लखनऊ: प्रदेश में गन्ने की प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादकता 65.15 टन को बढ़ाकर राष्ट्रीय औसत 70 टन के बराबर करने हेतु विभाग द्वारा संचालित विशेष अभियान के क्रम में कम उत्पादकता वाले मण्डलों में कृषक विचार गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कृषकों को गन्ना खेती की आधुनिक वैज्ञानिक विधियों, उन्नतिशील एवं अधिक परता तथा उपज देने वाली प्रजातियों, मृदा परीक्षण की आवश्यकता एवं जैविक उर्वरकों के प्रयोग आदि के संबंध में शोध केन्द्रों के वैज्ञानिकों एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारियां दी जा रही है।
इसी क्रम में प्रदेश में न्यूनतम औसत उत्पादकता 53.4 टन वाले देवीपाटन मण्डल के गोण्डा जनपद मुख्यालय पर गत दिवस को वृहद् गन्ना कृषक विचार एवं विकास गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त श्री सुभाष चन्द शर्मा ने किसानों को संबोधित करते हुये कहा कि अधिक उपज व परता देने वाली गन्ना प्रजातियों को अपनाने तथा आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करना चाहिए।
गोष्ठी में गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर के कीट विशेषज्ञ डा0 के0पी0 पाण्डेय, एग्रोनोमिस्ट श्री सुभाष सिंह, पैथोलोजिस्ट श्री एस0पी0 सिंह, जिलाधिकारी गोण्डा श्री अजय कुमार उपाध्याय, विशेष कार्याधिकारी डा0 कृपाल सिंह, अपर गन्ना आयुक्त (विकास) श्री आर0पी0 यादव तथा मुख्य प्रचार अधिकारी डा0 भूपेन्द्र सिंह बिष्ट मौजूद थे। इस मौके पर बभनान चीनी मिल ने नवीन गन्ना प्रजातियों, पेड़ी प्रबन्ध तथा मृदा परीक्षण की प्रासंगिकता और पायरिला कीट विषयक प्रचार साहित्य किसानों के बीच वितरित कराया। गन्ना आयुक्त कार्यालय, लखनऊ के प्रचार अनुभाग द्वारा गन्ने की वैज्ञानिक खेती विषय पुस्तिका और गन्ने के रोग कीट एवं आपतनकाल पर फोल्डर भी वितरित किया गया।
लखनऊ मुख्यालय के विभागीय अधिकारियों ने ग्राम वनघुसरा में जी0पी0एस0 द्वारा किये जा रहें गन्ना सर्वेक्षण की मौके पर जांच की तथा सर्वे कर रहे कर्मचरियों को कृषकों से घोषणा पत्र भराने तथा गन्ने की प्रजाति का सही-सही उल्लेख करने का निर्देश दिया।