लखनऊ: उ.प्र. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विमला बाथम द्वारा प्रदेश में महिला उत्पीड़न की घटनाआंे पर प्रभावी रोक-थाम और पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाये जाने के उद्देश्य से आज दिनांक 27.09.2018 को जनपद लखनऊ में महिला थाना का निरीक्षण किया गया।
थाना प्रभारी ने महिला आयोग की अध्यक्ष को अवगत कराया कि वर्तमान माह में जनशिकायत की कुल 46 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुये जिसमें से 32 प्रकरणों को अन्य थाने में स्थान्तरित किया गया व शेष 14 प्रकरण ही महिला थाने में दर्ज हुए जिस पर मा0 अध्यक्ष द्वारा असन्तोष व्यक्त करते हुए कहा कि हर पीड़ित की शिकायत सुनकर उस पर न्यायोचित कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि महिला थाना में आने वाले प्रत्येक आगन्तुक/पीड़ित महिलाओं से विनम्रता पूर्वक व्यवहार कर उनकी समस्याओं का निस्तारण किया जाये। मा. अध्यक्ष द्वारा महिला थाने पर आने वाली पीड़ित महिलाओं को उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधाओं संबन्धित चार्ट लगाने के निर्देश दिये गये।
श्रीमती बाथम ने प्रदेश में महिला उत्पीड़न की गम्भीर अपराधों की विवेचना में की जाने वाली फोरेन्सिक जांचों की समीक्षा हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला महानगर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय उपस्थित प्रभारी निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि दहेज हत्या व बलात्कार के गम्भीर मुकदमों की विवेचना के दौरान साक्ष्यों के परिक्षण हेतु फोरेन्सिक जांच की आवश्यकता पड़ती है। वर्तमान में मुरादाबाद, वाराणसी, आगरा, लखनऊ, गाजियाबाद में स्थापित विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं में लगभग बड़ी संख्या में फोरेन्सिक जांचे लम्बित हैं। मा. अध्यक्ष द्वारा महिला अपराधों से सम्बन्धित लम्बित फोरेन्सिक जांचों को प्राथमिकता पर निस्तारित करने के निर्देश दिये गये। प्रभारी निदेशिका द्वारा अवगत कराया गया कि जांचों हेतु एक नई मशीन क्रय की प्रक्रिया चल रही है जिससे जांच कार्य शीघ्रता से पूर्ण हो सकेगा। निरीक्षण के समय मा. अध्यक्ष के साथ आयोग की मा. सदस्य श्रीमती सुनीता बंसल व डा. अर्चना त्रिपाठी प्रभारी निदेशक, श्री महेन्द्र मोदी डायरेक्टर जनरल, सुरेन्द्र चन्द्र उपनिदेशक, अरूण कुमार शर्मा उपनिदेशक, ए.के. सिन्हा उपनिदेशक, नवीन कुमार सिंह पुलिस उपाधीक्षक भी उपस्थित रहे।