नई दिल्ली: औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने नई दिल्ली में राज्यों की स्टार्ट-अप रैंकिंग 2018 के परिणाम घोषित कर दिए। यह अपने तरह की पहली रैंकिंग है। डीआईपीपी ने इसकी कवायद जनवरी 2016 से शुरू कर दी थी।
स्टार्ट-अप नीति नेतृत्व, नवाचार, नवाचार प्रगति, संचार, पूर्वोत्तर नेतृत्व, पर्वतीय राज्य नेतृत्व इत्यादि विभिन्न श्रेणियों में राज्यों का आकलन किया गया। इन श्रेणियों में किए जाने वाले प्रदर्शन के आधार पर राज्यों को शानदार प्रदर्शन, बेहतरीन प्रदर्शन, मार्गदर्शक, आकांक्षी मार्गदर्शक, उभरते हुए राज्य और आरंभकर्ता के रूप में पहचान की गई है –
- शानदार प्रदर्शन – गुजरात
- बेहतरीन प्रदर्शन – कर्नाटक, केरल, ओडिशा और राजस्थान
- मार्गदर्शक – आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना
- आकांक्षी मार्गदर्शक – हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल
- पर्वतीय राज्य – असम, दिल्ली, गोवा, जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु और उत्तराखंड
- आरंभकर्ता – चंडीगढ़, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, पुदुच्चेरी, सिक्किम और त्रिपुरा
राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के 51 अधिकारियों को ‘चैंपियन’ के रूप में चुना गया, जिन्होंने अपने राज्यों की स्टार्ट-अप इको प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इस पूरी प्रक्रिया में 27 राज्यों और तीन केन्द्रशासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया। मूल्यांकन समिति में स्टार्ट-अप इको प्रणाली से संबंधित स्वतंत्र विशेषज्ञों को रखा गया था, जिन्होंने विभिन्न मानकों के ऊपर सभी राज्यों का मूल्यांकन किया। कई मानक लाभार्थियों के फीडबैक से संबंधित भी थे। लाभार्थियों से बातचीत करने के लिए 9 विभिन्न भाषाओं में 40 हजार से अधिक टेलीफोन कॉल किए गए, ताकि मैदानी हकीकत जानी जा सके।
इस अवसर पर डीआईपीपी के सचिव श्री रमेश अभिषेक ने कहा कि रोजगार सृजन के लिए स्टार्ट-अप देश में बहुत अहमियत रखते हैं। स्टार्ट-अप नए विचारों से लैस होते हैं और ये देश की सामाजिक, कृषि और सेवा क्षेत्र की समस्याएं हल करने में सक्षम होते हैं।