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राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव लाने में सफल रही है: डाॅ0 दिनेश शर्मा

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्य अध्यापक पुरस्कार समारोह में प्रदेश के उच्च, माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा के 34 शिक्षकों को सम्मानित किया। उच्च शिक्षा विभाग के 03 शिक्षकों को सरस्वती सम्मान-2018, 06 शिक्षकों को शिक्षक श्री सम्मान-2018 तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग के 08 शिक्षकों एवं बेसिक शिक्षा विभाग के 17 शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार-2017 से पुरस्कृत किया गया।

सरस्वती सम्मान से सम्मानित प्रत्येक शिक्षक को 03 लाख रुपए की धनराशि, माता सरस्वती की प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र एवं अंग वस्त्र प्रदान किया गया। शिक्षकश्री सम्मान के लिए प्रत्येक शिक्षक को डेढ़ लाख रुपए की धनराशि, माता सरस्वती की प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र एवं अंग वस्त्र प्रदान किया गया। इसके अलावा राज्य पुरस्कार-2017 से सम्मानित प्रत्येक शिक्षक को 25 हजार रुपए की धनराशि, माता सरस्वती की प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र एवं अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने देश के पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षाविद एवं दार्शनिक डाॅ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाए जाने को एक स्वस्थ परम्परा बताते हुए सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि पूर्व में, शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की विशेष ख्याति रही है। उत्तर प्रदेश विकसित होता है तो देश भी आगे बढ़ता है। इसलिए सभी शिक्षकगण को उत्तर प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र मंे इसकी पूर्व ख्याति को वापस दिलाने का संकल्प लेकर एवं उसकी सिद्धि के लिए प्रयत्न करना चाहिए, जिससे उत्तर प्रदेश को देश का सर्वोत्तम प्रदेश बनाया जा सके।

राज्यपाल जी ने कहा कि राज्य सरकार के सतत प्रयास से राज्य के विश्वविद्यालयों का सत्र एवं शैक्षिक कैलेण्डर नियमित हुआ है, इससे प्रदेश के बाहर राज्य की छवि बेहतर हो रही है। शैक्षिक कैलेण्डर के नियमित होने के पश्चात अब राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता एवं शोध कार्य बढ़ाने पर बल दिया जाना चाहिए। प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के आकड़े प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में परीक्षा उत्तीर्ण करने तथा पदक जीतने में छात्राओं का प्रतिशत छात्रों से अधिक है। बालिकाओं के इस सशक्तिकरण मंे पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में प्रारम्भ किए गए ‘सर्वशिक्षा अभियान’ तथा वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रारम्भ की गई ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना का बड़ा योगदान है। अपने सम्बोधन में राज्यपाल जी ने बेसिक शिक्षा विभाग का नाम परिवर्तित कर प्राथमिक शिक्षा विभाग किए जाने का सुझाव भी दिया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र का निर्माता है। उसके आचरण से ही राष्ट्र का आचरण भी निर्धारित होता है। अनुशासित समाज का भविष्य उज्ज्वल होता है। अनुशासित समाज का निर्माण शिक्षा जगत का कर्तव्य है। उत्तर प्रदेश को देश का नेतृत्वकर्ता बनना है तो शिक्षा जगत को महत्तर भूमिका निभानी होगी। नेतृत्व की क्षमता तैयार करने मंे शिक्षा की बड़ी भूमिका है। आज सम्मानित विभूतियां इसमें बड़ा योगदान कर सकती हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस करके कार्य किया है। इसके परिणाम सामने आ रहे हैं। माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा की परीक्षाओं को समय से सम्पन्न कराया गया है। नकलविहीन परीक्षा कराना राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी। दृढ़ इच्छाशक्ति और कठिन परिश्रम से इसमें सफलता प्राप्त की गई है। पहली बार हाई स्कूल और इण्टरमीडिएट परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम समय से तथा एक ही दिन घोषित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विश्व को शिक्षा की अवधारणा देने वाले देश का कोई भी शैक्षिक संस्थान दुनिया के उत्कृष्टतम संस्थानों में सम्मिलित नहीं है। शिक्षक संकल्प कर लंे, तो शिक्षा व्यवस्था को उत्कृष्ट बनाया जा सकता है। राज्य सरकार इस कार्य में हर सम्भव सहयोग के लिए तत्पर है। राज्य सरकार द्वारा तमाम वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में 7वें वेतन आयोग की संस्तुतियों को लागू किया गया है।

शिक्षकों से ऐसा कार्य करने जो शिक्षा के क्षेत्र के अन्य लोगों के लिए उदाहरण बने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी वर्ष से राज्य अध्यापक पुरस्कार हेतु चयन प्रक्रिया में बदलाव लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुरस्कार हेतु चयन के लिए प्रत्येक अध्यापक को अपने शैक्षिक एवं शिक्षा से इतर कार्यों के सम्बन्ध में एक संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण देना होगा। प्रस्तुतिकरण के आधार पर पुरस्कार के लिए शिक्षक का चयन किया जाएगा। इससे पुरस्कृत शिक्षक के अनुकरणीय कार्यों और नवाचारों से शिक्षक समुदाय को अवगत कराकर लाभान्वित किया जाना सम्भव होगा।

कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि गुरु प्रारम्भिक काल से ही पूज्य हैं। यह लोगों को सदगुणों की ओर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षकों ने राष्ट्रीय और अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रौशन किया है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव लाने में सफल रही है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कुलपति सम्मेलन, सत्र विनियमितीकरण, समय से दीक्षान्त समारोहों का आयोजन आदि कार्य हुए हैं। 205 माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की गई है। इस वर्ष लगभग 100 नए महा/माध्यमिक विद्यालय बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष से 03 सरस्वती पुरस्कार विज्ञान, वाणिज्य एवं आर्ट्स विषयों में अलग-अलग दिये जाएंगे। कतिपय विश्वविद्यालयों में महात्मा गांधी शोधपीठ एवं अटल बिहारी वाजपेयी शोधपीठ की स्थापना की जाएगी। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में विभिन्न भाषाओं की शिक्षा की व्यवस्था, गोरखपुर विश्वविद्यालय में महायोगी गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ की स्थापना एवं इसके लिए पदों का सृजन, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया में शिक्षकों एवं कर्मचारियों के पदों का सृजन, 194 नवीन राजकीय इण्टर काॅलेजों में 5696 शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पदों का सृजन का कार्य किया गया है।

  उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ‘सुखी मन शिक्षक’ के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए उठाये गए कदमों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालयों में शिक्षकों को वी0आर0एस0 लेने की अनुमति दी गई है। राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों की स्थानान्तरण नीति एवं इसके आॅनलाइन एवं पारदर्शी ढंग से लागू करने की व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण के गठन कार्यवाही संचालित है। उच्च शिक्षा मंे 7वंे वेतन आयोग को लागू करने के लिए 921 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। अशासकीय मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों में 900 से अधिक शिक्षकों का विनियमितीकरण किया गया है। स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों में प्राचार्यों की नियुक्ति की गई है। विगत कई वर्षाें से शिक्षकों के मूल्यांकन एवं कक्ष निरीक्षण से सम्बन्धित लम्बित पारिश्रमिक का भुगभान कराया गया है।

कार्यक्रम का शुभारम्भ राज्यपाल जी एवं मुख्यमंत्री जी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित तथा माता सरस्वती एवं पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम के अन्त में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अनुपमा जायसवाल ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

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