लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने पुलिस बल के आधुनिकीकरण योजना के कार्यों में और अधिक तेजी लाने के निर्देश देते हुये कहा कि पुलिस आधुनिकीकरण योजना 2016-17 के अन्तर्गत कुल 11715.22 लाख रुपये का मूल प्रस्ताव तथा 56222.23 लाख की लागत का अतिरिक्त प्रस्ताव को भारत सरकार के गृह मंत्रालय को तत्काल भेजा जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राज्य स्तरीय प्राधिकार समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने पुलिस के आधुनिकीकरण की दिशा में किये जा रहे प्रयासों में अब तक हुई प्रगति की गहन समीक्षा करते हुये निर्देश दिये कि पुलिस आधुनिकीकरण योजना 2016-17 के अन्तर्गत पुलिस गतिशीलता में वृद्धि हेतु वाहनों की खरीद के अलावा अत्याधुनिक अस्त्र-शस्त्र व नवीनतम दूरसंचार उपकरणों की व्यवस्था यथाशीघ्र नियमानुसार सुनिश्चित की जाये। उन्होंने इसके अतिरिक्त विवेचना में वैज्ञानिक साक्ष्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा वृहद् स्तर पर की जा रही विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना तथा उनके लिये जरूरी अत्याधुनिक उपकरण आदि की व्यवस्था भी कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से कराने के निर्देश दिये। उन्होंने आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत उपलब्ध धनराशि से छोटे शस्त्र 9 एम0एम0 पिस्टल 221 अदद तथा 5.56 एम0एम0 एक्स कैलिवर रायफल 168 अदद खरीदने के प्रस्ताव को स्वीकृत करते हुये निर्देश दिये कि नियमानुसार क्रय प्रक्रिया तत्काल प्रारम्भ की जाये। उन्होंने वर्तमान में आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुये 42 अदद फोरेन्सिक मोबाइल लैब वैन को क्रय करने, 67 लैब वैन में फैब्रिकेशन व किट उपकरणों की फिटिंग हेतु भी 673.73 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की।
श्री रंजन ने निर्माणाधीन राज्य स्तरीय केन्द्रीय मास्टर को-आर्डिनेशन सेण्टर (डॉयल-100) के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुये निर्माण कार्यों को निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के अनुसार भूतल का कार्य आगामी 30 जून तक पूर्ण कराने हेतु निरन्तर अनुश्रवण किये जाने के निर्देश दिये।
प्रमुख सचिव गृह श्री देबाशीष पण्डा ने बताया कि पुलिस विभाग की अवस्थापना सुविधाओं को सुदृढ़ किये जाने की दृष्टि से विभिन्न थानों एवं पुलिस विभाग के अन्य कार्यालयों के प्रशासनिक भवन आदि के निर्माण कार्य को प्रस्ताव में प्राथमिकता दी गयी है। अधूरे पड़े निर्माण कार्यों को भी शीघ्र पूरा किये जाने हेतु आवश्यक धनराशि की व्यवस्था भी प्रस्तावित की गयी है। पुलिसकर्मियों की व्यावसायिक दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से उनके बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था भी प्रस्ताव में की गयी है। इसके अलावा पुलिस को और अधिक संसाधनों से लैस करने के लिये जरूरी उपकरणों को खरीदने की भी योजना भी बनायी गयी है।