नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग द्वारा गठित फिनटेक संबंधी मुद्दों पर संचालन समिति ने आज केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती सीतारमण को उनके कार्यालय में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
समिति का गठन तत्कालीन वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री अरुण जेटली द्वारा 2018-19 (पैरा-75)में अपने बजट भाषण में की गई घोषणा का पालन करते हुए किया गया है। रिपोर्ट में दुनिया भर और भारत में फिनटेक के वर्तमान परिदृश्य की रूपरेखा की जानकारी दी गई है, इसके विकास से जुड़े विभिन्न विषयों का अध्ययन किया गया है और सिफारिशें की गई हैं कि फिनटेक संबंधी विनियमों को और लचीला बनाने तथा उद्यमिता बढ़ाने के लिए एमएसएमई के वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिएकिस प्रकारफिनटेक का लाभ उठाया जा सकता है। समिति की रिपोर्ट में शासन और वित्तीय सेवाओं में लागू करने वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है तथा फिनटेक नवोन्मेषों को सक्षम बनाने वाले विनियमों को अपग्रेड करने का सुझाव दिया गया है।
समिति ने सिफारिश की है कि भारतीय रिजर्व बैंक एमएसएमई के लिए नगदी प्रवाह आधारित वित्त पोषण संवर्धन है, जीएसटीएनद्वारा विधि मान्य टीआरईडीएस आंकड़ों पर आधारित एक खुला-एपीआई एमएसएमई स्टैक विकसित करने और टीआरईडीएस-जीएसटीएनके एकीकरण के इर्द-गिर्द तैयार विश्वसनीय ई-इनवायस की अवसंरचना और मानकीकरण के बारे में विचार कर सकता है।
यह भी सिफारिश की गई है कि बीमा कंपनियों और ऋण देने वाली एजेंसियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि फसल क्षेत्र, नुकसान और स्थान के आकलन के ड्रोन और रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सके, जिससे बीमा/ऋण देने वाले व्यवसाय में जोखिम कम हो सके।
निजी क्षेत्र की वित्तीय सेवाओं द्वारा प्रमुख रूप से अपनाई जा रही टेक्नोलॉजी की तेज गति को देखते हुए समिति ने वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) से सिफारिश की कि वह पीएसयू बैंकों के साथ काम करे, ताकि उनके काम में और तेजी आ सके तथा जालसाजी और सुरक्षा खतरों को कम किया जा सके। आर्टिफिशियल इनटेलिजेंस (एआई), ज्ञान संबंधी विश्लेषण और मशीन के ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए उनकी पिछली प्रक्रिया में स्वचलीकरण के स्तरों को बढ़ाने के लिए पर्याप्त अवसरों का पता लगाया जा सकता है।
समिति ने कृषि और एमएसएमई जैसे क्षेत्रों में फिनटेक नवोन्मेष के रचनात्मक प्रभाव पर प्रकाश डाला। उसने नाबार्ड से सिफारिश की कि वह किसानों के लिए एक ऋण रजिस्ट्री तैयार करने के लिए तत्काल कदम उठाए,जिसमें सहकारी समितियों सहित कृषि वित्तीय संस्थानों द्वारा कोर बैंकिंग समाधानों (सीबीएस) के साथ फिनटेक के इस्तेमाल पर विशेष जोर हो।
समिति ने एक राज्य की भूमि और पंजीकरण विभाग की भागीदारी से एक साझा राष्ट्रीय भूमि रिकॉर्ड मानकों पर आधारित एक समर्पित राष्ट्रीय डिजिटल भूमि रिकॉर्ड मिशन स्थापित कर भूमि के रिकॉर्ड के आधुनिकीकरण और मानकीकरण के लिए विशेष अभियान चलाने की सिफारिश की, ताकि वित्तीय संस्थानों के लिए ऑनलाइन आधार पर भूमि स्वामित्व आंकड़े उपलब्ध कराए जा सकें।
समिति ने फिनटेकऔर डिजिटल सेवाओं के बढ़ने को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता संरक्षण के लिए एक विस्तृत कानूनी ढांचा तैयार करने की सिफारिश की।
इसने वित्तीय क्षेत्र के सभी नियामकों द्वारा नियमन प्रौद्योगिकी अथवा रेग-टेक लागू करने का भी सुझाव दिया, ताकि नियमनों के आसान, शीघ्र और कारगर अनुपालन के लिए वित्तीय क्षेत्र के सेवा-प्रदाताओं द्वारा मानक विकसित किया जा सके और उसे लागू करने में सुविधा हो।
इसी प्रकार, इसने यह भी सुझाव दिया है कि वित्तीय क्षेत्र के नियामक पर्यवेक्षकीय प्रौद्योगिकी अथवा सुप-टेक, परीक्षण, तैनाती, निगरानी और मूल्यांकन के विशेष उपयोग के मामले के लिए एक संस्थागत कार्यक्रम विकसित करें।
इसके अलावा, वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में फिनटेक एप्लीकेशनों पर एक अंतर-मंत्रालयी संचालन समिति गठित की जाएगी, ताकि विशेषकर लेखा और संसाधन प्रबंधन, कल्याण सेवाओं, करारोपण और नागरिकों की शिकायतों के संचालन के मामले में, सरकारी वित्तीय प्रक्रियाओं और आवेदनों के संदर्भ में संभावित एप्लीकेशनों को ढूंढने एवं सुझाव देने सहित, इस रिपोर्ट को लागू करने के कार्य को निरंतर जारी रखा जा सके। जबकि, एफएसडीसी के तहत स्थापित अंतर-नियामक तकनीकी समूह (आईआरटीजी) ही फिनटेक पर अंतर-नियामक समन्वय का मंच होगा।
समिति के विमर्शों के बाद, फिनटेक के क्षेत्र में मंत्रालयों और नियामकों के बीच क्रियाकलापों में समन्वय कायम करने के लिए एक शीर्ष एजेंसी की जरूरत महसूस की गई। संबंधित मंत्रालयों के साथ फिनटेक पर समन्वय के लिए, वित्त मंत्रालय की आर्थिक कार्य विभाग के तहत निवेश संभाग में डिजिटल अर्थव्यवस्था और फिनटेक पर एक समर्पित टीम गठित की जा रही है।
आर्थिक कार्य विभाग के सचिव की अध्यक्षता में संचालन समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इलेक्टॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, वित्त सेवा विभाग के सचिव, सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव, केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्डके अध्यक्ष, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्डके कार्यकारी निदेशक, इन्वेस्ट इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समिति के अन्य सदस्य हैं। साथ ही, आर्थिक कार्य विभाग केअपर सचिव (निवेश) इस पैनल के संयोजक होंगे।
‘फिनटेकसे संबंधित मुद्दे पर संचालन समिति’ की रिपोर्ट की एक प्रति आज आर्थिक कार्य विभाग की वेबसाइट पर रखी गई है।