लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार आमजन से जुड़ी योजनाओं और प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए त्वरित गति से कार्य कर रही है। ऐसा प्रदेश के इतिहास में पहली बार हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विकास योजनाओं पर फोकस करते हुए बिना किसी भेदभाव के विकास का लाभ उस तबके तक पहुंचाने का कार्य किया है, जिन्हें वर्षाें तक इनसे वंचित रखा गया था।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज विधान सभा में वर्ष 2018-19 की द्वितीय अनुपूरक मांगों पर चर्चा के अवसर पर व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि यह मांगें किसी व्यक्ति, जाति, क्षेत्र, मत और मज़हब पर केन्द्रित नहीं है, बल्कि इनका उद्देश्य गांव, गरीब, किसान, नौजवान महिलाओं और समाज के हर तबके का उत्थान करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने लगभग पौने दो वर्ष के कार्यकाल में इसी उद्देश्य से कार्य किया है। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह स्वस्थ भारत मिशन का ही आधार नहीं है, बल्कि यह नारी गरिमा का सम्मान भी है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत शौचालय निर्माण में उत्तर प्रदेश ने लम्बी छलांग लगायी है। इस मिशन की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में इसकी कवरेज मात्र 23 प्रतिशत थी। आज उत्तर प्रदेश में बेस लाइन सर्वे के अनुसार यह 100 प्रतिशत है। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा लगभग 2.49 करोड़ परिवारों को शौचालय देने का कार्य किया गया है। इसके अलावा, बेस लाइन सर्वे से बाहर 44 लाख परिवारों को भी कवर करने की योजना बना ली गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का उल्लेख करते हुए कहा कि गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लागू की गयी इस योजना के तहत वर्ष 2015-16, 2016-17 के दौरान कोई आवास नहीं बन पाया। जबकि इसके तहत 1.20 लाख रुपये प्रति आवास की मदद लाभार्थी को दी जा रही है। मनरेगा के अन्तर्गत 15,900 रुपये उसे अतिरिक्त देय थे। शौचालय निर्माण के लिए 12,000 रुपये की मदद भी लाभार्थी को मिलनी थी, परन्तु इस पर ध्यान नहीं दिया गया। वर्तमान राज्य सरकार ने अब तक 8.81 लाख प्रधानमंत्री आवास निर्मित करवाए हैं। अगले कुछ महीनों के अन्दर एक लाख और आवास निर्मित हो जाएंगे। इस प्रकार, 9.81 लाख गरीब परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले पौने दो वर्ष के दौरान इन योजना के तहत सवा सात लाख से अधिक शहरी आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से एक लाख आवास पूरी तरह से निर्मित करवाकर गरीबों को उपलब्ध कराये जा चुके हैं। इसी प्रकार, सौभाग्य योजना के अन्तर्गत हर गरीब को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। आज पं0 दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और सौभाग्य योजना के अन्तर्गत हर गांव और मजरे तक विद्युतीकरण का कार्य करवाया जा रहा है। पिछले पौने दो वर्ष के दौरान एक लाख 12 हजार मजरों का विद्युतीकरण करवाया जा चुका है। इसी प्रकार, सौभाग्य योजना के तहत 92 लाख से अधिक परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन करवाकर लाभान्वित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने विद्युत वितरण की पहले से चली आ रही दुव्र्यवस्था को भी ठीक किया है। जहां पर सबस्टेशन की आवश्यकता थी, वहां सबस्टेशन स्थापित करवाये गये हैं और फीडर की स्ट्रेंग्थनिंग के साथ-साथ ट्रांसफाॅर्मर की क्षमता आवश्यकतानुसार बढ़ायी गयी है। विद्युत वितरण व्यवस्था सुधरने के कारण अब उद्योग राज्य की ओर रुख कर रहे हैं। राज्य सरकार किसानों को सस्ती दरों पर विद्युत दे रही है। विद्युत वितरण की पूर्व में प्रचलित भेदभावपूर्ण नीति को राज्य सरकार ने खारिज करते हुए प्रदेश के सभी जनपदों में समान रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की है। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां ग्रामीण क्षेत्र में भी 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति किसानों को की जा रही है।
