटोकाॅल पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी गो-आश्रय स्थलों पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
समीक्षा में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारीगण वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।