लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां लोक भवन सभागार में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (सामान्य चयन/दिव्यांगजन विशेष चयन) परीक्षा-2018 में उपजिलाधिकारी के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश को ऊर्जा से ओत-प्रोत 97 युवा अधिकारी मिले हैं, जिनकी योग्यता व प्रतिभा का उपयोग हम आबादी के हिसाब से सबसे बड़े राज्य में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था को आगे बढ़ाने में कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि पी0सी0एस0 अधिकारी हमारी प्रशासनिक व्यवस्था के मेरुदण्ड हैं।
मुख्यमंत्री जी ने उपजिलाधिकारी पद हेतु चयनित अभ्यर्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन अधिकारियों का आमजन से सीधा जुड़ाव होता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी (उपाम) के ‘लोगो’ का थीम वाक्य है ‘दुःख से पीड़ित मानवता की सेवा को स्वयं को समर्पित कर सकूं।’ उन्होंने कहा कि चयनित अभ्यर्थियों की मूल नियुक्ति उपजिलाधिकारी के तौर पर हुई है। इन्हें तहसीलों में जाकर स्वतंत्र रूप से कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। राजस्व प्रशासन से सम्बन्धित आमजन, किसान, नौजवान, गरीब की समस्याओं का निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ निस्तारण करने में इनकी प्रमुख भूमिका होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपने कैरियर के शुरुआती दौर में जो अधिकारी, जितनी मेहनत करेगा, वह अपने आगे के कैरियर में उतना ही सफल साबित होगा। शुरुआती समय में बेहतर प्रशिक्षण आवश्यक है, जो आपके अन्दर निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करेगा। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का न्यायसंगत समाधान आवश्यक है। इससे लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूती मिलती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी भर्तियों के लिए पारदर्शी व्यवस्था का निर्धारण किया है। सभी प्रकार के भर्ती आयोगों/बोर्डों को पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती प्रक्रिया संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस प्रक्रिया के अन्तर्गत अब तक 04 लाख भर्तियों पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ की गई हैं। उन्होंने अपेक्षा की कि चयनित उपजिलाधिकारी अपने-अपने दायित्वों का निर्वाह पूरी ईमानदारी से करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एस0डी0एम0 के रूप में यह अधिकारी सम्बन्धित तहसीलों के सभी निवासियों को अपना परिवार मानकर कार्य करें। उन्हें निर्विकार भाव से पीड़ितों की पूरी सहायता करनी चाहिए। अनुभव बताता है कि 90 प्रतिशत जनसमस्याएं राजस्व से जुड़ी होती हैं। यदि राजस्वकर्मी/अधिकारी इन पीड़ितों की शिकायतों का समाधान शुरू में ही कर दें, तो उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राजस्व सम्बन्धी समस्याओं का समाधान तहसील दिवस में सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजस्व सम्बन्धी समस्याओं को सुलझाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा ‘वरासत अभियान’ संचालित किया गया है। इसमें 08 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए, जिनका निस्तारण किया गया। तहसील में जनता से जुड़ी समस्याओं के निस्तारण के लिए विशेष कैम्प व अभियान चलाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पैमाइश के मामलों का त्वरित निस्तारण आवश्यक है, अन्यथा अप्रिय परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोकतांत्रिक पद्धति से चुनी गई सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी पारदर्शिता व ईमानदारी के साथ अधिकारियों को भी कार्य करना चाहिए, यह सरकार की अपेक्षा है। सरकार ने कार्य करने की पूरी स्वतंत्रता दी है। इसलिए आमजन तक न्याय जरूर पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टेट सिविल सर्विसेज से जुड़े सभी अधिकारी यदि मेरुदण्ड बनकर कार्य करना प्रारम्भ कर दें, तो उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। राज्य सरकार ने पिछले 04 वर्षों में यह कर दिखाया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अच्छे अधिकारियों के समर्थन में पब्लिक आती है। अतः चयनित उपजिलाधिकारी स्वयं तय करंे कि वे किस श्रेणी में आना चाहेंगे। उन्हें न्यायप्रिय बनना चाहिए, ताकि असेवितों की सेवा की जा सके। इन अधिकारियों की भावना ‘शासकीय दायित्व मेरा राष्ट्रधर्म और कर्तव्य है’, की होनी चाहिए। अधिकारीगण अपनी कार्यपद्धति में संकीर्णता न लाएं, राष्ट्र और प्रदेश को सर्वोपरि रखें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अधिकारियों का दृढ़संकल्प और उनका अच्छा कार्य उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने में योगदान देगा। प्रदेश शीघ्र ही विकसित प्रदेश बनकर उभरेगा और देश का अग्रणी राज्य होगा। राज्य सरकार निरन्तर प्रदेश की जनता का हित करने के लिए कार्य कर रही है, साथ ही प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर भी मुहैया करा रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौर में भी उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी सबसे न्यूनतम स्तर पर थी। सी0एम0आई0ई0 के डाटा के अनुसार अब यह दर 04 प्रतिशत है, जो वर्ष 2016 में 17.5 प्रतिशत थी। ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस’ में आज उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है।
उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि चयनित अधिकारी अपने जीवन के नए मुकाम पर पहुंच रहे हैं। इन्होंने अपने शैक्षिक जीवन में अथक परिश्रम कर यह लक्ष्य प्राप्त किया है। उन्होंने इन अधिकारियों को जनसेवा का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि वे अपने संकल्पों को पूरा करेंगे, तो वे एक सफल अधिकारी बन सकेंगे। जिन लोगों में अनवरत सीखने की प्रवृत्ति होती है, वह सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि यह अधिकारी प्रशिक्षण के लिए जाएंगे। इनके लिए प्रशिक्षण अत्यन्त आवश्यक है। अधिकारियों को जनसेवा पर पूरा फोकस करना चाहिए, क्योंकि यह अत्यन्त महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में एक नई कार्य संस्कृति विकसित हो रही है। अधिकारियों को इस संस्कृति में स्वयं को ढालकर सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करना चाहिए।
कार्यक्रम को वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन भली-भांति करने का सन्देश दिया। उन्हें जनसेवा की भावना से अपने फर्ज निभाने चाहिए, ताकि असेवित लोगों को न्याय मिले। उन्होंने कहा कि आज का यह आयोजन प्रदेश की एक नई परम्परा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव नियुक्ति श्री मुकुल सिंघल ने कहा कि यह पहला अवसर है जब मुख्यमंत्री जी स्वयं पी0सी0एस0 अफसरों को नियुक्ति पत्र वितरित कर रहे हैं। अतः इन अधिकारियों को इस नियुक्ति का महत्व समझना चाहिए और अपने दायित्वों का निर्वाह अच्छी तरह से करना चाहिए। प्रदेश में सरकारी नौकरियों पर चयन के लिए सरकार द्वारा पारदर्शी व्यवस्था स्थापित की गई है, जिसके तहत अब तक सभी चयन पूरी पारदर्शिता के साथ किए गए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह अधिकारी भविष्य में राज्य को अच्छा प्रशासन देने में सक्षम होंगे। धन्यवाद ज्ञापन उपाम के महानिदेशक श्री एल0 वेंकटेशवर लू ने किया।
कार्यक्रम के दौरान कई चयनित अभ्यर्थियों ने अपना परिचय दिया। उन्होंने बताया कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ पूरी की गई है। वे सभी सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करने के लिए तत्पर हैं।