नई दिल्ली: उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्री श्री रामविलास पासवान ने आवश्यक खाद्य वस्तूओं के मूल्यों को नियंत्रित रखने के लिए केंन्द्र सरकार और राज्य सरकारो द्वारा समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया है।
आज यहा राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के उपभोक्ता मामलों और खाद्य मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए श्री पासवान ने कहा कि सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस चुनौती का सामना करने के प्रति वचनबद्ध है।
श्री पासवान ने कहा कि हर वर्ष जुलाई से नवम्बर के बीच खराब हो जाने वाली वस्तुओं के दाम अवश्य बढ़ते है लेकिन सरकार ने खाद्य वस्तुओं की महंगाई रोकने के लिए पहले ही कुछ उपाय शुरू कर दिये है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को उचित दर दुकानों के माध्यम से अनिवार्य वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का दायित्व निभाना चाहिए। उन्होंने राज्यों से कहा गया है कि वे मूल्यों पर निगरानी रखे और सही समय पर बाजार में हस्तक्षेप करें।
उन्होंने कहा कि सरकार जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सतत कार्रवाई करेगी ताकि इस अवधि में अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति और वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकता है।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने दालों और तिलहन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण उपाय किये है। उन्होंने कहा कि दालों के समर्थन मूल्य बढ़ाए गए हैं और किसानों को बोनस भी दिया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि देश में अनाज की कमी नहीं आने दी जाएगी।
बैठक में राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रियों तथा खाद्य और उपभोक्ता मामले विभागों के सचिवों ने हिस्सा लिया। कुछ राज्यों ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
बैठक में जुलाई-दिसम्बर 2015 की अवधि के दौरान अनिवार्य वस्तुओं, दालों, खाद्य तेलों, चावल, टमाटर और आलू जैसी वस्तुओं की आपूर्ति उचित दामों पर सुनिश्चित करने के लिए एक कार्य योजना पर सहमति व्यक्त की गई।
कार्य योजना के अनुसार जमाखोरों और कालाबाजारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य आपूर्ति की कमी की आशंका वाले क्षेत्रों का पता लगाएंगे ताकि आम जरूरत की चीजों का भंडार समाप्त होने की स्थिति पैदा ना हो। राज्यों में मौजूदा मूल्य निगरानी प्रकोष्ठों को मजबूत बनाया जाएगा ताकि वे मंडियों में थोक मूल्यों के आधार पर विशेष वस्तूओं के दामों पर निगरानी रख सकें। इससे राज्य जरूरत पड़ने पर सही समय पर बाजार में हस्तक्षेप कर सकेंगे।
बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को कारगर ढंग से लागू करने का महत्व उजागर किया गया यह अधिनियम अभी चौबीस राज्यों में लागू होना है। राज्यों से अनुरोध किया गया कि वे इस अधिनियम को शीघ्र लागू करने के उपाय करें। आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, झारखण्ड, केरल और लक्षद्वीप ने आश्वासन दिया कि वे इस अधिनियम को आगामी सितम्बर तक लागू कर देंगे।