लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देशों के क्रम में राज्य सरकार द्वारा नेपाल में आए भूकम्प पीडि़तों को राहत पहुंचाने का कार्य लगातार किया जा रहा है। भूकम्प पीडि़तों की जरूरतों के मुताबिक टेण्ट, गद्दे, तिरपाल, कम्बल, पानी शुद्धिकरण की दवाइयां, स्वच्छता किट, बर्तन आदि को राहत सामग्री के रूप में वरीयता देते हुए भेजा जा रहा है। अनेक जनपदों से राहत सामग्री एकत्रित होकर नेपाल पहुंच रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि नेपाल में आए भूकम्प के मद्देनजर राहत सामग्री के रूप में अब तक सोनौली इण्डो-नेपाल बार्डर होते हुए कुल 994 ट्रक राहत सामग्री भेजी गयी है, जिसमें 399 ट्रक में खाद्य सामग्री (चावल, दाल, आटा, आलू, प्याज, नमक इत्यादि), 209 ट्रक बिस्कुट एवं अन्य ड्राई फूड, 12 मैगी/नूडल्स इत्यादि, 100 ट्रक मिनरल वाटर, 27 ट्रक दवाइयां/क्लीनिकल सामग्री, 144 ट्रक कम्बल/तिरपाल/टेण्ट, 08 ट्रक बर्तन, 07 ट्रक गद्दे, 04 ट्रक कपड़े तथा 84 ट्रक जिनमें ट्रांसफार्मर/इलेक्ट्रिकल उपकरण शामिल हैं। इसके साथ ही, 59,814 कम्बल, 53,885 तिरपाल/प्लास्टिक शीट्स, 8,583 तौलिया, 4,595 चटाई, 2,931 टार्च, 2,350 सोलर लालटेन तथा 11 कुन्तल रस्सी भी भेजी गयी है।
प्रवक्ता के अनुसार परिवहन निगम की बसों से काठमाण्डू एवं भैरहवा/सोनौली से अब तक 12,316 भूकम्प पीडि़तों को गोरखपुर लाया गया है। अन्य साधनों से सोनौली 8,327 भूकम्प पीडि़तों को शामिल करते हुए लगभग 20,643 भूकम्प पीडि़त विभिन्न साधनों से अपने गंतव्य को प्रस्थान कर चुके हैं।
राज्य सरकार द्वारा सीमावर्ती जनपदों-बहराइच (रुपईडीहा), सिद्धार्थनगर (बढ़नी), महराजगंज (सोनौली), बलरामपुर-नेपाल सीमा (कोइलाबासा-नेपाल) स्थित सीमा चैकियों पर राहत शिविर स्थापित किए गए थे। नेपाल से आ रहे भूकम्प पीडि़त शरणार्थियों एवं राहत सामग्री के अनुश्रवण एवं समन्वयन हेतु राहत शिविर वर्तमान में मुख्यतः सोनौली (महराजगंज) में संचालित है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित राहत शिविर में नेपाल से आने वाले भूकम्प पीडि़तों के सहायतार्थ स्थापित शिविर में कुल 11,238 भूकम्प पीडि़तों को भोजन, चिकित्सा, विदेशी मुद्रा परिवर्तन तथा परिवहन सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी थीं। यात्रियों का आगमन बन्द हो जाने पर शिविर की आवश्यकता न होने के कारण इसे अब बन्द कर दिया गया है।