नई दिल्ली: प्रधानमंत्री की कजाकस्तान गणराज्य की यात्रा से एक महीने पहले केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज यहां उद्योग भवन में कजाकस्तान के निवेश और विकास मंत्री श्री एसेत इसेकेशेव के नेतृत्व में कजाकस्तान से आये शिष्टमंडल से मुलाकात की। दोनों देशों के बीच विशेषकर खनन क्षेत्र में पारस्परिक सहयोग पर उच्चस्तरीय बाचचीत हुए। कजाकस्तान के साथ प्रस्तावित साझेदारी का स्वागत करते हुए श्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार पारस्परिक विकास और औद्योगिक विकास में तेजी लाने के लिए दूसरे देशों की सरकारों तथा उद्योगों के साथ सहयोग के प्रति सकारात्मक और सक्रिय है।
उन्होंने कहा कि भारत कजाकस्तान के साथ आगे आर्थिक साझेदारी के प्रति आशान्वित है। इस बैठक में खान सचिव श्री अनुप के. पुजारी, अपर सचिव (खान) श्री ए.एस.श्रीधरन, एनएमडीसी के सीएमडी श्री एन.कोठारी, इस्पात मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात और खान प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कजाकस्तान की ओर से भारत में कजाकस्तान गणराज्य के राजदूत श्री सरसेनबायेब बोलट, कजाकस्तान के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और उद्योगों के प्रमुख मौजूद थे।
श्री तोमर ने कजाकस्तान के शिष्टमंडल को बताया कि खनन संपदा सम्पन्न देश कजाकस्तान में खुदाई के काम में भारत की सरकारी क्षेत्र की कंपनियां दिलचस्पी रखती हैं। उन्होंने एनएमडीसी द्वारा ग्रीन फिल्ड परियोजनाओं विशेषकर लौह अयस्क, कोयला तथा पोटाश में अन्वेषण कार्य के प्रस्ताव पर फिर से विचार करने का आग्रह किया। श्री तोमर ने बताया कि भारतीय खनन ब्यूरो (आईबीएम) तथा भारतीय भू-गर्भ सर्वेक्षण (डीएसआई) नियमन, देखरेख, नीतिनिर्धारण, नीति कार्यान्वयन तथा क्षमता विकास से संबंधित क्षेत्रों में उद्योग को आवश्यक प्रशिक्षण देने को तैयार हैं। श्री तोमर ने सहयोग के क्षेत्रों के अध्ययन तथा दोनों देशों के बीच सहमति पत्र का मार्ग प्रशस्त करने के लिए कार्य समूह बनाने के विचार का स्वागत किया।
श्री एसेदइसेकेशेव ने बताया कि कजाकस्तान ने इरान होते हुए बंदर अब्बास बंदरगाह तक रेल संपर्क विकसित किया है। इससे खनिजों के परिवहन संबंधी सभी समस्याएं दूर होंगी। उन्होंने कजाकस्तान के सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की सभी कंपनियों द्वारा भारतीय कंपनियों के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने बताया कि तांबा, जस्ता, सोना, लॉह अयस्क, टंगस्टन, में सम्पन्न होने के अतरिक्त कजाकस्तान इस्पात उत्पादन क्षेत्र में प्रवेश कर गया है। उन्होंने अन्वेषण और खनन क्षेत्र में भारत से सहयोग की इच्छा जताई। श्री तोमर ने कजाकस्तान के शिष्टमंडल से प्रस्तावित साझेदारी की सूची मांग ताकि संबद्ध कंपनियां इस दिशा में आगे बढ़ें।