देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा सरोजनी कैन्त्थुरा की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागर देहरादून में जिलाधिकारी रविनाथ रमन की उपस्थिति में महिलाओं के उत्पीडन एवं उनके अधिकारों के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में महिला आयोग की अध्यक्षा ने जनपद में महिलाओं के उत्पीडन तथा महिलाओं के उत्थान के लिए संचालित योजनाओं के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों से जानकारी चाही गई। उन्होने कहा कि जनपद के सभी विभागों में महिलाओ के उत्पीडन को रोकने हेतु प्रत्येक विभाग में आवश्यक रूप से कमेटी का गठन कर लिया जाय, जिसमें महिला सदस्य अनिवार्य रूप से रखी जाय। उन्होने शिक्षा विभाग, पचायत विभाग, विकास विभाग, बाल विकास विभाग तथा समाज कल्याण विभाग जैसे महिलाओं से सम्बन्धित विभागों के माध्यम से ग्राम स्तर पर भी समिति का गठन तथा 10वीं तथा 12वीं में राज्य में उत्कृष्ठ बालिकाओं एवं बहादुर कार्य करने वाली बालिकाओं/महिलाओं की सूची तैयार करने के निर्देश दिये ताकि प्रदेश व जनपद स्तर पर महिलाओं से सम्बन्धित सामाजिक बुराई कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, बाल विवाह तथा महिलाओं की तस्करी जैसी घटनाओं को रोकने तथा इस सम्बन्ध में विस्तृत जनजागरूकता हेतु उन्हे सदभावना दूत(ब्रांड एम्बेस्डर) बना कर सम्मानित किया जाय।
बैठक में राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्षा प्रभावती गौड ने कहा कि नारी निकेतन में रह रही महिलाओं की स्थिति दयनीय है तथा मानसिक रूप से ग्रसित महिलाओं को भी सामान्य महिलाओं के साथ रखा हुआ है जिससे सामान्य महिलाओं को काफी परेशानी हो रही है। उन्होने यह भी कहा कि नारी निकेतन में पानी की टंकी लगाई जाय तथा समय- समय पर स्वास्थ्य परीक्षण भी करवाया जाय।
बैठक में जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि मा. अध्यक्षा द्वारा दिये गये निर्देशों का कडाई से पालन करना सुनिश्चित करें। उन्होने पुलिस विभाग को निर्देश दिये कि जनपद में एक पूर्णतः महिला थाने के गठन की कार्यवाही सुनिचित करे जिसमें सम्पूर्ण महिला कर्मियों की तैनाती की जाय तथा घरेलू हिसंा (पति-पत्नी) से सम्बन्धित मामलों में पुलिस सलाहकार की भूमिका न निभायें । उन्होने जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास को निर्देश दिये कि गांव में गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर लिया जाय, जिससे भू्रण हत्या की बात संज्ञान में आ जाय तथा ग्राम स्तर पर विकलंाग, कुपोषित तथा खून की कमी से ग्रस्त बच्चों एवं महिलाओं से सम्बन्धित मामलो से सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को सूचित करें। उन्होने मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय को निर्देश दिये कि बैकों द्वारा महिला समूहों को स्वरोजगार गठन हेतु ऋण न उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में डी.एल.आर.सी की बैठक के माध्यम से ऐसे मामलों का निराकरण किया जाय तथा क्षेत्र समिति, ग्राम सभा तथा विकास से सम्बन्धित किसी भी बैठक व कार्यक्रमों में प्रधान पति, रिश्तेदार की किसी प्रकार की भागीदारी न हों। उन्होने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी विभागों में महिला प्रतिनिधियों (जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत तथा ग्राम पंचायत सदस्य) को प्रोत्साहित करें। जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि राज्य मानसिक संस्थान सेलाकुई मंे मानसिक रोगियों के लिए उपलब्ध 30 बैड के स्थान पर अब 100 बैड की व्यवस्था का प्रस्ताव शासन से स्वीकृत हो चुका है जिसके लिए कार्यवाही गतिमान है।
बैठक में राज्य महिला आयोग की सदस्या कृष्णा खत्री, सदस्य-सचिव महिला आयोग सुजाता, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व प्रताप शाह,जिला अग्निशमन अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी राम अवतार, जिला पंचायतराज अधिकारी एम.एम. खान सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।