लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार हर सम्भव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसानों को उपज की बिक्री के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मण्डी स्थलों पर उपलब्ध करायी जाएं। मण्डी की सड़कों को बेहतर बनाने के साथ ही पेयजल, प्रकाश, शौचालय आदि की व्यवस्था की जाए, जिससे किसानों को राहत मिले। मण्डी परिषद की कार्यपद्धति में परिवर्तन किसान और आम जनता को दृष्टिगोचर होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मण्डियों को चरणबद्ध ढंग से आधुनिक बनाया जाए। प्रथम चरण में कुछ विकास खण्डों का चयन कर वहां मण्डी को सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा खरीफ की फसल के 14 जिन्सों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। अलीगढ़, मुरादाबाद आदि मण्डलों में मक्के की फसल तैयार हो गयी है, इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि गेहूं और धान की तर्ज पर खरीफ की अन्य फसलों के क्रय की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां शास्त्री भवन में राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के संचालक मण्डल की 155वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस मौके पर संचालक मण्डल द्वारा राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद का वित्तीय वर्ष 2018-19 के निण् 2,911.18 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया। बजट में मण्डी स्थलों के विकास, किसान बाजार, सम्पर्क मार्गों की मरम्मत, मण्डी समितियों के विकास, मुख्यमंत्री खेत-खलिहान अग्निकाण्ड दुर्घटना सहायता योजना एवं मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना, मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना, अध्ययन योजना, शासकीय कृषि विश्वविद्यालयों में छात्रावास निर्माण योजना आदि के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है।
बैठक में प्रदेष में आधुनिक किसान मण्डी की संकल्पना को साकार करने के लिये प्रथम चरण में 25 नवीन मण्डी स्थलों के विकास के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया। इसके अन्तर्गत इन मण्डियों में किसानों के लिये आधुनिक स्वागत कक्ष, सुविधायुक्त विश्रामालय व प्रसाधन गृह, वाई-फाई की सुविधा, कोल्ड स्टोरेज तथा राइपनिंग चैम्बर की व्यवस्था तथा कूड़ा निस्तारण के लिये उन्नत व्यवस्था लागू की जाएगी। इस हेतु 150 करोड़ रुपये का प्राविधान मण्डी के वार्षिक बजट मंे किया गया है।
संचालक मण्डल द्वारा पोस्ट हार्वेस्ट हानियों को कम करने के लिये फल व सब्जी के किसानों के लिये निःषुल्क प्लास्टिक क्रेट्स उपलब्ध कराए जाने की योजना एवं मण्डी समितियों में कृषि उपजों को विक्रय के समय हानियों व गन्दगी से बचाने के लिये समिति परिसर में तिरपाल उपलब्ध कराने की योजना का अनुमोदन भी किया गया। मण्डी स्थल में शत-प्रतिशत अभिलेखीकरण सुनिश्चित करने एवं करापवंचन की शिकायतों पर अंकुश लगाने की दृृष्टि से प्रदेश की समस्त निर्मित 219 मण्डियों एवं 31 प्रमुख उप मण्डियों में सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाये जाने का निर्णय भी लिया गया।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेष में पूर्व से संचालित 150 हाट-पैठों का आधुनिकीकरण व विकास किया जाएगा। इसके अन्तर्गत ग्राम सभा की भूमि पर लगने वाले हाट-पैठों में 02 छायादार चबूतरों, जनसुविधाओं तथा पेयजल की सुविधा को प्रकाष की व्यवस्था के साथ उपलब्ध कराया जाएगा। काला नमक चावल के उत्पादन/विपणन एवं निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु उन्नत किस्म के धान उत्पादन एवं उसके प्रसंस्करण सम्बन्धी अनुसंधान के लिए उत्तर प्रदेश कृृषि अनुसंधान परिषद (यू0पी0सी0ए0आर0) के माध्यम से शोध अनुदान दिये जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
इसके अलावा, संचालक मण्डल द्वारा प्रदेष से कृषि उपज के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देष्य से उद्यमी प्रोत्साहन अनुदान योजना को भी मंजूरी प्रदान की गयी। बैठक में विषेष रूप से कुशीनगर जनपद में नवीन मण्डी स्थल के निर्माणार्थ 21.06 करोड़ रुपये की धनराषि से 7.9 हेक्टेयर भूमि समझौते द्वारा क्रय करने हेतु आयुक्त, गोरखपुर के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान की गयी। साथ ही, उपमण्डी स्थल बड़हलगंज के निर्माणार्थ 12.78 करोड़ रुपये की धनराषि से 3.910 हेक्टेयर भूमि क्रय करने की स्वीकृृति भी प्रदान की गयी। परिषद/समितियांे की लेखा परीक्षा स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग के स्थान पर महालेखाकर, उत्तर प्रदेश द्वारा सम्पादित कराने के प्रस्ताव को भी संचालक मण्डल द्वारा मंजूरी प्रदान की गयी।
संचालक मण्डल की बैठक में कृषि विपणन एवं कृषि विदेष व्यापार विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह सहित राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के संचालक मण्डल के अन्य सदस्य, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री तथा शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।