लखनऊ: प्रदेश में लाकडाउन की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उच्च शिक्षा विभाग ने विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से समन्वय स्थापित कर विद्यार्थियों की पढ़ाई को निर्बाध गति से जारी रखने के लिये निरन्तर प्रयास किया है। प्रदेश की उच्च शिक्षण संस्थाओं ने इस दिशा में आगे बढ़कर आनलाइन शिक्षा की चुनौती को सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका गर्ग ने बताया कि छात्रों की शिक्षा एवं अध्ययन में गति लाने एवं उसे निरन्तर बनाये रखने में प्रदेश की समस्त शिक्षण संस्थाओं ने माननीय मुख्यमंत्री जी एवं उप मुख्यमंत्री जी (डा0 दिनेश शर्मा) के कुशल निर्देशन एवं मार्गदर्शन में आनलाइन शिक्षा की दिशा में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। कुल लगभग 376 महाविद्यालयों द्वारा आनलाइन शिक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। इसमें से चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के 112 महाविद्यालयों, रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली के 62 महाविद्यालयों तथा छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के 54 महाविद्यालय उल्लेखनीय हैं। इसी प्रकार उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों द्वारा 1,55,185 ई-कन्टेन्ट्स तैयार कर विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की वेबसाइट पर अपलोड किया गया, जिसका लाभ 9,06,126 विद्यार्थियों को प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही प्रदेश के 14,884 शिक्षकों द्वारा आनलाइन क्लास टाइमटेबल प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया, जिसके अन्तर्गत कुल 3,51,805 आनलाइन कक्षायें संचालित की गयीं। इन कक्षाओं में औसतन प्रतिदिन 274887 विद्यार्थियों ने कक्षाओं में प्रतिभाग किया।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने बताया कि लाकडाउन के दौरान 6,939 शिक्षकों ने अपने ज्ञान में अभिवृद्धि के लिये आनलाइन कोर्स किये तथा 5,791 शोधपत्र, पुस्तकें तथा लेख आदि लिखे हैं। यह आनलाइन शिक्षा के प्रति शिक्षकों के अभिरूचि को दर्शाता है। आनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये तथा गुणवत्तापरक ई-कन्टेन्ट विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने के लिये विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा महाविद्यालय के प्रचार्यों एवं शिक्षकों द्वारा 3615 बैठकें आयोजित की गयीं तथा इसी क्रम में विश्वविद्यालयां एवं महाविद्यालयों द्वारा विभिन्न प्रकार की 3577 आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बादलपुर द्वारा 06 मई से 11 मई 2020 तक 07 दिवसीय आनलाइन ट्रेनिंग कोर्स कराया जाना उल्लेखनीय है। शिक्षकों द्वारा आनलाइन शिक्षण के लिये विभिन्न प्रकार के तकनीक का उपयोग किया गया, जिससे आसानी से विद्यार्थी विषयवस्तु को समझ सकें। इसके अन्तर्गत आनलाइन ग्रुप लर्निंग प्लेटफार्म का उपयोग किया गया, जिसमें ैज्ञल्च्म्, गूगल मीटध्गूगल क्लासरूमध्माइक्रोसाफ्ट टीमध्जूम क्लाउड ऐप प्रमुख हैं। समूह में अध्ययन सामग्री का प्रयोग करने के लिये व्हाट्सएप ग्रुप, लेक्चर नोट्स, सप्लीमेन्ट्री स्टडी मैटीरियल, ई-बुक आदि का प्रयोग किया गया। उन्होंने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संचालित आनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म जैसे-स्वयं, मूक्स, एन.पी.टी.ई.एल. आदि विधाओं का प्रयोग शिक्षक एवं शिक्षार्थी दोनों के द्वारा किया गया। इन आनलाइन टीचिंग संसाधनों से प्रदेश के विद्यार्थियों की शिक्षा निरन्तर जारी रही। आज के वर्तमान विषम परिस्थितियों में उच्च शिक्षा को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिये इन विधाओं का प्रयोग निःसंदेह एक सकारात्मक कदम है।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने बताया कि उत्तर प्रदेश एक हिन्दी भाषी राज्य है। यहाँ के अधिकांश विद्यार्थियों के पठन-पाठन एवं परीक्षा का माध्यम हिन्दी भाषा है। प्रदेश के अधिकांश विद्यार्थियों के अभिव्यक्ति का माध्यम हिन्दी होने के कारण शिक्षकों ने आनलाइन टीचिंग के ई-कन्टेन्ट्स का लगभग 80 विषयवस्तु हिन्दी में अपलोड किया है। यही कारण है कि इतनी अधिक संख्या में (906126) विद्यार्थियों द्वारा ई-कन्टेन्ट्स का प्रयोग किया गया है। आने वाले समय में शिक्षक अपने ई-कन्टेन्ट्स को अधिक से अधिक संख्या में हिन्दी में अपलोड करने के लिये तैयारी कर रहे हैं। निःसंदेह यह अभिनव प्रयास विद्यार्थियों के ज्ञानवर्धन के लिये अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। लगभग 2280 शिक्षकों ने प्रदेश स्तर पर स्थानीय भाषा में इस प्रकार के ई-कन्टेन्ट्स विकसित करके प्रदेश के छात्रों के हित के लिये प्रशंसनीय कार्य किया है। केन्द्रीयकृत ई-पोर्टल का विकास उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एन0आई0सी0 के सहायोग से किया जा रहा है। पोर्टल विकसित होने पर विकसित ई-कन्टेन्ट्स इस पर अपलोड किये जा सकेंगे। प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों, जहां पर इन्टरनेट की समस्या रहती है, वहाँ के विद्यार्थियों के लिये उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भारत सरकार के स्वयंप्रभा एवं दूरदर्शन के अन्तर्गत प्रसारित होने वाले 36 निःशुल्क टी0वी0 चैनलों के माध्यम से छात्रों को आनलाइन निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करायी जा रही है।