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स्तन कैंसर के प्रति जागरूक रहकर तत्काल उपचार करायें

उत्तर प्रदेश
के0जी0एम0यू0 के वरिष्ठ कैंसर चिकित्सक के अनुसार अक्टूबर माह को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। कुछ सावधानियां और इस बीमारी के बारे में पर्याप्त जानकारियां प्राप्त कर स्तन कैंसर से राहत पा सकते है।
स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाली सबसे बड़ी बीमारियों में से एक है। हालांकि स्तन कैंसर पुरूषों को भी हो सकता है, लेकिन पुरूषों की तुलना में महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा होती है। अधिकतर महिलाएं कैंसर की जल्द पहचान और इलाज कराकर इससे निजात पा सकती है।
कैंसर प्रमुख रूप से असामान्य कोशिकाओं के समूह के अनियंत्रित रूप से बढ़ने के कारण होता है। ऐसी कोशिकाओं का समूह अक्सर ट्यूमर का निर्माण करता है। स्तन कैंसर में ट्यूमर आसपास के टिश्यूज में भी विकसित हो जाता है और कभी-कभी शरीर के अन्य भागों तक भी फैल जाता है। धूम्रपान, मोटापा, व्यायाम की कमी और अस्वाध्यकर भोजन आदि से स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। स्तन कैंसर के मामले में महिलाएं प्रायः सबसे पहले स्तन में गाँठ का अनुभव करती है तथा कुछ मामले में तेज दर्द या स्तन मुलायम होने का भी अनुभव कर सकती है।
स्तन कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों में स्तन (निप्पल) के आकार में परिवर्तन, एक नयी गांठ जो अगली माहवारी के बाद भी खत्म न होना, स्तन के निप्पल से लाल, भूरे या पीले रंग के स्राव का निकलना, स्तन का लाल होना, सूजन या बगल में गांठ होना, काॅलरबोन या कांख के पास सूजन या गाठ आदि होना।
स्तन कैंसर के बारे में जानकारी करने का सबसे अच्छा तरीका मैमोग्राफी है। कैंसर की पहचान करने के लिए जरूरत पड़ने पर बाॅयोप्सी की जाती है।
इन दिनों आधुनिक ब्रेस्ट सर्जरी से केवल कैंसर ग्रस्त भाग को निकाल कर उपचार दिया जाता है। इससे मरीज को कम दर्द, तेजी से घाव ठीक होना, संक्रमण का कम जोखिम व अस्पताल में कम समय तक रूकना पड़ता है।

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