लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्य प्रभारित कर्मचारियों और सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं व स्थानीय निकायों के कर्मचारियों तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को वर्ष 2018-19 के लिए 30 दिन के तदर्थ बोनस के भुगतान का निर्णय लिया है। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल ने देते हुए बताया कि इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी कर दिए गए है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त पूर्णकालिक अराजपत्रित राज्य कर्मचारियों, राजकीय विभागों में कार्य प्रभारित कर्मचारियों तथा राज्य निधि से सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों और जिला पंचायतों के ऐसे कर्मचारियों, जिनके द्वारा धारित पद का वेतन मैट्रिक्स लेवल-8 (रू0 47600-151100) (अपुनरीक्षित वेतनमानों में गे्रड वेतन रू0 4800/-) तक है, उनकों तदर्थ बोनस के रूप में 30 दिन की परिलब्धियों की स्वीकृति दी गयी है।
श्री संजीव मित्तल ने बताया कि भुगतान की गणना के लिये मासिक परिलब्धियों की अधिकतम सीमा रू0 7000/- होगी। तदर्थ बोनस के लिए एक माह में औसत दिनों की संख्या-30.4 के आधार पर दिनांक 31 मार्च, 2019 को ग्राहय परिलब्धियों के अनुसार 30 दिन की परिलब्धियाॅ आगणित की जायेगी। उन्होंने बताया कि सभी श्रेणी के कर्मचारियों, जिन्हें तदर्थ बोनस की अनुमन्य धनराशि का 75 प्रतिशत भाग सम्बन्धित कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में जमा किया जायेगा तथा शेष 25 प्रतिशत का नकद भुगतान किया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव के अनुसार यदि कोई कर्मचारी भविष्य निधि खाते के सदस्य नहीं है तो उसे यह धनराशि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एन0एस0सी0) के रूप में दी जायेगी अथवा उसके पब्लिक प्रोविडंेट फण्ड (पी0पी0एफ0) में जमा किया जायेगा, जो कर्मचारी अधिवर्षता की आयु पर दिनांक 31 मार्च, 2019 के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं, अथवा दिनांक 30 अप्रैल, 2020 तक सेवानिवृत्त होने वाले हो, उनको अनुमन्य तदर्थ बोनस की सम्पूर्ण धनराशि का भुगतान नकद किया जायेगा।