प्रदेश में सड़कों के सुदृढ़ीकरण/निर्माण कार्य के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज प्रदेश में युद्धस्तर पर स्टेट हाई-वे का निर्माण कराया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है। किसानों से फसल खरीद के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी राज्य सरकार किसानों से सीधे गेहूं खरीद रही है। इसी प्रकार, वर्षाें से लम्बित गन्ना मूल्य का भुगतान करवाया गया है। अब तक लगभग 44,000 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान इस वर्ष सुनिश्चित किया गया है। धान क्रय के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन करवाया गया है और धान खरीद के उपरान्त उसका मूल्य उनके खातों में आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से भेजा जा रहा है। अब तक लगभग 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि किसानों के खातों में जा चुकी है। हाईब्रिड धान में रिकवरी के प्रतिशत को राज्य सरकार द्वारा 67 प्रतिशत से घटाकर 64 प्रतिशत कर दिया गया है। जिलाधिकारियों को लघु और सीमान्त किसानों से 100 कुन्तल से अधिक धान की खरीद की छूट दी गयी है। पूरे प्रदेश में 3,000 धान क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं, जो अनवरत रूप से धान खरीद कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से ‘पर ड्राॅप मोर क्राॅप’ की भावना को राज्य सरकार द्वारा जमीनी धरातल पर उतारा गया है। राज्य सरकार द्वारा बाण सागर परियोजना को पूरा करने का कार्य किया गया है। इस वर्ष 15 जुलाई को प्रधानमंत्री जी द्वारा इसे राष्ट्र को समर्पित किया गया। डेढ़ लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को इस परियोजना से सिंचाई की सुविधा प्राप्त हो रही है। वर्ष 2019 के अन्त तक प्रदेश के अन्दर 20 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचन सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। ड्रिप इरिगेशन के मामले में राज्य सरकार ने किसानों को सब्सिडी देना प्रारम्भ कर दिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज में जनवरी, 2019 से कुम्भ का आयोजन होगा। इस कुम्भ के पहले भी अनेक प्रकार के कुम्भ आयोजित हुए हैं। लखनऊ में कृषि कुम्भ का आयोजन किया जा चुका है, जिसका उद्देश्य किसानों को जागरूक करना था। आलू किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा पहली बार समर्थन मूल्य की घोषणा की गयी। केन्द्र सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से विभिन्न फसलों के एम0एस0पी0 घोषित किये गये हैं। इसके तहत, किसानों को उनकी उपज का डेढ़ गुना मूल्य मिल रहा है। राज्य सरकार द्वारा धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1750 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, 20 रुपये अतिरिक्त बोनस भी दिया जा रहा है। आने वाले समय में प्रदेश के अन्दर न्यूनतम समर्थन मूल्य में आच्छादित होने वाली हर फसल का दाम किसानों को उपलब्ध कराने का प्रयास राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। किसानों को खेती की अच्छी तकनीकी उपलब्ध कराने के दृष्टिगत भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 से ही कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित करने का आग्रह किया जा रहा था, परन्तु पिछली सरकार द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी। राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान 20 कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना के सम्बन्ध में कार्यवाही की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसानों को फसलों के विविधीकरण के विषय में भी जागरूक किया जा रहा है। उन्हें फसल उन्नत करने, उन्नत तकनीक, उन्नत बीज उपलब्ध कराने के अलावा हाॅर्टीकल्चर, सब्जी उत्पादन, मछली पालन, डेयरी इत्यादि के विषय में कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से जानकारी उपलब्ध करायी जा रही है, ताकि उनकी आय दोगुनी की जा सके। पूर्वी उत्तर प्रदेश में धान उत्पादन करने वाले किसानों की संख्या ज्यादा है। उन्हें इस सम्बन्ध में आधुनिक जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से फिलीपींस की मदद से ‘सेण्टर आॅफ एक्सीलेंस’ की स्थापना वाराणसी में की जा चुकी है। इसी प्रकार, वेजीटेबिल उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इजराइल की मदद से ‘सेण्टर आॅफ एक्सीलेंस’ की स्थापना कन्नौज में की जा रही है। इसी प्रकार, बस्ती में हाॅर्टीकल्चर और वेजीटेबिल के लिए ‘सेण्टर आॅफ एक्सीलेंस’ की स्थापना के लिए इजराइल के साथ एम0ओ0यू0 साइन किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई विभाग और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने काफी कार्य किये हैं। बेहतर बाढ़ प्रबन्धन के चलते इस वर्ष अच्छे परिणाम मिले हैं। उचित बाढ़ प्रबन्धन के माध्यम से कम पैसे के खर्च से प्रभावी बाढ़ नियंत्रण प्रदेश में सुनिश्चित किया गया है। प्रदेश की बाढ़ग्रस्त नदियों की ड्रेजिंग करवायी गयी है, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं।
