लखनऊः श्री सुरेन्द्र राम, आई.ए.एस., परियोजना निदेशक, राज्य परियोजना प्रबन्ध इकाई/विशेष सचिव, ग्राम्य विकास विभाग द्वारा विश्व बैंक एवं भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से प्रदेश के 14 जल गुणवत्ता प्रभावित जनपदों में वर्ष 2013 से चलाई जा रही ‘‘ग्रामीण पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता परियोजना (नीर निर्मल परियोजना) के कार्र्याें की समीक्षा यू0पी0आर0आर0डी0ए0 के सभागार में की गई। समीक्षा बैठक में संबंधित 14 जनपदों से आये लगभग 150 की संख्या में उ0प्र0 जल निगम के सहायक अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता, जिला विकास अधिकारी, जिला परियोजना प्रबन्धक, लेखा प्रबन्धक तथा जनपदों में सहयोगी संगठन के रूप में कार्यरत एन0जी0ओ0 के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
नीर निर्मल परियोजना के अन्तर्गत कुल रू0 2035 करोड़ की धनराशि से प्रदेश के जल गुणवत्ता प्रभावित 14 जनपदों में पाइप पेयजल योजना के माध्यम से व्यक्तिगत जल संयोजन देकर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य वर्ष 2013-14 से 2019-20 तक की अवधि में पूर्ण किये जाने प्रस्तावित हैं। बैच-1 में प्रदेश के 09 जनपदों नामतः इलाहाबाद, बहराइच, बलिया, बस्ती, देवरिया, गाजीपुर, गोण्डा, गोरखपुर तथा कुशीनगर में कुल 233 पाइप पेयजल योजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण कराकर ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों को संचालन एवं रख-रखाव हेतु मार्च, 2018 तक हस्तान्तरित किया जाना था, जिसके सापेक्ष अभी तक मात्र 166 योजनाएं ही चालू की जा सकी हैं। शेष समस्त योजनाओं को जल निगम द्वारा माह सितम्बर, 2018 तक पूर्ण कराने का आश्वासन दिया गया।
बैच-2 में प्रदेश के 11 जनपदों नामतः इलाहाबाद, फतेहपुर, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, गोण्डा, बहराइच कुशीनगर, सोनभद्र, सिद्धार्थनगर तथा सन्त कबीर नगर में कुल 380 पेयजल योजनाओं का कार्य मार्च 2018 तक प्रारम्भ कराकर मार्च, 2020 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। उक्त के सापेक्ष समस्त योजनाओं के डी0पी0आर0 सक्षम स्तर से अनुमोदित किये जा चुके हैं एवं ई-टेण्डर की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलित है।
बैच-1 तथा बैच-2 के कार्यों में हो रहे अप्रत्याशित विलम्ब की स्थिति पर परियोजना निदेशक द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त की गयी तथा जल निगम के अधिकारियों/जिला विकास अधिकारियों/संबंधित सहयोगी संगठनों को कड़ी चेतावनी देते हुए कार्यों की प्रगति तत्काल बढाने एवं निर्धारित समयावधि-मार्च, 2020 तक परियोजना के शेष समस्त कार्य को प्रत्येक दशा में पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये, क्योंकि प्रदेश सरकार द्वारा विश्व बैंक एवं भारत सरकार को समस्त कार्य मार्च, 2020 तक पूर्ण कराने का आश्वासन पूर्व में दिया जा चुका है। बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों/संगठनों से अपेक्षा की गयी कि कार्यों की मासिक कार्य-योजना तैयार की जाय एवं तद्नुसार प्रत्येक स्तर पर कार्यों की प्रगति एवं गुणवत्ता का सतत् अनुश्रवण कर निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाय। बैठक में यह भी निर्दैशित किया गया कि इस संबंध में यदि किसी भी स्तर से कार्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता बरती जायेगी तो संबंधित अधिकारी को इसके लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी मानते हुए नियमानुसार कार्यवाही भी अमल में लायी जायेगी।