लखनऊ: प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि प्रदेश के सभी जनपदों में रासायनिक खाद यूरिया, डी0ए0पी0 तथा एन0पी0के0 का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। कहीं भी उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि उर्वरक निर्माता कम्पनियांे से आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष अवशेष उर्वरक की शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित करायें। प्रदेश के जिन जनपदों में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष उर्वरकों की उपलब्धता कम है, वहां प्राथमिकता के आधार पर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। किसी भी जनपद में उर्वरक की कमी के कारण किसानों को कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए।
कृषि मंत्री आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में प्रदेश में उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण के सम्बन्ध में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है तथा इसीके दृष्टिगत किसानों को उर्वरक की उपलब्धता भी सुनिश्चित करा रही है। बैठक में मंत्री जी को अवगत कराया गया कि आगामी एक सप्ताह के अन्दर उर्वरक की कुल 19 रैक, आर0सी0एफ0 द्वारा 08 रैक, आई0पी0एल0 द्वारा 05 रैक, कृभको द्वारा 01 रैक तथा इफको द्वारा 05 रैक जनपदों में आपूर्ति की जायेगी।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि आज तक की स्थिति के अनुसार प्रदेश में रबी सीजन 2021 हेतु 3.36 लाख मी0टन डी0ए0पी0, 1.91 लाख मी0टन एन0पी0के0 कुल 5.27 लाख मी0टन फास्फेटिक खाद की उपलब्धता है। प्रदेश में कहीं भी उर्वरक की कोई कमी नहीं है। कृषि मंत्री को बताया गया कि विगत दिनों केन्द्रीय कृषि मंत्री, भारत सरकार के साथ प्रदेश में उर्वरक की उपलब्धता एवं मांग के सम्बन्ध में कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक में उनके द्वारा आगामी 10 नवम्बर, 2021 तक 3 लाख मी0टन डी0ए0पी0 एवं 0.50 लाख मी0टन एन0पी0के0 की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का आश्वासन दिया गया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सीमावर्ती जनपदों में उर्वरक बिक्री पर सख्त निगरानी रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उर्वरक वितरण में पूर्ण पारदर्शिता रखी जाये, किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। किसानों को पहचान पत्र के आधार पर उनकी जोत एवं फसल हेतु संस्तुत मात्रा के अनुसार ही उर्वरक उपलब्ध कराया जाए, ताकि महंगे उर्वरकों का असंतुलित प्रयोग एवं कृषि के अतिरिक्त अन्य कार्यों में दुरूपयोग को नियंत्रित किया जा सके। जहां पर कालाबाजारी, जमाखोरी या निर्धारित विक्रय मूल्य से अधिक दरों पर बिक्री की शिकायत प्राप्त हो या जिन-जिन क्षेत्रों में उर्वरकों की मांग अधिक है, वहां किसानों की अधिक संख्या में आने की आशंका के दृष्टिगत क्षेत्रीय अधिकारियों की निगरानी में उर्वरक का वितरण कराया जाए। यह भी सुनिश्चित कराया जाए कि फुटकर विक्रेताओं द्वारा बिना जोत-बही के डी0ए0पी0 का विक्रय न किया जाए।
बैठक मंे कृषि निदेशक, श्री विवेक सिंह, संयुक्त निदेशक (फर्टिलाइजर), श्री अनिल कुमार पाठक एवं संयुक्त निदेशक (ब्यूरो), श्री आर0के0 सिंह उपस्थित थे।