प्रयाग कुम्भ-2019 का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसमें लगभग 12 से 15 करोड़ लोगों का प्रतिभाग किया जाना अनुमानित है। इसके मद्देनजर कुम्भ के क्षेत्रफल को 1,700 हेक्टेयर से बढ़ाकर 3,200 हेक्टेयर करने की व्यवस्था की जा रही है। इस क्षेत्र में लाइटिंग की व्यवस्था और कुम्भ के भव्य आयोजन की व्यवस्था सम्बन्धी कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुम्भ के आयोजन को और भव्य तथा दिव्य बनाने के लिए हम सभी को वहां जाना चाहिए। कुम्भ में सम्मिलित होने के लिए अन्य प्रदेशों के राज्यपालों, लेफ्टिनेंट गवर्नर, मुख्यमंत्रियों, प्रमुख धर्माचार्याें इत्यादि को आमंत्रित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है। पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान केन्द्र सरकार 150 ‘एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस’ उत्तर प्रदेश को देना चाहती थी, परन्तु उन्होंने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी। वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश के 75 जनपदों को 2 एम्बुलेंस प्रति जनपद की दर से 150 ‘एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस’ उपलब्ध करायी जा चुकी हैं। इसी प्रकार, ‘108’ सेवा के तहत एम्बुलेंस के रिस्पाॅन्स टाइम को बेहतर बनाया गया है। इसके अलावा, 600 से अधिक नई एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वांचल में स्वास्थ्य विभाग के साथ महिला कल्याण, बाल विकास, नगर विकास, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, इत्यादि विभागों ने मिलकर सामूहिक प्रयास किये, जिसके चलते इस वर्ष वहां से इन्सेफेलाइटिस, डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया से कम लोग प्रभावित हुए। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के दृष्टिगत राज्य सरकार केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में 15 नये मेडिकल काॅलेज स्थापित कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में 1.18 करोड़ गरीब परिवारों के 6 करोड़ लोग इस योजना से कवर होंगे। इस योजना के लाभार्थी इम्पैनल्ड अस्पतालों से 5 लाख रुपये की सालाना स्वास्थ्य सुविधा निःशुल्क पा सकेंगे। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना तथा प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत काफी बड़े काम होने जा रहे हैं। प्रदेश के हर जिला अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।
परिवहन के विषय में बोलते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा 14,561 असेवित गांवों को बस सेवा से जोड़ने का कार्य किया है। कुम्भ के लिए भी 500 से अधिक शटल बसों की व्यवस्था की गयी है। जनकपुर को अयोध्या से बस सेवा से जोड़ा जा चुका है। प्रधानमंत्री जी ने इस बस सेवा का शुभारम्भ किया था। महिलाओं से सम्बन्धित अपराधों को रोकने के लिए प्रदेश सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘1090’ वीमेन पावर लाइन और ‘181’ हेल्पलाइन को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था लगातार सुधर रही है। विभिन्न प्रकार की घटनाओं में लगातार कमी आ रही है। राज्य सरकार द्वारा एफ0आई0आर0 हर हाल में दर्ज करने के निर्देश प्रदेश के सभी थानों को दिये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने का कार्य कर रही है। नवम्बर, 2018 तक जी0एस0टी0 के तहत 10,000 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार, आबकारी विभाग में 4,895 करोड़ रुपये तथा स्टाम्प और निबन्धन विभाग में 1,594 करोड़ रुपये की राजस्व वृद्धि हुई है। परिवहन निगम द्वारा इस वर्ष 400 करोड़ रुपये का लाभांश अर्जित किया गया है। खनन विभाग द्वारा 658 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वृद्धि दर्ज की गयी है, जबकि मण्डी समिति में 218 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय दर्ज की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने नगर विकास विभाग के कार्याें के सम्बन्ध में कहा कि इसके लिए आवंटित 14,363 करोड़ रुपयों में से 5,676 करोड़ रुपये व्यय किये जा चुके हैं। शेष कार्याें को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर कार्याें को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट 8,054 करोड़ रुपये का है, जिससे आमजन के जीवन में खुशहाली लाने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने सभी सदस्यों से अनुपूरक बजट पारित करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह प्रदेश की प्रगति एवं खुशहाली के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। भविष्य में यह बढ़कर 4.71 लाख करोड़ रुपये का होने की सम्भावना है।