लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ नीति कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में उपयोगी सिद्ध हुई है। उन्होंने कोविड-19 से बचाव व उपचार की व्यवस्थाओं को पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 18 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 21 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 239 है। जनपद अलीगढ़, अमेठी, अयोध्या, बागपत, बलिया, बांदा, बस्ती, बिजनौर, चित्रकूट, देवरिया, फतेहपुर, गाजीपुर, गोण्डा, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, ललितपुर, महोबा, मऊ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, शामली और सीतापुर में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 2,37,439 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 07 करोड़ 29 लाख 86 हजार 724 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार लक्षित आयु वर्ग के सभी नागरिकों को कोरोना टीकाकरण का सुरक्षा कवच निःशुल्क उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन कार्य को पूरी सक्रियता से जारी रखने के निर्देश दिए। बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश में अब तक 07 करोड़ 58 लाख 17 हजार 278 कोरोना वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बरसात के मौसम में जल जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की सम्भावना रहती है। ऐसे में साफ-सफाई का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में कोविड के लिए आरक्षित ऑक्सीजन की सुविधा वाले आइसोलेशन बेड्स को डेंगू सहित अन्य वायरल बीमारियों के लिए आरक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा जनपद आगरा और फिरोजाबाद में कैम्प करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य पूरी तत्परता से संचालित किये जाएं। प्रभावित लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। इन्हें राशन व फूड पैकेट सहित सभी आवश्यक राहत सामग्री उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 सहित आपदा प्रबन्धन टीमें पूरी तरह सक्रिय मोड में रहें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 25 सितम्बर को पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी की जयन्ती के अवसर पर प्रदेश में ‘गरीब कल्याण मेला’ का आयोजन किया जाए। सभी विकास खण्डों पर यह आयोजन किया जाए। मेले में दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग वितरण, विभिन्न प्रकार की पेंशन, आवास और स्वरोजगार योजनाओं के पात्र लोगों को योजना से जोड़ा जाए। इस अवसर पर आरोग्य मेले का भी आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि कृषकों को उपकरण देने व बैंकों से समन्वय स्थापित कर लोन मेले का आयोजन किया जाए। इस सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित विभाग अपनी तैयारी पूरी कर लें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 05 सितम्बर से प्रदेश में स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन का वृहद अभियान शुरू किया जाए। जिलों में नामित नोडल अधिकारी तत्काल जिम्मेदारी सम्भाल लें। यह अधिकारी बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्याें की भी मॉनिटरिंग करें। आगामी 07 सितम्बर से आशा वर्कर, आंगनबाड़ी सहित सभी सम्बन्धित कर्मियों के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेशव्यापी सर्विलान्स कार्य प्रारम्भ किया जाए। स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर बुखार से पीड़ित/कोविड के लक्षण वाले लोगों की पहचान करें तथा उन्हें अस्पताल में भर्ती कराएं। 45 वर्ष से अधिक आयु के जिन लोगों ने अब तक कोविड वैक्सीन की एक भी डोज न ली हो, उनकी सूची बनायी जाए। उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा निरन्तर प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। इस क्रम में परिषदीय विद्यालयों में आवश्यकतानुसार शिक्षकों के नवीन पद सृजन और रिक्त पदों पर नियुक्ति भी की जानी चाहिए। इसके दृष्टिगत अध्यक्ष, राजस्व परिषद की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी है, जिसमें सचिव बेसिक शिक्षा और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद सदस्य होंगे। यह समिति रिक्त पदों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में सीमेंट, मोरंग, गिट्टी, बालू आदि भवन निर्माण सामग्रियों के मूल्य में अनापेक्षित बढ़ोतरी की जानकारी मिली है। खनन विभाग द्वारा तत्काल निरीक्षण कर भवन निर्माण सामग्रियों की मूल्य बढ़ोतरी पर नियंत्रण बनाया जाए। जमाखोरी करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में निवेश कर रही औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार इन्हें इंटेंसिव प्रदान करती है। इसके दृष्टिगत ऐसे सभी मामलों की समीक्षा कर इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रस्तुत की जाए।